चोरों के निशाने पर एटीएम, सीसीटीवी फुटेज में चोर आने के बावजूद भी वारदात नहीं ट्रैस
जिले के एटीएम चोरों के निशाने पर हैं। हर सप्ताह कोई न कोई एटीएम टूटने का मामला सामने आ रहा है। पुलिस केस दर्ज करती है। सीसीटीवी फुटेज तक मिल जाती है, लेकिन कोई भी वारदात ट्रेस नहीं हो पाई है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
जिले के एटीएम चोरों के निशाने पर हैं। हर सप्ताह कोई न कोई एटीएम टूटने का मामला सामने आ रहा है। पुलिस केस दर्ज करती है। सीसीटीवी फुटेज तक मिल जाती है, लेकिन कोई भी वारदात ट्रेस नहीं हो पाई है। बिलासपुर में तीन सप्ताह के अंदर तीन एटीएम तोड़ने की वारदात हो चुकी है। जबकि यमुनानगर में एक एटीएम को चोर निशाना बना चुके हैं। इन मामलों की जांच भी सीआइए की टीमें कर रही हैं। बावजूद अभी तक कोई भी वारदात नहीं खुल सकी है।
यहां हो चुकी वारदातें :
12 दिसंबर की रात को कमानी चौक के पास उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के एटीएम को चोरों ने खुखरी से तोड़ डाला। चोर सीसीटीवी में कैद हुए।
तीन दिसंबर की रात कैंप एरिया में पीएनबी के एटीएम को तोड़ा गया। सीसीटीवी की तारें चोरों ने काट दी थी।
24 नवंबर की रात को बिलासपुर में एटीएम तोड़ने की कोशिश की गई। चोरों ने सीसीटीवी कैमरा व मशीन का बाहरी प्लास्टिक तोड़ दिया था।
दो साल पहले रादौर में एक ट्रैक्टर पर आए बदमाशों ने पहले तो पीएनबी बैंक के सीसीटीवी तोड़े। उसके बाद रस्से से एटीएम मशीन बांध कर उसे ट्रैक्टर से बांध कर उखाड़ कर ले गए थे। उसमें लाखों रुपए थे। इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ। उखाड़े जाने के तीन दिन बाद यह एटीएम पश्चिमी यमुना नहर में खाली पड़ी मिली थी।
जगाधरी में यूनियन बैंक की एटीएम को गैस कटर से काट दिया गया था। लेकिन स्मोक सेंसर एक्टीवेट होने से चोर भाग निकले।
एक साल पहले कन्हैया साहिब चौक के निकट एचडीएफसी बैंक का एटीएम तोड़ा गया था।
जिले में 198 एटीएम :
जिले में कुल 198 एटीएम है। जिनमें से 80 फीसद पर सुरक्षा गार्ड नहीं है। दिन में तो कुछ एटीएम पर गार्ड दिखाई देते हैं, लेकिन रात में इनकी ड्यूटी नहीं लगती। जिले में पीएनबी के किसी भी एटीएम पर गार्ड नहीं है। इसका कारण यह है कि पीएनबी ने आउट सोर्सिंग पॉलिसी के तहत बीमा करवाया हुआ है। इसलिए बैंक इस ओर से लापरवाह रहते हैं।
बेहद खराब स्थिति में हैं एटीएम :
ज्यादातर एटीएम डोर डेबिट कार्ड स्वैप सिस्टम टूटे हैं। यही वजह है कि एटीएम में तीन-चार लोग देखे जा सकते हैं। यदि ये सिस्टम एटीएम पर लगा हो और गार्ड भी न हो तो ग्राहक को कुछ सुरक्षा जरूर मिलती है। क्योंकि अंदर से कार्ड स्वैप होने के बाद ही दरवाजा खुलता है। तब तक बाहर से कोई भी अंदर नहीं जा सकता। खराब सिस्टम को ठीक कराने के लिए बैंक कोई कदम नहीं उठाता।
एटीएम में शिकायत नंबर भी नहीं:
शहर में लगे कई एटीएम में किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए संपर्क नंबर नहीं लिखे हैं। अगर एटीएम कार्ड मशीन में फंस जाए, खाते से पैसे डेबिट हो जाए, एटीएम कार्ड खो जाए या एटीएम हैंग हो जाए तो उसकी शिकायत किससे की जाए, ऐसा भी एटीएम कक्ष में जिक्र नहीं है।
ये सुविधा देनी होती है बैंक को :
- दिन में दो बार दिन एटीएम कक्ष की सफाई करना।
- एटीएम का एयर कंडीशन चालू रखना।
- सुरक्षा की ²ष्टि से कैमरों को चालू रखना।
- एटीएम से प्रत्येक ट्रांजेक्शन की पर्ची निकलना।
- एटीएम दरवाजे का बंद रहना।
- एटीएम कक्ष में रात को पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था रखना।
- एटीएम के बाहर सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात करना।
- सीसी टीवी कैमरों में रिकार्डिग 24 घंटे चालू रखी जाए।
- बैंक मोबाइल एसएमएस, ई-मेल और अन्य माध्यमों से उपभोक्ताओं को जागरूक करें।
कोट्स :
यह बैंक की आउट सोर्सिंग पॉलिसी है। इसकी देखरेख सर्कल ऑफिस कुरूक्षेत्र से होती है। कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस बारे में सर्कल कार्यालय में पत्र भेजा जा चुका है। अब आइटी ही इस बारे में निर्णय लेगी।
सुनील चावला, एलडीएम।