शादी के लिए दूल्हे की हो रही थी घुडचढ़ी, ..अचानक एेसा हुआ कि खुशी हो गई काफूर
शादी की रस्में चल रही थीं और दुल्हा घोड़ी पर सवार था। दूल्हा आरैर उसके परिजन बेहद खुश थे कि अचानक ऐसा हुआ कि सारा माहौल बदल गया। पढ़ें पूरी खबर।
जागरण संवाददाता, जगाधरी (यमुनानगर)। आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भीकुछ वर्गों की मानसिकता नहीं बदली है अौ कमजोर वर्ग के लोग दबंगों की मनामनी झेलने को मजबूर हैं। ऐसा ही नजारा क्षेत्र के कनालसी गांव में देखने को मिला। यहां एक दलित युवक की शादी थी और इसके लिए घुड़चढ़ी की रस्म चल रही थी। दूल्हा शादी खुश्ाियों से सराबोर घोड़ी पर चढ़ा ही था कि उसकी चेहरे की रौनक अचानक गायब हो गई। गांव के ही दूसरी जाति के लोगों ने उसे घोड़ी से नीचे उतार दिया। इसका विराेध करने पर दबंगों ने दूल्हे के परिजनों से मारपीट भी की गई।
बताया जाता है जिस वाहन पर डीजे लगा हुआ था, उसका शीशा भी तोड़ दिया गया। सूचना मिलते पर रात को ही थाना बूडि़या एसएचओ हरदीपेंद्र ङ्क्षसह गांव में गए। अभी दूल्हा पक्ष की तरफ से कोई शिकायत थाने में नहीं दी गई थी। सभी घटना से सहमे हुए हैं और पुलिस को श्ािकायत देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
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सोमवार रात कनालसी निवासी पालाराम के बेटे कर्मचंद की शादी थी। रात को गांव में घुड़चढ़ी की रस्म की जा रही थी। कर्मचंद की मां लीला देवी ने बताया कि घुड़चढ़ी के दौरान उन्होंने गांव में बने सभी चार धार्मिक स्थानों पर बेटे के साथ मत्था टेका।
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लीला देवी ने बताया कि वे जब गांव में बनी गोगा माड़ी पर जा रहे थे तो एक दंबग जाति के परिवार के लोगों उन्हें यह कहकर रोक लिया कि वे घोड़ी पर चढ़ने की रस्म अदा क्यों कर रहे हैं। यह अधिकार उनको नहीं है। इस रस्म पर सिर्फ उनका ही अधिकार है, दलित का नहीं।
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लीला देवी ने बताया कि जब उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने इसका विरोध किया तो दूसरे पक्ष ने उसके साथ झगड़ा किया। इसी बीच कुछ युवकों ने उसके डीजे वाली गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। उसके रिश्तेदारों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी। कर्मचंद की मौसी माया, गांव की रितु, संतोष, मीना आदि ने बताया कि रात को उन पर गलत तरीके से हमला किया गया। वे तो शांतिपूर्वक मत्था टेकने जा रहे थे, लेकिन दूल्हे को घोड़े से उतार दिया गया। वे इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे।
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दूसरे पक्ष ने कहा, आरोप निराधार
गांव की सरपंच मंजू देवी के पति राजकुमार और पूर्व सरपंच मेघ सिंह का कहना है कि मारपीट और घोड़ी से नीचे उतारने के आरोप निराधार हैं। दलित जाति के लोग रात 11 बजे शराब के नशे में धुत होकर डीजे बजा रहे थे। इसकी जानकारी उन्हें पंडित सोमपाल ने दी। उन्होंने देखा कि वे लोग आपस में लड़ रहे हैं। वे उन्हें समझाने के लिए गए थे।
उन्होंने कहा कि पालाराम का परिवार घर जाने के बाद दोबारा उनके पास आए और उन पर हमला कर दिया। गांव में आपसी माहौल न बिगड़े इसलिए वे चुप रहे। राजकुमार का कहना है कि अब यह मामला पंचायत में रखा जाएगा।
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बूडि़या एसएचओ हरदीपेंद्र सिंह ने बताया कि सोमवार रात घुड़चढ़ी रोकने की सूचना आई थी। उसके बाद वह मौके पर पहुंचे। सरपंच और पुलिस के प्रयास से मामला सुलझ गया था। अब तक किसी भी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं दी है।