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दस माह से डिपो धारकों को नहीं मिली कमीशन, चार करोड़ रुपये बकाया

गरीब परिवारों को राशन बांटकर उनके चूल्हे जलाने वाले डिपो धारकों को अब अपने घरों का चूल्हा ठंडा होने का डर सता रहा है। वजह यह है कि डिपो धारकों को दस माह से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बांटी जा रही गेहूं पर मिलने वाला कमीशन नहीं मिला है। बता दें कि जिले में 600 से अधिक डिपो धारक है। इन डिपो धारकों का कमीशन का करीब चार करोड़ रुपये बकाया है। नवबंर 2020 के बाद से ही धारकों को कमीशन की राशि नहीं मिली है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:34 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:34 PM (IST)
दस माह से डिपो धारकों को नहीं मिली कमीशन, चार करोड़ रुपये बकाया
दस माह से डिपो धारकों को नहीं मिली कमीशन, चार करोड़ रुपये बकाया

संवाद सहयोगी, रादौर : गरीब परिवारों को राशन बांटकर उनके चूल्हे जलाने वाले डिपो धारकों को अब अपने घरों का चूल्हा ठंडा होने का डर सता रहा है। वजह यह है कि डिपो धारकों को दस माह से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बांटी जा रही गेहूं पर मिलने वाला कमीशन नहीं मिला है। बता दें कि जिले में 600 से अधिक डिपो धारक है। इन डिपो धारकों का कमीशन का करीब चार करोड़ रुपये बकाया है। नवबंर 2020 के बाद से ही धारकों को कमीशन की राशि नहीं मिली है।

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खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से जिले में 10 सेंटर बनाए गए है। जिसमें सबसे अधिक यमुनानगर सेंटर पर डिपो धारक हैं। यहां 160 डिपो धारक है। जबकि बिलासपुर में 96, जगाधरी में 89, रादौर में 66, छछरौली में 60, सरस्वती नगर में 56, साढौरा में 38, प्रतापनगर में 35, खारवन में 13 व जठलाना में नौ डिपो धारक है। इन डिपो से एक लाख 45 हजार राशन धारक जुड़े हैं। जिनको हर माह साढे़ छह लाख यूनिट को राशन वितरण हो रहा है।

नवबंर के बाद नहीं आया कमीशन :

डिपो होल्डर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बृजभूषण राणा ने बताया कि कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीब परिवारों को अतिरिक्त गेहूं देने की योजना चलाई गई थी। जिसके तहत ओपीएच, बीपीएल व एएवाइ श्रेणी के डिपो धारकों को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम गेहूं दिए जाने की योजना है। इसके बदले डिपो धारकों को केंद्र सरकार की ओर से कमीशन दिया जाता है। नवंबर 2020 में उनके पास करीब चार महीने का कमीशन आया था। जो जिले में करीब एक करोड़ 80 लाख के करीब था। लेकिन अब 10 माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन कमीशन नहीं आया है। करीब साढे़ चार करोड़ का कमीशन बकाया है।

डिपो होल्डरों पर बढ़ रहा आर्थिक बोझ :

बृजभूषण राणा ने बताया कि 10 माह का कमीशन न मिलने से लगातार आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। कुछ डिपो होल्डर तो ऐसे हैं जो पूरी तरह से इस कमीशन पर ही निर्भर है, लेकिन कमीशन न आने से अब उन्हें घर का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं हुआ तो उन पर आर्थिक बोझ और अधिक बढ़ जाएगा। कमीशन के लिए मुझसे मिलें :

डीएफएससी कुशल बूरा का कहना है कि कमीशन से संबंधित जब भी बजट आता है तो वह डिपो होल्डरों को उपलब्ध करा दिया जाता है। पहले भी बजट आते ही कमीशन दे दी गई थी। नियमित रूप से कमीशन डिपो होल्डरों को दिया जा रहा है। अगर किसी की कमीशन नहीं आई है तो वह उनसे मिल सकता है।


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