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ग्रुप डी की परीक्षा देने पहुंचे ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट, तीन परीक्षार्थी लेकर भागे आनसरशीट, 17 हजार 468 ने छोड़ी परीक्षा

एचएसएससी की तरफ से आयोजित ग्रुप डी की परीक्षा के कारण शनिवार को शहर पूरा दिन जाम रहा। परीक्षा के खत्म होने के बाद शहर की जिस सड़क पर नजर गई, उसी पर जाम रहा। ज्यादा से ज्यादा सवारी बैठाने के लिए प्राइवेट बसों से लेकर ऑटो चालकों ने भी चांदी कूटी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 10:45 PM (IST)
ग्रुप डी की परीक्षा देने पहुंचे ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट, तीन परीक्षार्थी लेकर भागे आनसरशीट, 17 हजार 468 ने छोड़ी परीक्षा
ग्रुप डी की परीक्षा देने पहुंचे ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट, तीन परीक्षार्थी लेकर भागे आनसरशीट, 17 हजार 468 ने छोड़ी परीक्षा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एचएसएससी की तरफ से आयोजित ग्रुप डी की परीक्षा के कारण शनिवार को शहर पूरा दिन जाम रहा। परीक्षा के खत्म होने के बाद शहर की जिस सड़क पर नजर गई, उसी पर जाम रहा। ज्यादा से ज्यादा सवारी बैठाने के लिए प्राइवेट बसों से लेकर ऑटो चालकों ने भी चांदी कूटी। यहां तक कि परीक्षार्थी रोडवेज बसों की छतों पर भी चढ़ गए। उन्हें बाद में सिटी एसएचओ नरेंद्र राणा ने नीचे उतारा । उधर, तीन परीक्षार्थी ओएमआर सीट लेकर परीक्षा केंद्र से फरार हो गए। उनके खिलाफ डीडीआर दर्ज कराई गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र लीक होने का मैसेज वायरल होता रहा। प्रशासन को इसके लिए भी कसरत करनी पड़ी। पोस्ट डाले वालों से भी पूछताछ की गई। कुल 43 हजार 872 में से लगभग 26, 904 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इनमें पुरुषों की संख्या अधिक थी।

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68 परीक्षा केंद्र बनाए थे प्रशासन ने

परीक्षा केंद्र-68

बिलासपुर-9

यमुनानगर-59

परीक्षार्थी- 43, 872 पंजीकृत

बिलासपुर-9600 में से 5276

यमुनानगर-34,272 में से 21, 128 बिलासपुर में यह रहे हालात

परीक्षा देने आए आवेदकों को यमुनानगर से बिलासपुर पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। बस सेवा सीमित होने के कारण आवेदक बसों के उपर बैठ कर आए। सुबह लगभग आठ से यह नजारा कस्बे में दिखने लगा जो कि दोपहर लगभग साढे़ 12 बजे तक नजर आया। बस स्टैंड बिलासपुर के अधिकारी विकास गुप्ता ने बताया कि परीक्षा के लिए शुक्रवार देर शाम से आवेदक बस स्टैंड परिसर में जुटने शुरू हो गए थे। अधिकतर ने रात बस स्टैंड परिसर में सोकर बिताई। गुप्ता ने बताया कि लगभग दो सौ से अधिक आवेदक अजात आश्रम बिलासपुर में रात्रि ठहराव किया। उपमंडल प्रशासन की ओर से आवेदकों के ठहराव के लिए कपाल मोचन गुरू द्वारा में प्रबंध किए गए थे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट तरुण सहोता ने बताया कि बिलासपुर में नौ परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। सभी जगह परीक्षा शांतिपूर्वक रही।

यमुनानगर में ये रहे हालात

सुबह के चरण में साढ़े 10 बजे परीक्षा थी, लेकिन इसकी एंट्री डेढ़ घंटा पहले थी। जो आवेदक हिसार, जींद और गुरुग्राम समेत अन्य जिलों से आए थे, उनके लिए सुबह नौ बजे यमुनानगर पहुंचना आसान नहीं था। इसलिए वे शुक्रवार शाम को ही यहां पहुंच गए थे। एक दिन पहले सभी होटल और गेस्ट हाउस बुक हो चुके थे। जो लोग होटल और गेस्ट हाउस में नहीं ठहर सकते थे, उन्होंने धर्मशालाओं व बस स्टैंड की छत नीचे रात गुजारी। सबसे ज्यादा भीड़ बस स्टैंड यमुनानगर पर रही। यहां पर पूरा दिन मेले जैसा माहौल रहा। दिल्ली, अंबाला, चंडीगढ़ आदि जाने वाली बसों में सबसे ज्यादा भीड़ रही, क्योंकि ज्यादातर आवेदक इन्हीं रूट के थे। पेपर खत्म होने के बाद जब आवेदक बस स्टैंड पर पहुंचे तो वहां पांव रखने तक की जगह नहीं मिली। बसों की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए खुद रोडवेज जीएम र¨वद्र पाठक अपनी टीम के साथ बस स्टैंड पर मौजूद रहे। बसों में बैठने के लिए लोगों में मारा मारी रही।

