Move to Jagran APP

शहर से लेकर गांव तक फैला डेंगू, स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में मात्र आठ मरीज

शहर से लेकर गांव तक डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में भीड़ लगी है। स्वास्थ्य विभाग के पास इससे निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। अलग से वार्ड बनाया गया लेकिन वह केवल नाम का है। यहां पर कोई सुविधा नहीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 10:10 AM (IST)
शहर से लेकर गांव तक फैला डेंगू, स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में मात्र आठ मरीज
शहर से लेकर गांव तक फैला डेंगू, स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में मात्र आठ मरीज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर से लेकर गांव तक डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में भीड़ लगी है। स्वास्थ्य विभाग के पास इससे निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। अलग से वार्ड बनाया गया, लेकिन वह केवल नाम का है। यहां पर कोई सुविधा नहीं। निजी अस्पतालों में जहां इस समय डेंगू के अधिक मरीज आ रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में केवल आठ ही मरीज आए हैं। हालांकि संदिग्ध 95 मरीजों की रिपोर्ट का इंतजार है। जबकि गत वर्ष 49 केस डेंगू के मिले थे। 255 केस संदिग्ध मानते हुए जांच के लिए भेजे गए थे। इन जगहों पर मिला लारवा

loksabha election banner

बरसात की वजह से कुछ जगहों पर अभी भी पानी भरा हुआ है। जिसमें लारवा पनप रहा है। गंगानगर कॉलोनी, मुखर्जी पार्क, कल्याणनगर, शांति कॉलोनी, वासुदेव कॉलोनी, विष्णु गार्डन, सिविल लाइन जगाधरी, गुलाब नगर, छोटा मॉडल टाउन, चोपड़ा गार्डन, ग्रीन पार्क, करतारपुर, चोपड़ा गार्डन, इंद्रा गार्डन, लेबर कॉलोनी, चांदपुरा, गांधीनगर, विशाल नगर, आजाद नगर, जैन कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, खड्डा कॉलोनी, वीना नगर व जम्मू कॉलोनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम को डेंगू का लारवा मिला है। इसके अलावा पब्लिक हेल्थ के क्वार्टरों, जगाधरी में बीपीपीओ कार्यालय, शहर जगाधरी पुलिस थाना में भी लारवा मिला है। इन्हें विभाग ने नोटिस दिए हैं। एलाइजा टेस्ट है मान्य

डेंगू की कंफर्म जांच के लिए एलाइजा टेस्ट होता है। यह केवल सरकारी अस्पतालों में ही हो सकता है। निजी अस्पतालों में भी मरीज को संदिग्ध मानकर इलाज शुरू किया जाता है। इन्हें 80 प्रतिशत तक डेंगू होने की संभावना होती है। एक वजह यह भी है कि निजी अस्पताल संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में भेजते हैं, लेकिन वहां से कई-कई सप्ताह में रिपोर्ट आती है। ऐसे में यदि रिपोर्ट पर इलाज शुरू करने का इंतजार करें, तो मरीज की हालत बिगड़ने की संभावना रहती है। यही कारण है कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास केवल सात मरीजों को डेंगू होने की रिपोर्ट है। अन्य की अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। यह है बचाव

-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

-आसपास गड्ढों में जमा पानी में तेल डाल दें, ताकि लारवा न पनप सके।

-मकान की छत के ऊपर कोई ऐसा सामान न हो, जिसमें पानी जमा हो।

-सप्ताह में एक बार कूलर, होदी, गमले, पक्षियों के पीने के बर्तनों को साफ करें।

-वायरल होने पर पैरासिटामोल की गोली लें। यह हैं लक्षण :

-बीपी कम होना।

-सांस लेने में दिक्कत।

-फेफड़े या पेट में पानी भर जाना।

-पीलिया हो जाना। डेंगू से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अलग-अलग 40 टीमें बनाई गई है। यह गांवों व शहरों में सर्वे कर रही है। जहां पर लारवा मिलता है। उन्हें नोटिस दिए जाते हैं। साथ ही गड्ढों में भरे पानी में भी काला तेल डलवाया जा रहा है। फॉगिग कराने के लिए भी निगम को पत्र लिखा गया है।

-डॉ. कुलदीप सिंह, सिविल सर्जन गाबा अस्पताल के संचालक डॉ. बीएस गाबा का कहना है कि इस समय सबसे अधिक वायरल के मरीज आ रहे हैं। इनमें 50 प्रतिशत में डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं। मरीज को प्लेटलेट कम होने पर घबराना नहीं चाहिए। तुरंत डॉक्टर से उपचार शुरू करें। एक सप्ताह में मरीज ठीक हो सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.