दाल-चीनी भी दे देंगे चौधरी. पहलै यूं बताओ राजनीति मैं क्या चल रैया
दाल-चीनी के मोल-भाव के साथ ही इन दिनों बाजार में लाला जी चुनावी किस्से भी सुन और सुना रहे हैं। बाजार पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंगे हैं। ग्राहकों और दुकानदार के बीच चुनावी चर्चाएं हैं। अपने चहेते नेताओं के समर्थन में जब ग्राहक के व्यवहार में तल्खी देखते हैं तो लाला जी सहज से कह रहे हैं भाई हम क्यूं लड़ैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दाल-चीनी के मोल-भाव के साथ ही इन दिनों बाजार में लाला जी चुनावी किस्से भी सुन और सुना रहे हैं। बाजार पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंगे हैं। ग्राहकों और दुकानदार के बीच चुनावी चर्चाएं हैं। अपने चहेते नेताओं के समर्थन में जब ग्राहक के व्यवहार में तल्खी देखते हैं, तो लाला जी सहज से कह रहे हैं, भाई हम क्यूं लड़ैं। थमणै अपनी खेती-बाड़ी करणी, अर हमनै अपनी दुकानदारी। बाजार का चुनावी माहौल जांचने के लिए दैनिक जागरण संवाददाता ने दुकानों का दौरा किया। यहां खरीदारी के साथ ही दुकानदार और ग्राहकों के बीच चुनावी बातचीत भी सुनने को मिली।
संवाददाता ने पांचाल करियाना स्टोर की ओर रुख किया। यहां बैठे रोहित, सतीश कुमार, अशोक कुमार, ताराचंद और मनीश कुमार पहले ही बैठे हुए थे। लाला गणेशदास ग्राहकों को सामान देने में मशगूल थे। दाल-चीनी का वजन करते-करते चुनाव पर चर्चा करने को मौका भी नहीं छोड़ रहे थे। एक दूसरे राजनीतिक दल के प्रत्याशी पर चुटकियां भी खूब ले रहे थे। पास ही बैंच पर बैठे ताराचंद जैसे ही एक राजनीतिक दल का गुणगान करना शुरू करते हैं तो अशोक कुमार पटाक से कहते हैं कि इस दल के नेताओं ने क्षेत्र में काम ही क्या किया? सड़कों तक ही दशा नहीं संवार पाए।
उसके बाद जठलाना की ओर रुख किया। यहां राजनीतिक माहौल काफी रंगीन देखा गया। आढ़ती विनोद कुमार अपनी दुकान पर बैठे जसंवत, रमेश राणा व मांगा राम आपस में बातचीत करते ही मिले। जुबां पर एक ही बात थी..। भाई नौकरियों में तो अब नेता की जरूरत नहीं रही..। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा इंतजाम कर दिया। जो मेहनत करेगा.. वो नौकरी लगेगा। अर भाई थाने-तहसील के काम भी हेरे। बस थोड़ा सा नेता का व्यवहार बढि़या हौणा चहिए। सब के साथ प्रेम से बात करने वाला हो और क्षेत्र की समस्या को समझकर दूर करने वाला हो।
यमुनानगर के रादौर रोड बाजार में चहल-कदमी काफी थी। न केवल शहर के बल्कि आसपास के गांवों के बड़े दुकानदार भी यहां सामान लेने के लिए मिले। यहां लोकल मुद्दों पर कम, लेकिन प्रत्याशियों पर चर्चा ज्यादा सुनीं। दुकानदार महेंद्र लाल का कहना है कि हमें ऐसे प्रत्याशी को चुनना चाहिए जो जनता के बीच का हो। व्यापारियों के हितों की बात करे। उनकी समस्याओं को समझकर दूर करे। ऐसा न हो कि सत्ता में आने के बाद तेवर बदल जाए।