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चेयरमैन व विपक्ष वोटिग में नहीं पहुंचे, फिर बची चेयरमैन व उपाध्यक्ष की कुर्सी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बिलासपुर ब्लॉक समिति चेयरमैन महीपाल संधाय व उपाध्यक्ष सविता व उन्हें समर

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 09:15 AM (IST)
चेयरमैन व विपक्ष वोटिग में नहीं पहुंचे, फिर बची चेयरमैन व उपाध्यक्ष की कुर्सी
चेयरमैन व विपक्ष वोटिग में नहीं पहुंचे, फिर बची चेयरमैन व उपाध्यक्ष की कुर्सी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बिलासपुर ब्लॉक समिति चेयरमैन महीपाल संधाय व उपाध्यक्ष सविता व उन्हें समर्थन दे रहे पांच सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ होने वाली वोटिग में हिस्सा नहीं लिया। चेयरमैन व सदस्यों के नहीं आने पर अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले 18 में से 17 सदस्यों ने सचिवालय में हंगामा कर दिया। वोटिग नहीं होने पर चेयरमैन और उपाध्यक्ष अपनी कुर्सी एक बार फिर से बचाने में कामयाब हो गए। उधर, अपहरण किए गए वार्ड 5 से सदस्य राजेंद्र कुमार के परिजनों ने प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। एक बार तो रोड जाम करने की चेतावनी दे दी थी। परंतु पुलिस ने बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाया। 26 में से 18 सदस्य ही पहुंचे थे सचिवालय :

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ब्लॉक समिति के कुल 26 सदस्य हैं। इनमें से 18 सदस्य वार्ड एक से शहरीन, 2 से सरीना खातून, 5 से राजिद्र कुमार, 7 से सर्वेश कुमारी, 9 से रिपल, 10 से गुरमेज सिंह, 11 से कर्मबीर, 12 से मनीषा, 13 से योगेश मेहंदीरत्ता, 14 से अशोक कुमार, 15 से ऊषा रानी, 16 से ममता देवी, 17 से नायब सिंह, 18 से सतीश कुमार, 20 से रविद्र कुमार, 22 से सपना देवी, 23 से दलबीर सिंह, 26 से जगदीश कुमार चेयरमैन व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। वार्ड 5 से सदस्य सफीलपुर गांव के राजेंद्र कुमार का बृहस्पतिवार शाम अजीजपुर कलां गांव के पास अपहरण कर लिया गया। महीपाल संधाय व सविता समेत उन्हें समर्थन दे रहे 7 सदस्य भी वोटिग में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। उन्हें समर्थन दे रहे एक सदस्य ककड़ोनी के आशीष जरूर पहुंचे थे। आशीष एक अपराधिक मामले में जेल में बंद हैं। पुलिस वोट डलवाने के लिए उन्हें जेल से वारंट पर लेकर आई थी। वोटिग हो जाती तो बच गई थी चेयरमैन की कुर्सी :

विपक्ष के 17 व पक्ष का एक सदस्य यदि शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिग में हिस्सा लेते चेयरमैन व उपाध्यक्ष की कुर्सी बच जाती। फिर उनका शेष बचा एक साल का कार्यकाल भी बिना किसी बाधा के पूरा हो जाता। क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ दो तिहाई सदस्यों यानि 18 सदस्यों की वोट डलनी जरूरी थी। लेकिन विपक्ष में 17 ही सदस्य थे। विपक्ष में 17 व पक्ष में एक वोट पड़ने से अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता। सचिवालय में ही धरने पर बैठे सदस्य :

वोटिग का बहिष्कार कर सभी सदस्य सचिवालय परिसर में बैठ गए। अपहरण हुए राजेंद्र कुमार के परिजन भी वहां पहुंच गए। वे भी हंगामा करने लगे। डीएसपी जगाधरी सुधीर तनेजा व डीएसपी हेडक्वार्टर सुभाष चंद्र ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। चेयरमैन व प्रशासन के खिलाफ सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पांच सदस्य एसपी कुलदीप सिंह यादव से भी मिले। उन्होंने राजेंद्र कुमार को बरामद करने की मांग की। पुलिस ने उनसे दो दिन का समय मांगा। सदस्य राजेंद्र कुमार का अपहरण करने वाले महीपाल संधाय के बेटे अभिषेक, संधाय निवासी अध्यापक बबलू, मछरौली के अध्यापक यशपाल ढांडा, चौराही के मांगे राम व संधाय के हरपाल को गिरफ्तार करने की मांग की। पुलिस ने उन्हें बताया कि थाने में चेयरमैन को पूछताछ के लिए बुलाया है। जानबूझ कर वोटिग नहीं करवा रहे : योगेश मेहंदीरत्ता

ब्लॉक समिति सदस्य योगेश मेहंदीरत्ता ने बताया प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है। षड़यंत्र के तहत उनके एक सदस्य का अपहरण कराया गया ताकि वह खिलाफ वोट न डाल सके। यदि वे 18 सदस्य होते तो चेयरमैन की कुर्सी चली जाती। 17 सदस्य होने के कारण उन्होंने अपनी हाजिरी नहीं लगाई। वे इस मामले को कोर्ट तक लेकर जाएंगे। अगली तारीख जल्द तय करेंगे : एडीसी

एडीसी केके भादू ने बताया कि 26 में से केवल एक सदस्य ही वोटिग में हिस्सा लेने पहुंचा था। जिस कारण अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिग नहीं हो सकी। जल्द ही इसकी अगली तारीख तय कर वोटिग कराई जाएगी।


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