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डिपो होल्डरों को कार्यालय में जमा करानी होंगी जूट की बोरियां, सीजन में होगी धान की भराई

धान की रोपाई से पहले ही सरकार ने मंडियों में इसे समेटने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 07:48 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 07:48 AM (IST)
डिपो होल्डरों को कार्यालय में जमा करानी होंगी जूट की बोरियां, सीजन में होगी धान की भराई
डिपो होल्डरों को कार्यालय में जमा करानी होंगी जूट की बोरियां, सीजन में होगी धान की भराई

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : धान की रोपाई से पहले ही सरकार ने मंडियों में इसे समेटने की चिता शुरू कर दी है। आगामी खरीफ सीजन में मंडियों में पहुंचे धान के लिए बारदाने की कमी न हो इसके लिए अब सस्ते अनाज के डिपो में आने वाले राशन की बोरियों की मदद ली जाएगी। इसके खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने सभी डीएफएससी को पत्र जारी किया है। जिसमें उन्हें कहा गया है कि डिपो पर जिन जूट की बोरियों में राशन सप्लाई होता है वह उसे संभाल कर रखें। इन बोरियों प्रयोग आगामी धान सीजन में धान डालने के लिए किया जाएगा। वहीं डिपो धारकों का कहना है कि एक साल से उनको कमीशन नहीं मिला। बोरियां बेचकर खर्च निकल जाता। अब उनको भी विभाग वापस ले रहा है। अधिकारियों को जल्द से उनकी कमीशन जारी करनी चाहिए।

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प्रदेश सरकार हर माह सस्ते अनाज के डिपो पर बीपीएल, ओपीएच व एएवाई परिवारों के लिए गेहूं, आटा, चीनी, नमक व तेल भेजती है। इनमें से केवल गेहूं की सप्लाई ही जूट की बोरियों में होती है। लोगों को राशन देने के बाद डिपो होल्डर खाली बोरियों को बाजार बेच देते हैं। अगली बार सरकार फिर से नई बोरियों में गेहूं की सप्लाई करती है। परंतु अब सरकार जूट की इन खाली बोरियों का सदुपयोग करना चाहती है। आगामी सीजन में इन बोरियों को अनाज मंडियों में भेजा जाएगा। ताकि इनमें धान भरा जा सके। सरकार का यह कदम सराहनीय है। कोरोना महामारी के बीच इससे सरकार को काफी बचत होगी। बारदाना की कमी नहीं होगी

हर साल गेहूं व धान के सीजन में बरदाने की कमी देखने को मिलती है। आढ़ती हर बार आरोप लगाते हैं कि उन्हें पर्याप्त संख्या में बारदाना नहीं मिल रहा। जिस कारण वह धान को बोरियों में नहीं भर पा रहे। बारदाने की कमी से उठान में भी दिक्कत होती है। क्योंकि बिना बारदाना के धान मंडियों में ही पड़ा रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है जब मौसम खराब हो जाता है। बरसात होने पर ही धान मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा होने के कारण भीग जाता है। क्योंकि धान में नमी की मात्रा ज्यादा होती है। इसे सुखाने के लिए धान को सड़कों पर डालना पड़ता है। पहले ही व्यवस्था करनी चाहिए : शिवकुमार

आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला का कहना है कि हर बार खरीद सीजन में बारदाने की कमी देखने को मिलती है। इसलिए सरकार को अभी से इसके लिए पर्याप्त तैयारियां कर लेनी चाहिए। डिपो से मिलने वाली जूट की बोरियों से भी काफी लाभ होगा। पत्र जारी कर दिया है : कुशलपाल

डीएफएससी कुशलपाल भूरा का कहना है कि डिपो होल्डरों को अब जूट की खाली बोरियां हर माह कार्यालय में जमा करानी होगी। इन बोरियों का प्रयोग धान खरीद सीजन में होगा। इसके लिए सभी एएफएसओ व इंस्पेक्टर को पत्र जारी कर दिया है।


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