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पर्यटन स्थलों पर होगी ठहरने की व्यवस्था, बनेंगे आवास गृह

जागरण संवाददाता यमुनानगर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन स्थलों पर होम स्टे य

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 07:30 AM (IST)
पर्यटन स्थलों पर होगी ठहरने की व्यवस्था, बनेंगे आवास गृह

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन स्थलों पर होम स्टे योजना के तहत ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। जिले में कलेसर राष्ट्रीय पार्क, सरस्वती उद्गम स्थल व सिखों की पहली राजधानी लोहगढ़ इस योजना के दायरे में आ सकते हैं। इसके अलावा अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। लोहगढ़ साहिब में बरसाती नदी (बोली नदी ) पर दस करोड़ रुपये की लागत से यहां पर पुल व सड़क बनाई जा रही है। इससे लोहगढ़ का ऐतिहासिक महत्व बढ़ जाएगा। यह होगा फायदा

पर्यटन स्थलों के नजदीकी गावों में पर्यटकों के रहने की व्यवस्था होम स्टे में होगी। फिलहाल जिले के स्थलों पर पर्यटकों के ठहरने और भोजन की उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इससे पर्यटकों को रहने व खाने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। होम स्टे योजना के तहत दो से लेकर छह कमरों को आवास गृह के रूप में तब्दील किया जा सकता है। इससे स्थानीय लोक संस्कृति, खान-पान और रहन-सहन से भी पर्यटक रूबरू होंगे। इससे ग्रामीणों को आय होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। गुरुद्वारा से जुड़ी आस्था

लोहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर गुरुद्वारा हिमाचल की सीमा पर स्थित है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां पर हर साल मार्च माह में बाबा बंदा सिंह बहादुर की याद में धार्मिक समागम होता है। पुल व सड़क बनने से यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ेगी। बिना पुल के यहां पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ये हैं पर्यटन स्थल

कलेसर राष्ट्रीय पार्क दिसंबर 2003 में बना था। यह 11570 एकड़ जमीन पर फैला है, जो जंगली मुर्गो के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा इसमें सांभर, चीतल, हिरण, हाथी व नील गाय बड़ी संख्या में हैं। टिकट लेकर गाड़ी में बैठकर परिवार समेत जंगल के अंदर के नजारे का आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा यमुनानगर के चुहड़पुर में 110 एकड़ जमीन पर चौधरी देवीलाल हर्बल पार्क है। यह प्राकृतिक जड़ी बूटियों का भंडार है। यह भी जानिए

कपालमोचन जहां गुरु गोबिंद सिंह 1687 में युद्ध करने के बाद पवित्र सरोवर में अपने अस्त्र धोए थे और 52 दिन यहीं रहे थे। इसके प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं। हर साल कपालमोचन में गुरु नानक देव जयंती पर राष्ट्रस्तरीय मेले का आयोजन होता है। वहीं, ताजेवाला, हथनीकुंड बैराज, बनसंतौर, आदिबद्री, पातालेश्वर मंदिर, बौद्ध स्तूप चनेटी धार्मिक स्थल भी हैं। होम स्टे योजना होगी लागू

पर्यटन स्थलों को विकसित किए जाने व यहां पर्यटकों को ठहरने के लिए होम स्टे योजना को जल्दी लागू की जाएगी। इस पर काम किया जा रहा है। इससे पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी और आसपास के लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

कंवर पाल, शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री, हरियाणा।


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