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रेलवे बटालियन की पहली पासिग आउट परेड, 301 जवान देशसेवा के लिए तैयार

301 जवानों ने शपथ ग्रहण की। उनको सम्मानित भी किया गया जो ट्रेनिग के दौरान पहले व दूसरे स्थान पर रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 06:22 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 06:22 AM (IST)
रेलवे बटालियन की पहली पासिग आउट परेड, 301 जवान देशसेवा के लिए तैयार
रेलवे बटालियन की पहली पासिग आउट परेड, 301 जवान देशसेवा के लिए तैयार

संवाद सहयोगी, जगाधरी वर्कशॉप :

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रेलवे सुरक्षा विशेष बल 9वीं वाहिनी में शनिवार को पासिग आउट परेड का आयोजन किया गया। जिसमें 301 जवानों ने शपथ ग्रहण की। ट्रेनिग के दौरान पहले व दूसरे स्थान पर रहने वाले जवानों को सम्मानित भी किया गया। आरपीएफ आइजी वीके ढाका ने सभी जवानों को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि 9वीं वाहिनी में यह पहली पासिग आउट परेड है। जवानों को जिस प्रकार से ट्रेनिग दी गई है, उसे देखकर लग रहा है कि सभी जवान देश सेवा के लिए तैयार हो चुके हैं। इस समय पूरे देश में 12 बटालियन में इस प्रकार की ट्रेनिग चल रही है। जिसमें 8500 में से 7500 जवान आउटडोर व इंडोर ट्रेनिग कर रहे हैं। 9वीं वाहिनी जगाधरी वर्कशॉप को एक वर्ष पहले की कमांडो बटालियन बनाया गया है। जिसमें कमांडो फार रेलवे सिक्योरिटी की विशेष ट्रेनिग दी जा रही है।

आधुनिक हथियार से लैस होते हैं आरपीएसएफ के जवान : ढाका

आरपीएसएफ के जवान आरपीएफ के जवानों से अलग होते हैं। यह जवान ड्यूटी के समय आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। आरपीएफ से ही कमांडो के लिए खास जवानों को चुना जाता है। यह जवान उन स्थानों पर ड्यूटी करते हैं जहां नए प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं जिसमें नक्सलवाद या आतंकवाद रुकावट डालने का प्रयास करता है। जहां कहीं क्राइम बढ़ता है तो वहां आरपीएसएफ को लगाया जाता है। नई तकनीक अपराधी को पकड़ने में मदद करती है

आइजी वीके ढाका ने बताया कि आरपीएफ के सामने हर दिन नई चुनौतियां आती रहती हैं और हम लोग उससे लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अपराधी को पकड़ने के लिए इंटेलिजेंट सिस्टम का भी उपयोग किया जाता है। जवानों को इसके लिए भी विशेष ट्रेनिग दी जा रही है। यहां से तैयार कमांडों को आतंकवाद या नक्सल प्रभावित राज्य में तैनात किया जाएगा। कोविड के समय में भी प्रशिक्षित किया गया : खान

कमांडिंग अधिकारी एसजेड खान ने कहा कि कोविड के समय में भी कैंपस में जवानों को ट्रेनिग देने का काम जारी रखा गया। इसके लिए यहां शारीरिक दूरी व अन्य बचाव के साधनों का विशेष ध्यान रखा गया। मार्च के लॉकडाउन के बाद हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती थी कि जवानों की ट्रेनिग कैसे पूरी कराई जाए। 301 जवानों में 3 प्रतिशत जवान बीटेक व एमटेक हैं। 43 प्रतिशत ग्रेजुऐट हैं 47 प्रतिशत 12वीं पास हैं और सात प्रतिशत दसवीं पास हैं। इनमें से दो नेशनल खिलाड़ी व बहुत से जवान स्पो‌र्ट्स में अव्वल हैं।


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