Move to Jagran APP

लोन दिलाने का झांसा देकर पशुपालन विभाग की चपरासी व छात्र से ठगी

लोन दिलाने के नाम पर ठगी के दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं। एक में ऑनलाइन लोन दिलाने का झांसा देकर व्यापारी को ठग लिया तो दूसरे में पशुपालन विभाग की चपरासी से ठगी हो गई। फिलहाल दोनों मामलों में फर्कपुर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:37 AM (IST)
लोन दिलाने का झांसा देकर पशुपालन विभाग की चपरासी व छात्र से ठगी
लोन दिलाने का झांसा देकर पशुपालन विभाग की चपरासी व छात्र से ठगी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लोन दिलाने के नाम पर ठगी के दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं। एक में ऑनलाइन लोन दिलाने का झांसा देकर व्यापारी को ठग लिया, तो दूसरे में पशुपालन विभाग की चपरासी से ठगी हो गई। फिलहाल दोनों मामलों में फर्कपुर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

loksabha election banner

केस नंबर एक : विजय कॉलोनी की जरीना बेगम पशुपालन विभाग में पति भूरा अहमद की मौत के बाद चपरासी के पद पर लगी हुई है। वह जुलाई 2018 में केशव से मिली। उसने बताया कि कन्हैया साहिब चौक के पास उनका कार्यालय है। वह लोन दिलाने का काम करते हैं। कार्यालय में केशव, रामपाल, जितेंद्र मिले। उन्होंने दस लाख रुपये का लोन डीसीबी बैंक से करवाने का लालच दिया। इस लोन पर तीन लाख 75 हजार रुपये की सब्सिडी मिलने की बात कही। इसके 12 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से किस्त बताई गई। यह लोन दिलवाने के नाम पर उनसे 60 हजार रुपये फाइल चार्ज व अन्य खर्च के रूप में लिए गए। इस बीच उन्होंने जरीना बेगम के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कोरे चेक साइन कराकर ले लिए। 14 दिसंबर 2018 को उनका लोन पास हो गया। खाते में नौ लाख 90 हजार 964 रुपये आए। आरोप है कि आरोपितों ने पहले दिए चेकों को बैंक में लगाकर अलग-अलग तारीख पर करीब साढ़े चार लाख रुपये निकाल लिए। इसका पता तब लगा, जब जरीना बेगम बैंक में गई, तो पता लगा कि यह पैसे आरोपितों ने मीना छाबड़ा नाम की महिला के खाते में भेजे गए। अब जो लोन लिया था। उसकी किस्त करीब 17 हजार रुपये उन्हें भरनी पड़ रही है। इस बारे में आरोपितों से बात की, तो वह गाली गलौज करने लगे। जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता ने एसपी को शिकायत की थी।

केस नंबर दो : कांसापुर के अनमोल वर्मा ने मई माह में इंटरनेट पर ऑनलाइन सिटी कॉर्पोरेशन फाइनेंस इंडिया लिमिटेड का विज्ञापन देखा। जिसमें लोन के बारे में लिखा था। इसमें ऑनलाइन एक फार्म भरना था। यह ऑनलाइन फार्म भरने के कुछ दिन बाद उनके पास आलोक वर्मा नाम के व्यक्ति का कॉल आया। उसने ऑनलाइन आइडी मंगवाई। आलोक ने कहा कि लोन आठ लाख रुपये का हो जाएगा। उसने एक अकाउंट नंबर दिया। कहा कि इसमें सात हजार रुपये जमा करा दो। फिर दोबारा कृतिका नाम की युवती की कॉल आई। उसने 17 हजार 300 रुपये जमा कराए। इस तरह से कई बार उनसे कृतिका व विजय ने बात कर अकाउंट में अलग-अलग कर 70 हजार रुपये ले लिए। अब न तो उनका लोन हुआ और न ही वह कॉल रिसीव कर रहे हैं। परेशान होकर उसने एसपी को शिकायत दी थी। अनमोल वर्मा छात्र हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.