जिन कर्मचारियों की बदौलत चमका रेलवे वर्कशाप, उनकी कालोनी में नहीं सुविधा व सुरक्षा के बंदोबस्त
रेलवे वर्कशाप जो अपने काम के दम पर पूरे उत्तर भारत में अपनी विशेष पहचान रखती है। इसे चमकाने का श्रेय जाता है वर्कशाप में काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को परंतु जिस कालोनी में रेलवे कर्मचारी रहते हैं उसमें वह सुरक्षित बिल्कुल भी नहीं है। 490 एकड़ से अधिक जगह में बसी रेलवे कालोनी में सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में रेलवे कालोनी में हत्या लूट स्नेचिग व चोरी समेत पता नहीं कितनी वारदातें हो चुकी हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
रेलवे वर्कशाप जो अपने काम के दम पर पूरे उत्तर भारत में अपनी विशेष पहचान रखती है। इसे चमकाने का श्रेय जाता है वर्कशाप में काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को, परंतु जिस कालोनी में रेलवे कर्मचारी रहते हैं उसमें वह सुरक्षित बिल्कुल भी नहीं है। 490 एकड़ से अधिक जगह में बसी रेलवे कालोनी में सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में रेलवे कालोनी में हत्या, लूट, स्नेचिग व चोरी समेत पता नहीं कितनी वारदातें हो चुकी हैं। इसके बावजूद रेलवे अधिकारियों ने कालोनी की सुरक्षा का बिल्कुल भी प्रबंध नहीं किया। कालोनी में एंट्री का कोई एक नहीं बल्कि दर्जनों रास्ते हैं। अपराधी यदि कालोनी के एक हिस्से में वारदात कर दे तो किसी भी रास्ते से आसानी से फरार हो सकते हैं। कालोनी में हैं 2500 से अधिक क्वार्टर : रेलवे कालोनी में 2500 से अधिक क्वार्टर हैं। करीब 10 हजार की आबादी है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां कुछ नहीं। न तो यहां पर सीसीटीवी का इंतजाम है और न ही बाउंड्री वाल। चारों और बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हुई है। शाम होते ही घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। कालोनी के लोग कई बार अधिकारियों के सामने कालोनी की चारदीवारी व साफ सफाई कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। यहां तक की कालोनी के लोग कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी के सामने भी रेलवे कालोनी की सुरक्षा का मुद्दा उठा चुके हैं। क्योंकि कालोनी उनके ही लोकसभा क्षेत्र में आती है। परंतु आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। महिला कर्मचारी की हो चुकी हत्या : वर्ष 2020 में रेलवे कालोनी में महिला कर्मचारी की हत्या कर दी गई थी। वह क्वार्टर में अकेली रहती थी। वारदात का पता भी उस समय लगा, जब दूध बेचने वाला आया। इस वारदात के बाद से कालोनी के लोगों में और भी दहशत बढ़ गई थी। इससे पहले भी कई बार महिलाओं से यहां पर छीना झपटी की वारदातें हो चुकी हैं। क्वार्टरों में अक्सर चोरियां होती रहती हैं। कालोनियों में क्वार्टरों के सामने व आसपास इतनी लंबी झाड़ियां उगी हैं कि इनकी आड़ में घर में नहीं दिखते। जब किसी बड़े अधिकारी का वर्कशाप में आना होता है तो अधिकारी मुख्य सड़कों के सामने साफ सफाई करवा देते हैं ताकि सामने से सब सुंदर लगे। कई बार उठा सुरक्षा का मुद्दा : रेलवे कालोनी में सुरक्षा का मुद्दा कई बार उठ चुका है। रेलवे यूनियनें भी इस मामले में अधिकारियों को लगातार पत्र भेज रही हैं, लेकिन अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। नार्दन रेलवे इंप्लाइज यूनियन ने भी मुख्य कारखाना प्रबंधक को इस संबंध में पत्र भेजा हुआ है। पत्र में कहा गया कि रेलवे कालोनी में सीसीटीवी लगाए जाएं। जिससे कोई भी संदिग्ध कालोनी में आता है, तो उसकी गतिविधि पर निगरानी रहे। रेलवे क्वार्टरों की दीवारें ऊंची की जाएं। इस समय क्वार्टरों की दीवारें काफी छोटी हैं। इनमें कोई भी आसानी से घुस सकता है। रेलवे कालोनी के चारों और दीवार होनी चाहिए।