कर्मियों से आरोपित अमित की सांठगांठ, यूजर आइडी तक करता था प्रयोग
जागरण संवाददाता यमुनानगर बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में वाहनों के दस्तावेज तैयार करने में
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में वाहनों के दस्तावेज तैयार करने में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा कर्मियों की मिलीभगत से ही हुआ है। जगाधरी एसडीएम कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर अमित ने ही इन कर्मियों से सांठगांठ कर रखी थी। आरोपित अभी फरार हैं। आरोपित अमित ही नीलामी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन व अन्य दस्तावेजों को लेकर यह पूरी डील करता था। जांच टीम के मुताबिक इसमें राजस्व का भी चूना विभाग को लगाया जाता था। गाड़ियों की फिटनेस व अन्य टैक्स को कम दिखाया जाता था। आरोपित अमित अभी फरार हैं। उसकी तलाश में सिरसा सीआइए भी लगी है। सिरसा पुलिस के मुताबिक, आरोपित अमित के पकड़े जाने के बाद ही अन्य कर्मियों का पता लग सकेगा।
जांच टीम के अनुसार, आरोपित अमित कर्मियों से मिलीभगत कर उनके खाते में पैसे जमा कराता था। आरोप है कि नीलामी की गाड़ियों के बैंक से फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे। इन दस्तावेजों में गाड़ी की कम कीमत दिखाई जाती थी, इसके बाद टैक्स भी कम किया जाता था। गाड़ी के चेसिस नंबर में भी छेड़छाड़ की जाती थी। कम टैक्स दिखाकर राजस्व को भी चूना लगाया जाता था। जो पैसा कर्मियों के खाते में जमा कराया था। उसमें से ही ऑनलाइन फीस जमा करा दी जाती थी।
बताया जा रहा है कि आरोपित अमित कर्मियों से सांठगांठ रखता था। यदि कोई कर्मी उसकी बात नहीं माने, तो उसे धमकी भी देता था। कई कर्मियों की यूजर आइडी व पासवर्ड तक अमित के पास था। यदि किसी कर्मी को ड्यूटी के बीच में बाहर जाना है, तो अमित उनका कार्य पूरा करने के बहाने अपनी भी फाइलें निकाल देता था। जगाधरी एसडीएम कार्यालय में ऐसी 16 फाइलें मिली हैं, जबकि बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में 29 फाइलों में गड़बड़ी मिली है। इनकी जांच के लिए एसआइटी बनी हुई है। कुछ रिकॉर्ड भी एसआइटी ने लिया है, लेकिन अभी तक जांच आगे नहीं बढ़ सकी है। एसडीएम बिलासपुर वीरेंद्र ढु़ल का कहना है कि यहां कार्यालय में भी फाइलों में गड़बड़ी मिली है। इसकी जांच पुलिस करेगी। पुलिस को इस बारे में बता दिया गया है।