सोमनदी में उफान से जलमग्न हुई फसलें, ग्रामीणों में सिचाई विभाग के अधिकारियों के प्रति रोष
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में सुबह लगभग तीन घंटे चली मूसलाधार बारिश से सोमनदी अचानक उफान पर आ गई। सोम नदी के उफान पर आने से नदी के समीप लगते गांव मलिकपुर बांगर रूकाली गांव सहित अन्य गांवों की 400 एकड़ फसल में पानी घुस गया। जिसके कारण किसानों की सैकड़ों एकड़ धान व गन्ने की फसल जलमग्न हो गई। किसानों को अपनी फसलों के खराब होने की चिता सता रही है। उन्होंने मुआवजे की मांग की है।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर :
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में सुबह लगभग तीन घंटे चली मूसलाधार बारिश से सोमनदी अचानक उफान पर आ गई। सोम नदी के उफान पर आने से नदी के समीप लगते गांव मलिकपुर बांगर, रूकाली गांव सहित अन्य गांवों की 400 एकड़ फसल में पानी घुस गया। जिसके कारण किसानों की सैकड़ों एकड़ धान व गन्ने की फसल जलमग्न हो गई। किसानों को अपनी फसलों के खराब होने की चिता सता रही है। उन्होंने मुआवजे की मांग की है।
रूकाली के कुलदीप सिंह, संजीव कुमार ने बताया कि सोमनदी के संजीव कुमार व मान सिंह ने बताया कि सिचाई विभाग के द्वारा सोमनदी के पुल से नदी के दोनों ओर लगभग दो दो हजार फुट लंबा तबबंध बनाया गया था। जहां तक तटबंध था वहां नदी का पानी सीधे प्रवाह में बहता रहा। तटबंध के खत्म होते ही सेाम नदी के उफान ने ग्रामीणों के खेतों की ओर रूख कर लिया। गुरनाम के 13 एकड़ , कुलदीप सिंह के दो, संजीव के छह,कृष्ण के छह, दिलबाग के पांच, सुखबीर के सात, सतबीर के 16 ,धर्म सिंह के छह, बीरबल के 10, रणधीर के तीन, हुकम सिंह चार सहित दर्जनों किसानों की गन्ने व धान की फसल में नदी का पानी दो से तीन फुट तक प्रवेश कर गया। पशुओं के चारे के खेत में पानी आने से पशुओं के लिए चारे की समस्या आन खड़ी हुई है। ग्रामीणों ने तटबंध को बनाने की मांग की है ताकि किसानों की फसल को समय रहते बचाव हो सके।
बांध से पानी का बहाव बदला :
मलिकपुर बांगर के ग्रामीण वीर बहादुर, ब्रृजपाल,राजेश्वरी, नीटू ने बताया कि गांव के समीप सोमनदी के बचाव के लिए बनाए गए साढे़ पांच हजार फीट बांध से पानी का बहाव गांव की तरह नहीं आया, लेकिन सोमनदी का कुछ पानी शमशान घाट के समीप से एक एक किसान के खेतों के पास बने तटबंध को तोड़कर खेतों में प्रवेश कर गया। जिससे गांव के दर्जनों ग्रामीणों की 150 एकड़ फसल में पानी भर गया। पानी की निकासी न होने पर धान व गन्ने की फसल की खराब होने की चिता बनी रहेगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से समय रहते उचित प्रबंधन करने की मांग की है। आढ़ती व किसान हुए परेशान :
अनाज मंडी के गेट के समीप मुख्य प्रवेश मार्ग पर दो से तीन फीट पानी भर जाने से मंडी में आने वाले आढ़तियों व किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान दलजीत सिंह बाजवा, मनीष बंसल मास्टर जागीर सिह का कहना है कि मंडी में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था को लेकर धान के सीजन से पूर्व भी मार्केट कमेटी को सूचित किया गया था लेकिन समय रहते मंडी की सफाई व्यवस्था को लेकर सही प्रकार से कार्य नहीं किया गया है जिसका खामियाजा आढ़तियों व किसानों को भुगतना पड़ रहा है। इनसेट
मुआवजा दे सरकार :
किसान कुलदीप सिंह व गुरनाम सिंह व मान सिंह ने बताया कि पहाड़ों में जोरदार बारिश का खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। चाई विभाग की ओर से मलिकपुर खादर गांव के पास सोमनदी की पटरी बनाई थी। लेकिन यह सही तरीके से नहीं बनाई गई। जिसके कारण यह ओवरफ्लो हो जाती है और रुकाली गांव में इसका पानी घुस जाता है। इन दिनों धान की फसल पककर तैयार है। पानी जमा हो जाने के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसका मुआवजा मिलना चाहिए।
इनसेट
यमुना में स्थिति सामान्य :
यमुना नदी में सुबह आठ बजे 25181 क्यूसेक पानी का बहाव था। करीब दो बजे घटकर 18397 क्यूसेक रह गया। यमुना नदी में 9092 क्यूसेक, पश्चिमी यमुना नहर में 7503 व पूर्वी यमुना नहर में 1802 क्यूसेक पानी का बहाव रहा।