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गंदगी से आस्था होती आहत, छठ पर्व पर भी नहीं स्वच्छता के प्रबंध

सूर्य उपासना का महापर्व छठ का आगाज आज से हो जाएगा। वैसे पश्चिमी यमुना नहर के किनारों पर दो नवंबर की शाम व तीन की सुबह मनाया जाएगा। यहां गिर रही गंदगी आस्था को प्रभावित करेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 06:50 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 06:50 AM (IST)
गंदगी से आस्था होती आहत, छठ पर्व पर भी नहीं स्वच्छता के प्रबंध
गंदगी से आस्था होती आहत, छठ पर्व पर भी नहीं स्वच्छता के प्रबंध

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सूर्य उपासना का महापर्व छठ का आगाज आज से हो जाएगा। वैसे पश्चिमी यमुना नहर के किनारों पर दो नवंबर की शाम व तीन की सुबह मनाया जाएगा। यहां गिर रही गंदगी आस्था को प्रभावित करेगी। पर्व के दौरान भी इसमें गिरने वाले गंदे नाले के पानी को डाइवर्ट नहीं किया गया। आजाद नगर घाट पर किनारों पर ही कीचड जमा है। यहां पानी बहुत कम है। गंदगी के कारण वातावरण दूषित है।

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बृहस्पतिवार को नहाय-खाय के साथ पर्व शुरू होगा। इस आस्था के महापर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है। यमुना के दोनों किनारे पर छठ मनाया जाता है। आजाद नगर, बाडी माजरा, दडवा घाट, फतेहपुर, बूड़िया पुल के नजदीक, हमीदा हेड पर पर्व मनाने श्रद्धालु आते हैं। दौरे के दौरान सामने आया कि आजाद नगर घाट पर नाले का पानी यमुना में गिर रहा था। यहां आए श्रद्धालु उमेश ने बताया कि वे पानी की स्थिति और सफाई देखने आए थे। मुख्य पूजा के दिन वे इस घाट पर नहीं आएंगे। इससे थोड़ी दूरी जाकर पूजा करेंगे। क्योंकि इस एरिया में चाहकर भी श्रद्धालु खड़े होकर उपासना नहीं कर पाएंगे। छठी मैया भी ऐसे पूजा से कैसे खुश होगी पता नहीं।

नहीं लगाई लाइट

यहां बड़ी संख्या में बिजली के पोल लगे हैं। आधे से ज्यादा से लाइट गायब है। पर्व एक दिन बाद है। अभी तक रोशनी के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। यहां आए श्रद्धालु राजेंद्र, सिद्धार्थ ने बताया कि पर्व शाम का है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचती है। दिन ढलते ही अंधेरा हो जाता है। उनकी प्रशासन से यही मांग है कि समय रहते यहां रोशनी के प्रबंध किए जाए। यहां 130 सोडियम लाइट लगाई जानी है।

पटरी बढ़ाएगी परेशानी

यमुना पटरी को ठीक नहीं किया गया। सारी पटरी खस्ताहाल है। इस पर चलते वक्त गिरने का डर बना रहता है। पर्व के दौरान मेले से माहौल रहता है। ध्यान न दिए जाने पर पाव स्लिप होने के खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता। पूर्वाचल कल्याण सभा के सेक्रेटरी गुरचरण लांबा का कहना है कि हर वर्ष मांग करते हैं कि समय रहते इस तरफ प्रशासन को ध्यान देना चाहिए, जिससे श्रद्धालुओं की समस्या दूर हो सके। इस बार भी देरी की है। प्रशासन की ओर से तैयारी में रुचि नहीं दिखाई जा रही।


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