ऑटो चालकों ने वसूले सौ से 150 रुपये प्रति सवारी

परीक्षार्थियों की मजबूरी का ऑटो चालकों ने भी खूब फायदा उठाया। बिलासपुर के न्यू हैप्पी स्कूल, सिद्धिविनायक कॉलेज, गणपति कॉलेज, सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में केंद्र बनाए गए थे। जगाधरी से बिलासपुर के लिए जो ऑटो चले उन्होंने एक-एक सवारी से सौ से डेढ़ सौ रुपये तक लिए। हिसार से आए रोनित, पलवल के विकास ने बताया कि वे यमुनानगर के बारे में अनजान थे। ऑटो चालकों से उन्होंने बिलासपुर के स्कूल में जाने की बात कही। इस पर ऑटो चालक ने कहा कि वह उन्हें सीधे स्कूल के बाहर छोड़ आएगा, लेकिन इसके बदले में एक सवारी के 150 रुपये लगेंगे। कहीं पेपर देने से वंचित न रह जाएं इसलिए मजबूरी में उन्होंने 150 रुपये देने पड़े।

वहां भटकते रहे आवेदक

शनिवार और रविवार दो दिनों में करीब 88 हजार आवेदकों को परीक्षा देनी है, लेकिन प्रशासन ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की। दूसरे जिलों से आए आवेदक पूरा दिन यहां से वहां भटकते रहे। लोगों से पूछ-पूछकर वे किसी तरह परीक्षा केंद्र तक पहुंचे। यदि प्रशासन चाहता तो बस स्टैंड या मुख्य चौराहों पर ऐसे होर्डिंग लगा सकता था जिन पर परीक्षा केंद्रों का नाम व दिशा चिह्नित हो। कई आवेदक ऐसे भी दिखे जो लेट हो गए और दौड़ते हुए परीक्षा केंद्र की तरफ जा रहे थे। हजारों युवकों ने अपना केंद्र तलाशने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया। वे मोबाइल की मदद से अपने सेंटर तक पहुंचे।

गहन तलाशी के बाद ही हुई एंट्री

जो युवक परीक्षा देने के लिए आए थे उन्हें केंद्र में जाने से पहले सुरक्षा घेरे से गुजरना पड़ा। महिलाओं और पुरुषों दोनों की तलाशी ली गई। पुरुषों के बेल्ट, जूते, पर्स व महिलाओं के हाथों से चूड़ियां और सैंडल तक उतरवा लिए गए। यहां तक की किसी को पेन भी अंदर नहीं ले जाने दिया गया। एचएसएससी की तरफ से सभी को अपने पेन दिए गए। फ्लाइंग टीमें समय-समय पर परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करती रही। एडीसी केके भादू को ग्रुप-डी की परीक्षा का ओवरआल इंचार्ज बनाया गया था।

हर सड़क पर रहा जाम

ज्यादातर आवेदक दूसरे जिलों से आए थे, इसलिए वे अपने साथ सहयोगी भी लेकर आए थे। जो आसपास के जिलों के थे वे अपनी बाइक या फिर कारों में आए थे। इससे शहर में जाम लग गया। वर्कशॉप रोड, रादौर रोड, कमानी चौक से विश्वकर्मा चौक तक, कन्हैया साहिब चौक, डीएवी कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज जगाधरी, ¨हदू ग‌र्ल्स कॉलेज, मधू चौक, जगाधरी छोटी लाइन पर जाम ही जाम रहा। ट्रैफिक पुलिस देखती रही और शहर के लोग जाम में फंसे रहे। मुख्य कारण यह रहा कि बाहर से आने वाले वाहनों के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। बेरोजगारी का ऐसा आलम भी :

फोटो 22 ए

बलजीत : चरखी दादरी से आए बलजीत बीए पास हैं। कही नौकरी नहीं मिली। इसलिए ग्रुप डी की परीक्षा दी। ताकि सरकारी नौकरी मिल सके। पेपर अच्छा हुआ। उन्हें पास होने की उम्मीद है। फोटो 22 बी-

चंद्रपाल : हिसार से आए चंद्रपाल बीए, एमए व बीएड हैं। कही नौकरी नहीं मिली, तो ग्रुप डी के लिए आवेदन कर दिया। पूछने पर बताया कि इतना पढ़ने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिल सकी। अब ग्रुप डी की परीक्षा पास हो जाए, तो उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाएगी। फोटो 22 सी-

मोनू: नारनौल से आए मोनू ने अभी 12वीं की परीक्षा पास की है। वह भी ग्रुप डी की परीक्षा देने के लिए आए हैं। उनका कहना है कि ग्रेजुएशन करने में समय क्या खराब करना। यदि वह पास हो गया, तो सरकारी नौकरी मिल जाएगी। इससे अधिक और कुछ नहीं चाहिए। फोटो 22 डी-

संदीप : भिवानी से आए संदीप ने बीएससी, एमएससी व बीएड कर रखी है। वह भी परीक्षा देने के लिए आए हैं। उनका कहना है कि सरकारी नौकरी अलग होती है। एक बार सरकारी नौकरी मिल गई, तो बल्ले-बल्ले हो जाएगी। इतनी पढ़ाई करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली। इसलिए ग्रुप डी में भाग्य आजमा रहे हैं। यहां से कॉपियां लेकर भागे परीक्षार्थी

एसडीएम भारत भूषण कौशिक ने बताया कि प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह थी। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कैंप एरिया के डीएवी स्कूल में सेंटर से भारत भूषण और ममता सैनी ओएमआर सीट लेकर परीक्षा केंद्र से भाग गए। फर्कपुर के एसडी स्कूल से कुलदीप कॉपी लेकर भाग गया।


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