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किसानों के समर्थन में दिल्ली रवाना हुए आढ़ती, दुकानें रखी बंद

कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर धरने पर बैठे ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 08:00 AM (IST)
किसानों के समर्थन में दिल्ली रवाना हुए आढ़ती, दुकानें रखी बंद

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर धरने पर बैठे किसानों को अब आढ़तियों ने भी समर्थन दे दिया है। मंगलवार को सभी सभी अनाज मंडियों से 8-10 आढ़ती दिल्ली रवाना हुए। वहीं, दूसरे आढ़ती दुकानें बंद कर हड़ताल पर रहे। आढ़तियों का कहना है कि तीनों कृषि कानून आढ़ती व किसान दोनों के हित में नहीं है। इसलिए इनको वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आढ़ती किसानों के साथ है।

वहीं बिलासपुर में कृषि कानूनों के विरोध में आढ़तियों ने कामकाज बंद कर सरकार की कार्यप्रणाली पर विरोध जताया। आढ़तियों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के समक्ष एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। प्रधान मनीष बंसल ने कहा कि केन्द्र सरकार नए कृषि कानूनों के माध्यम से देश में कृषि व्यवसाय को खत्म करना चाहती है। किसानों के द्वारा कृषि कानूनो के खिलाफ संघर्ष जायज है। सवा सौ करोड़ जनता का पालन पोषण करने वाले किसानों का अपनी मांगों के लिए कड़कड़ाती सर्दी में दिल्ली हरियाणा के बार्डर पर संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार की किसी भी प्रकार की जबरदस्ती को बर्दाशत नही किया जाएगा। पूरे जिले से अलग अलग गांवों से किसानों के समूह दिल्ली बार्डर के लिए कूच करेंगे ताकि किसान की मांगों को लेकर दिल्ली के अलग अलग बार्डर पर मांगों को लेकर लड़ रहे किसानों को किसी प्रकार की कोई कमी न रहे। इस मौके पर दीदार सिंह, रवि कुमार, चंद्रपाल, महेंद्र अग्रवाल, जितेंद्र शर्मा पंकज विज, भूषण , रमेश कुमार ,संजीव कुमार, संटी व अन्य उपस्थित थे।

वहीं नए कृषि कानूनों के विरोध में सिघू बार्डर पर डटे किसानों को आढ़ती एसोसिएशन बिलासपुर ने भी समर्थन दिया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का एक दल मंगलवार सुबह दिल्ली के सिघू बार्डर के लिए रवाना हुआ। प्रधान दलजीत सिंह बाजवा ने कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में पूरे देश के किसानों की मांगों में समर्थन में हरियाणा अनाजमंडी एसोसिएशन के आढ़ती भी आ उतर आए हैं। किसानों की सेहत, कपड़े, जरूरत की वस्तुएं व खाद्य सामग्री पहुंचाने को लेकर वह सिघू बार्डर पर किसानों से मिलेंगे। कई माह से किसान नए कृषि कानून को लेकर संघर्ष कर रहे थे। सरकार ने किसानों की मांगों को अनसुना कर जबरन संसद में नए कृषि कानून को पारित कर तानाशाही का सबूत दिया है। कानून पारित के बाद किसान अब नए कानून में संशोधन की मांग कर रहे हैं। इस मौके पर शिव कुमार बंसल, मास्टर जगीर सिंह, रूप सिंह चौहान, शिव कुमार बंसल, बरखा राम, बलविद्र सैनी, सुभाष कुमार व अन्य उपस्थित रहे।


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