संशोधित कोर्ट के आदेश के बाद भी निशानदेही नहीं करवा रहे अधिकारी, विरोध में पीड़ित ने तेल डालकर की आत्मदाह की कोशिश
कंडरौली गांव में निशानदेही कराने की सूचना के बाद भी अधिकारी नहीं पहुंचे। विरोध में ग्रामीण तहसील में पहुंच गए।
संवाद सहयोग, रादौर : कंडरौली गांव में निशानदेही कराने की सूचना के बाद भी अधिकारी नहीं पहुंचे। विरोध में ग्रामीण तहसील में पहुंच गए। वहां पर ग्रामीणों ने अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पीड़ित सन्नी ने तेल छिड़ककर आग लगाने की भी कोशिश की। बाद में उसे अन्य लोगों ने रोका। हंगामा बढ़ने पर डीएसपी अजय राणा रादौर व जठलाना पुलिस के साथ पहुंचे और ग्रामीणों को बुधवार को निशानदेही कराने का आश्वासन दिया।
दरअसल, सन्नी ने गांव के बाहर ही अपने खेत में मकान बना रखा है। उसके खेत के पीछे बल¨वद्र ने अवैध कब्जा कर पानी छोड़ रखा है। इस मामले में सन्नी पक्ष ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने अधिकारियों को निशानदेही करवाने के आदेश दिए। चार माह पहले यह आदेश दिए गए थे, लेकिन अधिकारियों ने निशानदेही नहीं करवाई। जिस पर दोबारा फिर कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर कोर्ट ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में निशानदेही करवाने के आदेश दिए। सन्नी पक्ष को
तहसीलदार नवनीत कुमार ने पत्र भेजकर कंडरौली में निशानदेही कराने की सूचना दी थी। मंगलवार को यह निशानदेही होनी थी। कंवरपाल व सोमा के मुताबिक कोर्ट ने निशानदेही कराने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को ग्रामीण अधिकारियों का इंतजार करते रहे, लेकिन दोपहर तक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। जिससे गुस्साए ग्रामीण तहसील में पहुंच गए और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारी कब्जाधारियों से मिले हुए हैं। जिस वजह से वह निशानदेही नहीं कर रहे हैं। हंगामा बढ़ने पर रादौर व जठलाना थाने से पुलिस पहुंची और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। बाद में डीएसपी अजय राणा पहुंचे और बुधवार को निशानदेही करवाने का आश्वासन दिया।
उधर, तहसीलदार नवनीत कुमार ने बताया कि गांव कंड्रौली में निशानदेही कंप्यूटर मशीन से होनी है। निशानदेही के लिए 13 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन पुलिस सहायता न मिलने के कारण मंगलवार को निशानदेही नहीं हो सकी है। कोई विवाद न हो इसके लिए पुलिस सहायता की मांग की गई थी, लेकिन बिना पुलिस सहायता के निशानदेही नहीं की जा सकती। वहीं जठलाना थाना प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि गांव कंड्रौली में निशानदेही के लिए तहसीलदार ने पुलिस सहायता मांगी थी, लेकिन छठ पूजा होने के कारण पुलिस वहां ड्यूटी में व्यस्त थी। इसलिए पुलिस नहीं भेजी जा सकी।
पहले भी चार बार दे चुके सूचना :
निशानदेही का खर्च सन्नी पक्ष को देना है। निशानदेही कंप्यूटर मशीन से होनी है। इसके लिए एक बार का किराया करीब 20 हजार रुपये है। सन्नी का कहना है कि पहले भी चार बार इस तरह से उन्हें किराया देना पड़ा। 80 हजार रुपये वह दे चुके हैं। लेकिन अधिकारियों ने निशानदेही नहीं करवाई। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ। तहसीलदार ने पत्र भेजा था। इसके बावजूद भी निशानदेही करवाने नहीं पहुंचे।