यमुना नदी का जलस्तर घटने के बावजूद हो रहा भूमि कटाव, किसान परेशान
यमुना नदी के साथ लगते किसानों को भूमि कटाव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। गांव संधाला के समीप किसानों की करीब चार से पांच एकड़ भूमि में इस समय कटाव हो रहा है। जिसमें गन्ने व गेहूं की फसल खड़ी है। किसानों का आरोप है कि अभी यमुना नदी में जलस्तर इतना अधिक भी नहीं है फिर भी भूमि कटाव हो रहा है। यह सब नियमों के विपरीत किए जा रहे खनन का नतीजा है।
संवाद सहयोगी, रादौर: यमुना नदी के साथ लगते किसानों को भूमि कटाव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। गांव संधाला के समीप किसानों की करीब चार से पांच एकड़ भूमि में इस समय कटाव हो रहा है। जिसमें गन्ने व गेहूं की फसल खड़ी है। किसानों का आरोप है कि अभी यमुना नदी में जलस्तर इतना अधिक भी नहीं है फिर भी भूमि कटाव हो रहा है। यह सब नियमों के विपरीत किए जा रहे खनन का नतीजा है। जिसको लेकर किसान रविवार को गांव संधाला में किसानों की बैठक में रखेंगे और आगामी रणनीति तैयार करेंगे।
किसान नेता व पूर्व जिला परिषद सदस्य शिवकुमार संधाला ने बताया कि पिछले दिनों पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद यमुना नदी में पानी का जलस्तर कुछ बढ़ गया था। अब यह जलस्तर कम हो रहा है। जिससे उनके गांव में समीप यमुना नदी के साथ लगती भूमि में कटाव होना शुरू हो गया है। यह पहली बार हो रहा है कि इतने कम जलस्तर में भी भूमि कटाव हो रहा है। खेतों में इस समय गन्ने व गेहूं की फसल खड़ी है। भूमि कटाव होने से वह भी खराब हो रही है। उनके अलावा किसान रामकुमार, राजकुमार, नरेश कुमार व लालछप्पर के किसान यशपाल व घनश्याम की भूमि में भी कटाव होना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यह सब नियमों के विपरीत होने वाले खनन कार्यों का नतीजा है। जिसके लिए वह कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मांग कर चुके हैं, लेकिन किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अब भूमि कटाव का नुकसान किसानों को होगा।