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निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की भीड़, सरकारी में जाने से गुरेज

कोरोना महामारी के बीच अब डेंगू सितम ढहा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 07:26 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 07:26 AM (IST)
निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की भीड़, सरकारी में जाने से गुरेज
निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की भीड़, सरकारी में जाने से गुरेज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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कोरोना महामारी के बीच अब डेंगू सितम ढहा रहा है। अस्पतालों में अब डेंगू के अधिक मरीज सामने आ रहे हैं। निजी अस्पतालों में यह संख्या अधिक है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में अभी तक 36 केस ही दर्ज हुए हैं। हालात यह है कि इस समय हर गांव में कोई न कोई मरीज डेंगू से पीड़ित हैं। जिसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। नगर निगम व ग्राम पंचायतें भी इस ओर से लापरवाह हैं। गांवों व शहरों में फॉगिग तक नहीं कराई गई। इस वर्ष कोरोना की वजह से स्वास्थ्य विभाग मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए कोई अभियान नहीं चला सका, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए लोगों को बचाव की जानकारी दी गई। गांवों में पंचायत के माध्यम से पंपलेट बांटे गए। इसका अधिक असर नहीं हुआ। हालांकि विभाग ने 50762 मच्छरदानियां मलेरिया और डेंगू प्रभावित क्षेत्र में बांटी हैं जिससे लोगों का बचाव हो सके। कोरोना महामारी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने टीमें बनाकर मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए घरों में जाकर लारवा की जांच कराई। लोगों को पानी एकत्र न करने के प्रति जागरूक किया। फॉगिग कराने के लिए नगर निगम व पंचायतों को दवाईयां दी गई, लेकिन नगर निगम ने फॉगिग नहीं कराई। जिससे लोगों को मच्छरों से जूझना पड़ा। अभी भी डेंगू का डंक कम नहीं हो रहा है। निजी अस्पतालों में किटों से हो रही जांच

निजी अस्पतालों में डेंगू के अधिक मिल रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि निजी अस्पतालों में कार्ड के जरिए जांच होती है। जबकि सरकारी अस्पताल में एलाइजा टेस्ट होता है। स्वास्थ्य विभाग में एलाइजा टेस्ट ही मान्य है। इसलिए ही निजी अस्पतालों में कार्ड के जरिए होने वाले टेस्ट को स्वास्थ्य विभाग रिकॉर्ड में नहीं लेता। यदि एलाइजा टेस्ट में किसी को डेंगू की पुष्टि होती है, तो उसे ही रिकॉर्ड में लिया जाता है और उसका इलाज शुरू कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने कराया सर्वे

स्वास्थ्य विभाग की ओर घरों में लारवा की जांच कराई गई। इस वर्ष में अब तक एक 55 हजार 315 घरों का सर्वे किया गया। इसमें 3755 घरों में लारवा मिला है। उन्हें नोटिस दिए गए। साथ ही जहां पर पानी में लारवा मिला। उसे खाली कराया गया। अधिकतर लोगों के घरों में रखे कूलरों, गमलों और होदियों में लारवा मिला है। ऐसे करें बचाव

- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

- आसपास गड्ढों में जमा पानी में तेल डाल दें, ताकि लारवा न पनप सके।

- मकान की छत के ऊपर कोई ऐसा सामान न हो, जिसमें पानी जमा हो।

- सप्ताह में एक बार कूलर, होदी, गमले, पक्षियों के पीने के बर्तनों को साफ करें।

- वायरल होने पर पैरासिटामोल की गोली लें। यह हैं लक्षण

- अचानक तेज बुखार होना।

-छाती व शरीर के ऊपर के हिस्सों में दानों का निकलना।

-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, जोड़ों में दर्द।

- भूख न लगना, जी मिचलाना, उल्टी लगना। यह है डेंगू के मरीजों का आंकड़ा :

2012- 18

2013- 56

2014- 2

2015- 122

2016- 65

2017- 70

2018- 42

2019- 54

2020- 36 सरकारी अस्पताल में कराएं जांच

जिला मलेरिया अधिकारी डा. वागीश गुटैन का कहना है कि निजी अस्पतालों में कार्ड से टेस्ट किया जाता है, जो मान्य नहीं है। इसलिए डेंगू के लक्षण दिखने पर अस्पताल की लैब में एलाइजा टेस्ट कराएं। यही टेस्ट मान्य है। इसके लिए पर्याप्त किट विभाग के पास उपलब्ध है। निजी अस्पताल से भी यदि किसी मरीज की रिपोर्ट मिलती है, तो उसकी भी एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद ही कंफर्म किया जाता है।


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