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कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क लगवाने के नाम पर ठगे आठ लाख 25 हजार रुपये

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर गांव नागल निवासी महावीर से आठ लाख 25 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोप चांदपुर निवासी ज्योतिषाचार्य गगनदेव भारती उसके बेटे रोशन भारती व फ्रेंडस कालोनी निवासी आरती संधू व उसके भाई सोनू संधू पर लगा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 07:14 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 07:14 AM (IST)
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क लगवाने के नाम पर ठगे आठ लाख 25 हजार रुपये
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क लगवाने के नाम पर ठगे आठ लाख 25 हजार रुपये

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर गांव नागल निवासी महावीर से आठ लाख 25 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोप चांदपुर निवासी ज्योतिषाचार्य गगनदेव भारती, उसके बेटे रोशन भारती व फ्रेंडस कालोनी निवासी आरती संधू व उसके भाई सोनू संधू पर लगा है। आरोप है कि आरोपितों ने उससे पैसे लेकर उसे ज्वाइनिग लेटर थमा दिया। जब वह ज्वाइनिग लेटर यूनिवर्सिटी में गया, तो पता लगा कि यह फर्जी है। इसके बाद उसे ठगी का पता लगा। मामले में शहर यमुनानगर थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, गगन देव भारती व उसके लड़के रोशन भारती ने चांदपुर स्थित अपने घर में मंदिर बनाया हुआ है। यहीं पर वह ज्योतिष का भी कार्य करते हैं। यहां पर नागल निवासी महावीर का आना जाना था। एक दिन गगन देव भारती ने महावीर से कहा कि उसकी बड़े अधिकारियों व नेताओं के साथ जान पहचान है। कई युवाओं को वह नौकरी दिलवा चुका है। उसकी भी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवा देगा। इसके लिए आरोपितों ने दस लाख रुपये मांगे। बाद में सौदा आठ लाख 25 हजार रुपये में तय हुआ। सौदा तय होने पर दोनों आरोपितों ने उसे आरती संधू व सोनू संधू से मिलवाया और कहा कि नौकरी दिलवाने का काम यही देख रहे हैं। आरोपितों ने अलग-अलग तारीखों पर उससे आठ लाख 25 हजार रुपये ले लिए। चंडीगढ़ ट्रेनिग कराने का दिया झांसा : पांच मार्च 2020 को आरोपित उसके पास आए और कहा कि 15 से 20 दिन में क्लर्क के पद पर नौकरी लग जाएगी। इसके लिए चंडीगढ़ ट्रेनिग होगी। कुछ दिनों बाद महावीर को आरोपित अपने साथ लेकर गए और यूनिवर्सिटी के बाहर खड़ा कर दिया। इसके बाद आरोपित अंदर चले गए। वहां से कुछ देर बाद आए और उसे आश्वास्त किया कि दो दिन बाद उसका ज्वाइनिग लेटर आ जाएगा। इसके बाद आरोपितों ने उसे ज्वाइनिग लेटर दिया। जब महावीर इस लेटर को लेकर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में गए तो वहां पर पता लगा कि यहां इस तरह का कोई पद खाली नहीं है। यह ज्वाइनिग लेटर भी फर्जी है। यह पता लगते ही वह तुरंत आरोपितों के घर पहुंचा और उनसे बात कर अपने पैसे वापस मांगे। इस पर आरोपित उसके साथ गाली गलौज करने लगे और उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे।

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