काउंटर मैगनेट सिटी बनेगा अंबाला : कटारिया
केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि लाहौर के बाद अंबाला ऐसा शहर था जिसे गेटवे ऑफ पंजाब कहा जाता था। शासक बने तब भी अंबाला को गेटवे ऑफ हरियाणा कहा जाने लगा। देवीलाल की सरकार में मैं रेवेन्यू मंत्री था। उस समय गुड़गांव जाता था। तब उस क्षेत्र में कोई विकास नहीं था।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि लाहौर के बाद अंबाला ऐसा शहर था, जिसे गेटवे ऑफ पंजाब कहा जाता था। शासक बने, तब भी अंबाला को गेटवे ऑफ हरियाणा कहा जाने लगा। देवीलाल की सरकार में मैं रेवेन्यू मंत्री था। उस समय गुड़गांव जाता था। तब उस क्षेत्र में कोई विकास नहीं था। गुघिया बोलती थी।उसी गुडगांव में आज 30-40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ का दाम जमीनों का है। 30-32 साल के अंदर गुड़गांव ने तरक्की की है, आज गुरुग्राम के नाम से लोग जानते हैं, लेकिन अंबाला के लोग पिछड़ गए। अंबाला लोकसभा क्षेत्र बनेगा अगला गुडगांव
कटारिया ने कहा कि अंबाला लोकसभा काउंटर मैगनेट शहर के रूप में विकसित कराने के लिए पीएम को चिट्ठी लिखी। इसमें उन्हें बताया कि 2022 के बाद दिल्ली के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर पैर रखने की जगह नहीं होगी। ऐसे में दिल्ली से 200 किमी दूर अंबाला लोकसभा ही है। इसमें 2060 तक लोगों का बोझ सहने की क्षमता है। इसे इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करें। जीएसटी लागू होने के बाद पांच स्टेट पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश के लिए बड़ा मौका रहेगा।
बंसीलाल से जताया था विरोध
उन्होंने कहा कि यमुनानगर में विकास के लिए वे बंसी लाल से मिले। बंसी लाल ने कहा कि भिवानी से यमुनानगर 65 साल आगे है। इस पर उन्होंने विरोध जताया कि इसका मतलब यह नहीं कि वहां 65 साल तक विकास नहीं होगा।
सरसावा एयरपोर्ट पर हो रहा विचार
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अंबाला में उड़ान शुरू होगी। उसका बेस भी मिलिट्री बेस में ले रहे हैं।अब तीन तारीख को हिसार से पहली फ्लाइट जयपुर, चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए शुरू हो रही है। इसी तरह से यदि पड़ोस के ही उत्तर प्रदेश के सरसावा को डवलप किया जाए, तो इससे यमुनानगर को फायदा होगा। इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।