बिजली किल्लत के लिए एसई से मिले किसान, आपूर्ति सुचारू करने की मांग
खेतों में बिजली आपूर्ति बाधित रहने से परेशान किसान भारतीय किसान संघ के बैनर तले सोमवार को एसई बिजली निगम योगराज से मिलने पहुंचे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खेतों में बिजली आपूर्ति बाधित रहने से परेशान किसान भारतीय किसान संघ के बैनर तले सोमवार को एसई बिजली निगम योगराज से मिलने पहुंचे। ट्यूबवेल पर दो-दो दिन बिजली सप्लाई नहीं की जाती। यही हाल घरेलू बिजली के हैं। छह फीडर ऐसे हैं जो अक्सर ब्रेकडाउन रहते हैं। बिजली न के बराबर दी जा रही है। वर्ष 1960 में जो तारों की लाइन डाली गई थी वो नहीं बदली गई। 59 वर्ष में तार जर्जर हो चुके हैं। एसई ने एरिया के एसडीओ को समस्या दूर करने के निर्देश दिए।
किसान मदन भगत, राजकुमार, सुरेश, मोहकम सिंह, रामबीर ने एसई को बताया कि खेतों में बिजली आपूर्ति का बुरा हाल है। इसके चलते किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। वे लोग सीजन से पहले ही अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे हैं कि समय रहते तारों को बदला जाए। ओवरलोड ट्रांसफार्मर पर लोड कम किए जाए, जिससे किसानों को दिक्कत न हो। लेकिन उनकी बात पर अधिकारियों ने गौर नहीं किया। अधिकारियों की लापरवाही से हजारों किसानों को परेशानी हो रही है। सीजन से पूर्व अधिकारी गौर फरमाते तो किसान को धान रोपाई में परेशानी का सामना न करना पड़ा। ये फीडर रहते हैं ब्रेकडाउन
किसानों ने बताया कि केवल खेतों पर ही घरेलू बिजली की हालात भी अच्छी नहीं है। 24 में से पांच घंटे बिजली आपूर्ति दी जाती है। गांवों में अंधेरा पसरा रहता है। इससे दिनचर्या प्रभावित हो रही है। किसान श्याम सिंह, डॉ. बलकिशन, नीरज, सुखविद्र, कुलवंत सिंह ने एसई को दिए ज्ञापन में बताया कि अक्सर तार टूट जाते हैं। रायपुर फीडर ज्यादा खराब रहता है। दूसरे बागवाली, खुंडेवाला, मालीमाजरा, कपूरी, मारवाह फीडर अक्सर ब्रेक डाउन रहते हैं। फोटो : 06
पुराने तार नहीं बदले गए : श्याम सिंह
दुसानी निवासी श्याम सिंह ने बताया कि पुराने तार हो चुके हैं। जर्जर अवस्था में हैं। इसकी जानकारी बिजली निगम को है। उसके बाद भी तारों को बदला नहीं गया। आए दिन तार टूट जाते हैं। इसको ठीक कराने के लिए सैकड़ों फोन अधिकारियों को करने पड़ते हैं। तब जाकर कही तार ठीक किए जाते हैं। उनकी मांग है कि फाल्ट को समय से दूर किया जाए, जिससे परेशानी न झलेनी पड़े। फोटो : 07
शिकायतों को दबाए रखते हैं : सुशील
लक्सीबांस निवासी सुशील ने बताया कि बिजली निगम के अधिकारी ठीक तरह से काम नहीं करते। शिकायतों को दबाए रखते हैं। इनकी मनमर्जी का परिणाम है किसान धान रोपाई नहंीं कर पा रहे। हर वर्ष यही परेशानी किसानों को उठानी पड़ती है। पूरा सीजन वायदों में बिता दिया जाता है। जिस भी अधिकारी को फोन पर शिकायत दर्ज कराते हैं वो समस्या हल करने की बजाए दूसरे पर जिम्मेदारी टाल देता है। फोटो : 08
अधिकारी नहीं उठाते फोन : सुरेशपाल
सुरेशपाल ने बताया कि किसानों के बिल रुके हैं। जो लाखों रुपये में है। उनकी मांग है कि बिल की तीन किस्त बनाई जाए। जिससे किसान आसानी से बिजली निगम को बिल जमा करा सके। किसी का इसके अभाव में कनेक्शन नहीं काटा जाए। दूसरा सरकारी फोन भी बिजली निगम के अधिकारी और कर्मचारी उठाना पसंद नहीं करते। सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाने चाहिए।