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रंगदारी के मामले में युवकों को हिरासत में लेने पर भाकियू का सीआइए वन के गेट पर धरना

50 लाख रुपये की रंगदारी के मामले में कलेसर व मुजाफ्त गांवों के युवकों को हिरासत में लिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 07:54 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 07:54 AM (IST)
रंगदारी के मामले में युवकों को हिरासत में लेने पर भाकियू का सीआइए वन के गेट पर धरना
रंगदारी के मामले में युवकों को हिरासत में लेने पर भाकियू का सीआइए वन के गेट पर धरना

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 50 लाख रुपये की रंगदारी के मामले में कलेसर व मुजाफ्त गांवों से पांच-छह युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के मामले ने तूल पकड़ लिया। भारतीय किसान यूनियन ने युवकों को हिरासत में लेने का कड़ा विरोध जताया और सीआइए वन में पहुंच गए। हालांकि यहां पर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। जिस पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने सीआइए वन के गेट के सामने ही धरना शुरू कर दिया। जमकर नारेबाजी हुई। भाकियू कार्यकर्ताओं का आरोप था कि बेकसूर युवकों को उठाया जा रहा है। मामला कलेसर निवासी शक्ति सिंह से जुड़ा है। हालांकि बाद में पुलिस ने युवकों को छोड़ दिया।

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भाकियू के डायरेक्टर मनदीप रोडछप्पर ने कहा कि पुलिस यूनियन से जुड़े लोगों को बेवजह उठा रही है। जिन युवकों का शक्ति सिंह के साथ लिक बताकर हिरासत में लिया गया है। वह भाकियू से जुड़े हैं। शक्ति सिंह का भाकियू समर्थन नहीं कर रही है। आरोप है कि वह सीआइए वन में इस मामले में बातचीत करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। वहीं एडवोकेट साहब सिंह गुर्जर ने कहा कि शक्ति सिंह रिश्तेदारी में है। एडवोकेट होने के नाते उनके पास भी कॉल आया था, लेकिन जब उसकी वीडियो देखी, तो उससे संपर्क खत्म कर लिया। जिस तरह से वह गालियां दे रहा है। वह गलत है। इसका कोई समर्थन नहीं करता, लेकिन शक्ति सिंह के नाम पर उसके रिश्तेदारों को परेशान करना ठीक नहीं है। जिन युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वह भी रिश्तेदारी में है। आरोप है कि पुलिस ने सुबह छह बजे से इन युवकों को यहां बिठा रखा है। यदि पुलिस को पूछताछ करनी है, तो जब भी बुलाएंगे। इन युवकों को लेकर आएंगे। हिरासत में रखना गलत है।

शक्ति सिंह परिवार से, लेकिन अब उससे कोई मतलब नहीं :

कलेसर निवासी गुलाब सिंह ने बताया कि शक्ति सिंह उनके परिवार से है। दस साल पहले यहां से सब कुछ छोड़कर चला गया। यदि परिवार का कोई एक व्यक्ति खराब हो जाए, तो इसमें उनके परिवार की क्या गलती है। पहले भी प्रतापनगर थाना पुलिस ने बच्चों को बुलाया था। उस समय वह भी गए थे। तब भी पुलिस से यही कहा था कि शक्ति सिंह से कोई मतलब नहीं है। बयान लिखने के बाद बच्चों को छोड़ दिया गया था। अब एक महीने के बाद सीआइए के पास भेज दिया गया। तीन युवक गांव से उठाए गए हैं। अन्य गांवों से भी तीन-चार युवक उठाए गए हैं।

डीएसपी व बसपा नेता आदर्श पाल की नोंकझोक :

किसानों के धरने के दौरान डीएसपी राजेंद्र सिंह भी पहुंचे। उन्होंने किसानों से बात करते हुए कहा कि रंगदारी का मामला है। इसकी तफ्तीश चल रही है। जो युवक पूछताछ के लिए बुलाए गए हैं। उनके नंबरों पर मैसेज आए हैं। यदि पूछताछ में कुछ सामने नहीं आता है, तो इन युवकों को छोड़ दिया जाएगा। पूरी तरह से आश्वस्त करते हैं कि किसी भी बेकसूर को नहीं पकड़ा जाएगा। यह जांच का हिस्सा है। पूछताछ के लिए भी बुलाया जाता है। यदि किसी को भी कोई दिक्कत है, तो वह अंदर आ सकता है। परिवार के लोग हो या फिर यूनियन के। उनके सामने पूछताछ करेंगे। इन युवकों की कोई मिलीभगत नहीं हुई, तो इन्हें छोड़ दिया जाएगा। केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया है। डीएसपी ने कहा कि इस मामले को कोई पर्सनल न समझे। यह केवल जांच चल रही है। कानून सभी के लिए बराबर है। इस बात पर बसपा नेता आदर्श पाल भड़क गए। उन्होंने धरने से उठकर साफ तौर पर कहा कि यह बिल्कुल पर्सनल है। जो भी युवक सीआइए लेकर आई है। वह उनके रिश्तेदार है। यदि शक्ति सिंह का मेरे पास भी कॉल आएगा, तो ऐसे तो मैं भी अपराधी बन जाऊंगा। पता है यह सब किसके इशारे पर हो रहा है।


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