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रादौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 52 साल बाद रचा इतिहास

कांग्रेस को पहला उप-मुख्यमंत्री देने वाली रादौर विधानसभा सीट पर डॉ. बीएल सैनी ने 52 साल के बाद इतिहास दोहराया है। 1967 में चांदराम आखिरी बार यहां से विधायक बने थे। उसके बाद हर बार मुकाबला हुआ लेकिन उम्मीदवार जीत तक नहीं पहुंचा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 06:40 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:40 AM (IST)
रादौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 52 साल बाद रचा इतिहास
रादौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 52 साल बाद रचा इतिहास

संजीव कांबोज, यमुनानगर

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कांग्रेस को पहला उप-मुख्यमंत्री देने वाली रादौर विधानसभा सीट पर डॉ. बीएल सैनी ने 52 साल के बाद इतिहास दोहराया है। 1967 में चांदराम आखिरी बार यहां से विधायक बने थे। उसके बाद हर बार मुकाबला हुआ, लेकिन उम्मीदवार जीत तक नहीं पहुंचा है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच अंतिम राउंड तक कड़ा मुकाबला बना रहा। किसी राउंड में बिशनलाल आगे तो किसी में कर्णदेव को लीड मिली। सीट पर खास बात यह भी रही है कि दोनों दलों के प्रत्याशियों को अपनों का ही विरोध झेलना पड़ा है। श्याम सिंह राणा की टिकट कटने के राणा समर्थकों ने मोर्चा खोल दिया था। उधर, कांग्रेस से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर गुट के नेताओं ने हुड्डा समर्थक बीएल सैनी को टिकट दिए जाने पर कड़ा एतराज जताया था।

कब किसको हराया

1977 में जनपा पार्टी से लहरी सिंह विधायक बने। इनको 1968 व प्रतिद्वंदी आजाद उम्मीदवार को 8728 वोट पड़े थे। 1982 के विधानसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवार राम सिंह ने लहरी सिंह को हराया। राम सिंह को 21579 व लहरी सिंह को 15265 वोट पड़े थे। 1987 में भाजपा से रतन लाल कटारिया विधायक बने। इनको 32215 वोट पड़े थे। इनके सामने आजाद उम्मीदवार लहरी सिंह को 11586 वोट पड़े। 1991 में हरियाणा विकास पार्टी लहरी सिंह 21645 वोट लेकर विधायक बने और बंता राम को हराया। 1996 में स्वदेशी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी से बंता राम 30765 वोट लेकर विधायक बने और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राम सिंह को हराया।

2009 में सुरेश कुमार को हराया था

2000, 2005 और 2009 को हुए विधानसभा चुनाव में इनेलो उम्मीदवार की लगातार जीत हुई, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विधायक की कुर्सी से दूर रहे। 2000 में इनेलो से बंता राम ने कांग्रेस के राम सिंह को, 2005 में ईश्वर सिंह पलाका ने कांग्रेस के उम्मीदवार लहरी सिंह और 2009 में हुए चुनाव में रादौर विधानसभा सीट से इनेलो के डॉ. बिशन लाल सैनी ने कांग्रेस के सुरेश कुमार को हराया।

कब किसको कितने वोट मिले

1977 लहरी सिंह जनता पार्टी 19868

1982 राम सिंह आजाद 21759

1987 रतन लाल कटारिया भाजपा 32215

1991 लहरी सिंह हविपा 21645

1996 बंता राम एसएपी 30765

2000 बंता राम इनेलो 38551

2005 ईश्वर चंद पलाका इनेलो 26933

2009 बिशन लाल सैनी इनेलो 29593

2014 श्याम सिंह राणा भाजपा 67076

इनसेट

यह रहा बीएल सैनी का राजनीतिक सफर

-1985 में पहली बार सारण गांव के सरपंच बने।

-1991 में जगाधरी से बसपा से चुनाव लड़ा, लेकिन दूसरे स्थान पर रहे।

-1996 में बीएसपी से से दूसरी बार चुनाव लड़ा।

-2000 में जगाधरी से बसपा से विधायक बने

-2005 में इनेलो से ही दूसरी बार चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

-2009 में रादौर से इनेलो पार्टी से विधायक बने।

-2015 में इनेलो छोड़कर कांग्रेस में चले गए।

यह भी जानिए

पिता का नाम : सुखराम

पत्नी का नाम : मनरुचि

जन्म : 15 जुलाई, 1955

गांव : सारण

शिक्षा : जीएएमएस।


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