कोरोना की चुनौतियों का अध्ययन करेंगे सीबीएसई स्टूडेंट
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 11वीं व 12वीं कक्षा के विद्य
संवाद सहयोगी, जगाधरी :
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 11वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को कोरोना की चुनौतियों के बारे में पढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेंलिजेंस के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। सीबीएसई ने योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एक आइटी कंपनी के साथ समझौता भी कर लिया है। जो विद्यार्थियों को कोविड-19 को गंभीरता से लेने तथा बचाने के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया करवाएगी। प्रतियोगिता के जरिए विद्यार्थियों को किया जाएगा जागरूक
सीबीएसई ने आइटी कंपनी आइबीएम के साथ समझौता किया है। दोनों मिलकर स्कूल स्तर एडटेक यूथ चैलेंज 2020-21 प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे। इसके जरिए विद्यार्थियों को कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी भाग लेंगे। जलवायु, स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा अन्य की भी दी जाएगी जानकारी
कोरोना को जानने और उसके बचाव के अलावा आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में जलवायु, स्वास्थ्य सेवाएं, जल और कृषि को भी शामिल किया गया है। विद्यार्थियों केा उपरोक्त विषयों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इससे जहां विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि होगी, वहीं भविष्य में उनके कैरियर की नई दिशाएं भी खुलेगी। सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक देशभर में दो सौ स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई हो रही है। हालांकि बोर्ड ने तमाम स्कूलों को इस विषय को शुरू करने का निर्देश भी दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय को शुरू करने के लिए स्कूलों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। बोर्ड से अनुमति लेने के बाद ही यह शुरू किया जा सकेगा। वहीं स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल प्रिसिपल रेनू मलिक का कहना है कि सीबीएसई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कोरोना की चुनौतियों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने का निर्णय सराहनीय है। यह पहल संक्रमण को रोकने में मील का पत्थर साबित होगी। क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर आधारित है। इसके जनक जॉन मैकार्थी हैं। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को सूचित करता है। इसके जरिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर संचालित करने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क कार्य करता है।