क्रिएटिव आर्टिस्ट विद्या को मिलेगा फेस ऑफ द ईयर अवार्ड
संतपुरा छोटी लाइन निवासी क्रिएटिव आर्टिस्ट विद्या बाली 8 दिसंबर को दिल्ली के अशोका रोड के नजदीक स्थित ऑडियोटरम में फेस ऑफ द ईयर अवार्ड 2019 से नवाजी जाएगी। बाली सामाजिक कार्यो में आगे रहती हैं। महिला प्रशिक्षण संस्थान की ओर से इनका चयन हुआ है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस सेना के सम्मान में यह समारोह किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : संतपुरा छोटी लाइन निवासी क्रिएटिव आर्टिस्ट विद्या बाली 8 दिसंबर को दिल्ली के अशोका रोड के नजदीक स्थित ऑडियोटरम में फेस ऑफ द ईयर अवार्ड 2019 से नवाजी जाएगी। बाली सामाजिक कार्यो में आगे रहती हैं। महिला प्रशिक्षण संस्थान की ओर से इनका चयन हुआ है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस सेना के सम्मान में यह समारोह किया जा रहा है। इनकी उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है।
कला के बल पर 27 नेशनल अवार्ड
क्रिएटिव आर्टिस्ट के रूप में इनकी बड़ी पहचान है। जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर चुकी हैं। वर्ष 19 में इनको सम्मान दिया गया। इससे पूर्व मार्च, 2018 में इनको एमएम अंबाला में पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने बेस्ट नेशनल कला अध्यापक से सम्मानित हुई। साथ ही 8 सितंबर, 2018 को एमएम कोटिनेंटल में आचार्य अलंकार अवार्ड से विभूषित की गई। केट इडीयू कौशल एक्सीलेंस अवार्ड 2018, नेशनल आर्ट एंड कल्चर फेस्टिवल अवार्ड हरियाणा स्वर्ण जयंती 2017 हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़, बाल कल्याण हरियाणा ने सांत्वना पुरस्कार जनवरी 2016, जिला प्रशासन की ओर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सम्मानित की। राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण में सेवाएं देने पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी सम्मानित किया। केयूके में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पेंटिग प्रतियोगिता में अवार्ड से नवाजा गया। इसके साथ ही तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. डॉ. कलाम ने नेशनल सेमिनार फाइन आर्टस 2008 में मुंबई में सम्मानित किया।
आस्ट्रेलिया और लंदन में पसंद की जाती हैं इनकी पेंटिग
इनकी बनाई पेंटिग देश के कारपोरेट हाउस की शोभा बढ़ा रही हैं। कुछ पेंटिग आस्ट्रेलिया, लंदन में भी धूम मचा चुकी हैं। 25 वर्ष से कला के इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। ये जो भी सोचती हैं, उसको क्रिएट करने की क्षमता भी रखती हैं। वे शादी के बाद इंग्लैंड गई थीं। वहां भी बच्चों को कला सिखाई। वहां के लोगों ने भी उनको अवार्ड देकर सम्मानित किया। विद्या मूल रूप से मुंबई की निवासी हैं। शादी के बाद यमुनानगर में आई। पेटिग में उनकी बचपन से रुचि है। सरकार की ओर से आर्ट कॉलेज में लगने वाले कैंपस में जाती हैं। स्वयंसेविका के रूप में कार्य करती हैं। इनकी सारी शिक्षा मुंबई में हुई। फाइन आर्ट में नवी मुंबई मुद्रा से डिप्लोमा किया। यूनिवर्सिटी ऑफ इंग्लैंड से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। दो वर्ष लंदन स्कूल में पढ़ाने का अनुभव भी इनके पास है। विद्या बताती हैं कि ससुराल पक्ष के सहयोग से वह ये मुकाम हासिल कर पाई हैं। उनकी सास, पति और ससुर का हर कदम पर साथ रहा है। इनके दो बच्चे हैं। व्यस्त होने के बाद भी समाजसेवा के लिए समय निकालती है।