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प्रतिबंधित एरिया से पत्थर एकत्र कर बाढ़ से रोकथाम के लिए स्टड व स्टेनिग करवा रहा सिचाई विभाग

कलेसर के समीप यमुना नदी की बाढ़ रोकथाम के लिए लगाए जा रहे स्टोन स्टड व स्टेनिग में धांधली हो रही है। नियमानुसार जो पत्थर बेलगढ़ क्वायरी से लाया जाना था उसकी जगह पर वही से पत्थर उठा कर तटबंधों में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पत्थर भी कलेसर के प्रतिबंधित क्षेत्र से खनन कर एकत्र किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 09:17 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 09:17 AM (IST)
प्रतिबंधित एरिया से पत्थर एकत्र कर बाढ़ से रोकथाम के लिए स्टड व स्टेनिग करवा रहा सिचाई विभाग
प्रतिबंधित एरिया से पत्थर एकत्र कर बाढ़ से रोकथाम के लिए स्टड व स्टेनिग करवा रहा सिचाई विभाग

संवाद सहयोगी, प्रतापनगर : कलेसर के समीप यमुना नदी की बाढ़ रोकथाम के लिए लगाए जा रहे स्टोन स्टड व स्टेनिग में धांधली हो रही है। नियमानुसार जो पत्थर बेलगढ़ क्वायरी से लाया जाना था, उसकी जगह पर वही से पत्थर उठा कर तटबंधों में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पत्थर भी कलेसर के प्रतिबंधित क्षेत्र से खनन कर एकत्र किया गया है।

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कलेसर, ममदूबास व रामबांस के समीप यमुनानदी की बाढ़ रोकथाम के लिए सवा करोड़ की लागत के बाढ़ रोकथाम के कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें पत्थर के स्टड व वायर क्रेट्स के साथ स्टेनिग की जानी है। ये सब कार्य नदी के दो किमी एरिया में राइट बैंक पर किए जाने हैं। नदी की बाढ़ से कलेसर पंचायत के गांव ममदू बास व राम बास को खतरा पैदा हो गया है। कलेसर में नदी की बाढ़ के कारण सैंकड़ों एकड़ कृषि भूमि बाढ़ में बह चुकी है। टेंडर के मुताबिक, स्टोन स्टड व स्टेनिग में जो पत्थर इस्तेमाल किया जाना है। वह बेलगढ़ क्वायरी से लाया जाना था। लेकिन ठेकेदारों ने कायदे कानूनों को ताक पर रखकर कलेसर नदी से ही पत्थर उठाकर भारी मात्रा में जमा कर लिया गया। पत्थर की सप्लाई बेलगढ़ से की जानी थी। जिस की पूर्ति कलेसर नदी से ही कर ली गई है, जबकि कलेसर को अति संवेदनशील एरिया घोषित किया गया है तथा खनन पर पूर्ण रोक लगाई गई है।

पत्थर का स्टाक किया जमा

कलेसर में तीन स्थानों पर अलग-अलग कार्यों के लिए लगभग दस हजार क्यूम पत्थर का स्टाक जमा किया जा चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि बोल्डर कलेसर एरिया से नदी से एकत्र किया गया है। सिचाई विभाग की ओर से जारी किए गए वर्कटेंडर में पारदर्शिता नहीं बरती गई। कलेसर नदी में किए जा रहे बाढ़ रोकथाम के तीन कार्यो में से एक कार्य ऐसा है जो अकेली एजेंसी का टेंडर होते हुए भी उसी के नाम अलाट कर दिया गया। जबकि नियमानुसार उस कार्य का रिटेंडर किया जाना होता है। लेकिन ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर पहली बार में ही टेंडर उक्त ऐजेंसी के नाम कर दिया गया।

एक्सइएन डब्लूएसडी जगाधरी विनोद कुमार ने बताया कि कलेसर यमुनानदी से पत्थर नहीं उठाया जा सकता। कहां से पत्थर लाया गया है इसकी जानकारी जेई व एसडीओ से पता कर सकते हैं। जेई अनिल शर्मा के मोबाईल पर नेटवर्क ठीक नहीं होने के कारण बातचीत नही हो पाई। हालांकि उन्होंने सोमवार को साइट का दौरा करने की बात कही है।


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