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साढ़े नौ करोड़ से 28 प्वाइंट पर सीसीटीवी लगाने का बना था एस्टीमेट, दो साल से नहीं खिसकी फाइल

जागरण संवाददाता यमुनानगर शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना पहले नगर निगम व पुलिस विभाग के

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:40 AM (IST)
साढ़े नौ करोड़ से 28 प्वाइंट पर सीसीटीवी लगाने का बना था एस्टीमेट, दो साल से नहीं खिसकी फाइल
साढ़े नौ करोड़ से 28 प्वाइंट पर सीसीटीवी लगाने का बना था एस्टीमेट, दो साल से नहीं खिसकी फाइल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना पहले नगर निगम व पुलिस विभाग के बीच फंसी रही। दो साल पहले यह निर्णय हो गया था कि कैमरे पुलिस विभाग ही लगाएगा। इसके बावजूद अभी तक फाइल आगे नहीं खिसकी। जिस कारण शहर में कैमरे लगाने की योजना अभी सिरे चढ़ती नहीं दिख रही। हालांकि रोड सेफ्टी की मीटिग में दो बार कैमरे लगाने का मामला उठ चुका है। यदि कैमरे लग जाते तो शहर की सुरक्षा व्यवस्था वर्तमान के मुकाबले कई गुना बढ़ जाती है। इससे न केवल अपराध को सुलझाने में मदद मिलती बल्कि ट्रैफिक पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में भी मदद मिलती। 2018 में निगम न पुलिस को सौंपी थी लिस्ट

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शुरुआत में यह निर्णय हुआ था कि शहर में सीसीटीवी कैमरे नगर निगम लगाएगा। निगम अधिकारियों ने इस पर काम किया भी। वर्ष 2018 में शहर का सर्वे करवा कर 28 ऐसे प्वाइंट का चयन किया गया था जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इनमें सहारनपुर रोड, रादौर रोड, अंबाला रोड, वर्कशाप रोड, बिलासपुर रोड, छछरौली रोड के अलावा शहर के मुख्य चौराहे व व्यस्तम बाजार शामिल थे। 2018 में ही सरकार ने निर्णय लिया कि सीसीटीवी शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग की बजाय पुलिस विभाग लगाएगा। इसलिए निगम ने 28 प्वाइंट की लिस्ट ट्रैफिक पुलिस को सौंप दी थी। जिसके बाद अब तक इस पर कोई काम नहीं हुआ। साढ़े नौ करोड़ रुपये का बना था एस्टीमेट

नगर निगम ने सीसीटीवी लगाने का एस्टीमेट करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये बनाया था। शायद बजट मोटा होने के कारण ही अभी तक कैमरे नहीं लग पाए हैं। स्नेचिग, लूट, हत्या, चोरी जैसी वारदातें होती रहती हैं। झपटमारों का ज्यादातर शिकार महिलाएं होती हैं। कई वारदात लोगों के घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुलझी। इसलिए शहर में प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी है। चौराहों पर लगे कैमरे भी खराब

इससे पहले पुलिस ने विश्वकर्मा चौक, कमानी चौक, अग्रसेन चौक, बूड़िया चौक, सरनी चौक, फव्वारा चौक, जगाधरी बस स्टैंड पर सीसीटीवी लगाए थे। ये कैमरे अभी लगे हुए हैं परंतु काम नहीं करते। इनका कंट्रोल रूम ट्रैफिक थाने में बनाया गया था। इनकी मदद से पुलिस चौराहों पर यातायात नियम तोड़ने वालों के चालान करती थी। पुलिस को लिस्ट सौंप दी थी : मृणाल जायसवाल

नगर निगम के एमई मृणाल जायसवाल का कहना है कि करीब 28 प्वाइंट की लिस्ट बनाकर ट्रैफिक पुलिस को सौंप दी थी। पहले कमरे निगम को ही लगाने थे। परंतु बाद में सरकार से मिले पत्र अनुसार यह तय हो गया था कि कैमरे गृह विभाग ही लगाएगा।


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