दादा दादी से किया था वादा, चेतन ने लेफ्टिनेंट बनकर किया पूरा
जिले के सुखदासपुर गांव के चेतन सैनी ने अपने दादा हरिचंद सैनी और दादी जवंत्री से किया वादा लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया। दादा किसान है। बचपन में दादा-दादी ने इच्छा जताई थी कि उनका पोता लेफ्टिनेंट बने। चार साल की कड़ी मेहनत के बाद गया जी के आफिसर ट्रेनिग एकडेमी से अंतिम पड़ाव पार किया।
नितिन शर्मा, यमुनानगर
जिले के सुखदासपुर गांव के चेतन सैनी ने अपने दादा हरिचंद सैनी और दादी जवंत्री से किया वादा लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया। दादा किसान है। बचपन में दादा-दादी ने इच्छा जताई थी कि उनका पोता लेफ्टिनेंट बने। चार साल की कड़ी मेहनत के बाद गया जी के आफिसर ट्रेनिग एकडेमी से अंतिम पड़ाव पार किया। पासिग आउट परेड में वियतनाम के डिप्टी चीफ जनरल आफ दा स्टाफ के लेफ्टिनेंट जरनल नजो मीनह टीयन पीपुल्स आर्मी मुख्यातिथि रहे।
चेतन ने पास आउट परेड में स्वागत का झंडा थामे घुड़सवारी से किया। इसके अलावा कई करतब दिखाए। चेतन सैनी ने बताया कि उसकी कामयाबी के पीछे माता द्वारा बचपन से कठोर अनुशासन हैं। क्योंकि उनके पिता आर्मी में रहे हैं। खुद भी अनुशासन में रहे और उनको भी अनुशासन में रखा। उनकी पढ़ाई से लेकर खेलों तक का समय तय किया गया है। उनके पिता हमेशा कहते हैं कि समय के साथ चलने का प्रयास करें, क्योंकि समय किसी का इंतजार नहीं करता। इसके साथ हमे खुद चलना पड़ता है। जो समय के साथ कदमताल नहीं कर सकता वह जिदगी की रेस में पिछड़ जाता है। पिता की दी सीख काम आ रही है। भविष्य में भी काम आएगी।
आर्मी स्कूल से हुई शिक्षा
लेफ्टिनेंट चेतन सैनी के पिता जगजीत ने बताया कि वह आर्मी से सूबेदार रिटायर हैं। उनके बेटे चेतन व दो बेटियों की शिक्षा आर्मी स्कूल से पूरी हुई है। उनका बेटा बचपन से पढ़ाई में होशियार था। बचपन से ही उसके बड़े ख्वाब थे। इनको पूरा करने के लिए उसने दिन रात कड़ी मेहनत की है। लखनऊ आर्मी स्कूल में 12वीं परीक्षा पास करने के बाद दिए टेस्ट के उसका चयन हो गया इसी का परिणाम है कि आज वह लेफ्टिनेंट बना है। चेतन की पढ़ाई आर्मी स्कूल चंडी मंदिर, आसाम, ग्वालियर व लखनऊ में हुई है। हमेशा अव्वल रहने वाला चेतन ने पासिग परेड में भी सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। चेतन की मां सुनीता सैनी पहले आर्मी स्कूल में पढ़ाती थी। अब दिल्ली पब्लिक स्कूल में अध्यापक है। इनकी बड़ी बेटी कैडी सैनी सिंडिकेड बैंक में बतौर मैनेजर पद पर ज्वाइन कर चुकी हैं। इसकी बहन सूची सैनी एमए कर रही है।
जगजीत बताते हैं कि उनके माता-पिता, व भाई गांव में रहते हैं। उनका परिवार आज भी संयुक्त है। खेती इकट्ठी करते हैं। उनके परिवार की गांव में मिसाल दी जाती है। उनके पिता हरिचंद खेती में सहयोग करते हैं।