महिला उत्पीड़न के लिए दहेज प्रथा भी जिम्मेदार: सिद्धू
दहेज उन्मूलन कानून 1961 व दहेज हत्या को रोकने बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न के लिए दहेज प्रथा भी जिम्मेदार है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर:
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कोविड 19 से बचाव के नियमों का पालन करते हुए दहेज उन्मूलन कानून पर वेबिनार आयोजित किया। संचालन अधिवक्ता वीपीएस सिद्धू ने किया। दहेज उन्मूलन कानून 1961 व दहेज हत्या को रोकने बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न के लिए दहेज प्रथा भी जिम्मेदार है। जो देश में कई सालों से चली आ रही है। लड़कियों से शादी के बाद उसकी ससुराल वाले पैसे, घरेलू और अन्य सामान की मांग करते हैं। पूरी न होने पर लड़कियों को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। कई बार हत्या तक कर दी जाती है। दहेज लेने, देने या इसमें सहयोग करने पर पांच वर्ष की कैद व 15 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर तीन साल की कैद व जुर्माना हो सकता है।