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इस बार फीस में बढ़ोतरी नहीं करेंगे सूबे के कालेज

उच्चतर शिक्षा विभाग के इस निर्णय से कालेजों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों ने राहत महसूस की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 06:31 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:31 AM (IST)
इस बार फीस में बढ़ोतरी नहीं करेंगे सूबे के कालेज
इस बार फीस में बढ़ोतरी नहीं करेंगे सूबे के कालेज

संवाद सहयोगी, जगाधरी :

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कोरोना महामारी के चलते सूबे के निजी व एडिड कालेज फीस में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग के इस निर्णय से कालेजों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों ने राहत महसूस की है। कोई कॉलेज, विभाग द्वारा जारी आदेश की पालना नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नए सत्र में दाखिले के समय हर साल सूबे के अधिकांश निजी व एडिड कालेज विभिन्न कोर्सिज की फीस में इजाफा कर देते थे। यह दो से बीस प्रतिशत तक होता था। इस वजह से अभिभावकों की जेब पर असर पड़ता था। लेकिन इस साल ऐसा नही होगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर अजीत बाला जोशी ने सभी कालेजों को आदेश दिए हैं कि वह फीस में किसी प्रकार की बढ़ोतरी न करें।

प्रवेश प्रपत्र विवरण से जुटाया जाएगा पासपोर्ट व ड्राइविग लाइसेंस संबंधी डाटा

सूबे में कितने विद्यार्थियों का पासपोर्ट व ड्राइविग लाइसेंस बनाया जाना है, इसका डाटा अब कालेज में प्रवेश प्रपत्र से जुटाया जाएगा। दाखिले के समय विद्यार्थियों को इसका ब्योरा देना अनिवार्य होगा। पहले उपरोक्त दोनों चीजों के लिए एडमिशन के बाद अलग से आवेदन फॉर्म भरवाया जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्कॉलरशिप के लिए भी अलग से नहीं करना पड़ेगा आवेदन

अनुसूचित जाति व जनजाति से संबंधित विद्यार्थियों को अब स्कॉलरशिप के लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह डाटा भी प्रवेश प्रपत्र से ही जुटाया जाएगा। पहले कालेजों को इन विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप संबंधी पैसे के लिए कई-कई साल तक इंतजार करना पड़ता था। कई बार कालेज संचालक उन पर फीस जमा करवाने का दबाव भी बनाते थे। जिस कारण उन्हें प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ता था। इतना ही नहीं विद्यार्थी पढ़ाई पूरी कर चला भी जाता था, बावजूद इसके उसका पैसा अटका रहता था। नई शिक्षा नीति पर कालेजों को करना होगा वेबिनार

उच्चतर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर अजीत बाला जोशी ने सभी कॉलेजों को नई शिक्षा नीति पर वेबिनार करने के आदेश दिए हैं। प्रिसिपल को जिम्मेदारी दी है कि पहले वह पूरी नीति पढ़ें। इसके बाद स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों को वेबिनार के जरिए इसके बारे में अवगत कराया जाए।


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