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दशकों बीत गए, पर शहर में बस नहीं चला सका प्रशासन

कितने साल और दशक बीत गए परंतु आज तक शहर में बस चलाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। योजना सिरे भी तब चढ़ेगी जब बस चलाने का कोई प्लान हो। लोगों को कम खर्च पर सफर मिले इसे लेकर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 06:09 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 06:09 PM (IST)
दशकों बीत गए, पर शहर में बस नहीं चला सका प्रशासन
दशकों बीत गए, पर शहर में बस नहीं चला सका प्रशासन

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कितने साल और दशक बीत गए परंतु आज तक शहर में बस चलाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। योजना सिरे भी तब चढ़ेगी जब बस चलाने का कोई प्लान हो। लोगों को कम खर्च पर सफर मिले इसे लेकर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण लोग आज भी कंडम हो चुके आटो में तीन गुणा अधिक किराया देकर सफर करने को मजबूर हैं। इस बारे में यमुनानगर रोडवेज के ट्रैफिक मैनेजर संजय रावल का कहना है कि फिलहाल शहर में बस चलाने की कोई योजना नहीं हैं और न ही लोगों की तरफ से बस चलाने की कोई मांग आई है। 25 हजार लोगों को रोजाना फायदा

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यदि शहर में बस चले तो हर रोज 25 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा होगा क्योंकि बस का किराया आटो से आधा या फिर इससे भी कम होगा। दूसरा लोगों को अपनी जान भी जोखिम में नहीं डालनी पड़ेगी, क्योंकि अभी तो तीन सीट वाले आटो में आठ से दस सवारी तक लेकर चल रहे हैं। यहां तक कि आटो चालक अपने दाएं-बाएं भी तीन-तीन सवारियां बिठाकर चल रहे हैं। सवारी को देखते ही कहीं भी लगा देते ब्रेक

शहर में आटो खड़ा करने के 28 प्वाइंट चिह्नित हैं जहां पर एक साथ पांच से ज्यादा आटो खड़े नहीं हो सकते। कुछ साल पहले ट्रैफिक पुलिस ने रेलवे स्टेशन, भगत सिंह चौक, यमुनानगर बस स्टैंड, जगाधरी बस स्टैंड, महाराजा अग्रसेन चौक, कमानी चौक व जगाधरी वर्कशाप समेत कुछ जगहों पर आटो स्टैंड बनाए थे। परंतु आटो यहां खड़े होने की बजाय सड़क पर ही खड़े हो रहे हैं। सवारी को देखते ही चालक कहीं भी ब्रेक लगा देते हैं। कई बार तो पीछे से आ रहा वाहन आटो में भिड़ने से बचता है। तीन रूट पर चले बस तभी फायदा

जानकारों की मानें तो शहर में सिटी बस तभी कामयाब हो सकती है जब तीन रूट पर बस चले। एक बस जगाधरी बस स्टैंड से अग्रसेन चौक होते हुए रेलवे स्टेशन यमुनानगर जाए। इस रूट पर सबसे ज्यादा प्राइवेट व एक सरकारी अस्पताल व ट्रामा सेंटर है। दूसरा रेलवे स्टेशन यमुनानगर से जगाधरी वर्कशाप तक चले क्योंकि दोनों स्टेशन से बस स्टैंड यमुनानगर के लिए काफी सवारी है। साथ ही लोग खरीदारी के लिए भी जाते हैं। तीसरा रूट जगाधरी वर्कशाप से यमुनानगर बस स्टैंड होते हुए जगाधरी बस स्टैंड तक बने। इस तरह पूरा शहर इसमें कवर हो जाएगा। करीब नौ साल पहले रोडवेज ने रेलवे स्टेशन यमुनानगर व जगाधरी वर्कशाप के बीच दो बस चलाई थी। परंतु इस रूट पर सवारी कम होने से बस को बंद करना पड़ा। आटो का किराया न्यूनतम 20 रुपये है। इस वक्त तो रोडवेज के पास पिक बसें भी हैं जो साइज में छोटी हैं जो कम सवारी में भी आना जाना कर सकती हैं।


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