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हादसे के बाद जागा प्रशासन, रिहायशी क्षेत्रों में चल रही कमर्शियल गतिविधियों का होगा सर्वे

सिटी सेंटर रोड पर नियामुद्दीन व उसके तीन बच्चों की आग की चपेट में आने से दर्दनाक मौत के बाद डीसी पार्थ गुप्ता व एसपी कमलदीप गोयल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीसी व एसपी ने यहां आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। डीसी पार्थ गुप्ता ने निगम अधिकारियों व लेबर विभाग को निर्देश दिए कि इस गोदाम की लोक निर्माण विभाग से जांच कराई जाए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 10:54 PM (IST)
हादसे के बाद जागा प्रशासन, रिहायशी क्षेत्रों में चल रही कमर्शियल गतिविधियों का होगा सर्वे
हादसे के बाद जागा प्रशासन, रिहायशी क्षेत्रों में चल रही कमर्शियल गतिविधियों का होगा सर्वे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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सिटी सेंटर रोड पर नियामुद्दीन व उसके तीन बच्चों की आग की चपेट में आने से दर्दनाक मौत के बाद डीसी पार्थ गुप्ता व एसपी कमलदीप गोयल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीसी व एसपी ने यहां आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। डीसी पार्थ गुप्ता ने निगम अधिकारियों व लेबर विभाग को निर्देश दिए कि इस गोदाम की लोक निर्माण विभाग से जांच कराई जाए। इसके साथ ही रिहायशी क्षेत्र में चल रही इस तरह की इकाईयों का भी सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। बता दें कि यमुनानगर में मेटल व प्लाईवुड का कार्य है। इनमें करीब दो लाख लोग बाहर से आकर कार्य करते हैं। कुछ लोगों ने यहां पर नियमों को ताक पर रखकर क्वार्टर बनाए हुए हैं। थोड़ी सी जगह में यह कमरे बने हुए हैं। एक कमरे में चार से पांच लोग रहते हैं। परिवार को सहायता देने का आश्वासन :

प्रशासन ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से भी बात की। उन्होंने परिवार के सदस्यों की आर्थिक सहायता करने का आश्वासन भी दिया। हालांकि पोस्टमार्टम हाउस से जब शवों को दफनाने के लिए परिवार के लोग लेकर गए, तो उन्हें अपने खर्च पर निजी एंबुलेंस करनी पड़ी। इस दौरान डीसी ने आसपास के लोगों से भी बात की। यहां तक पूछा गया कि पुलिस व दमकल समय से पहुंचे या नहीं। हालांकि लोगों ने पुलिस व दमकल के कार्य की तारीफ की।

मेयर भी पहुंचे घटनास्थल पर :

मेयर मदन चौहान व पार्षद प्रिस डग्गा भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली। मेयर मदन चौहान ने हादसे पर गहरा दुख जताया। इसके साथ ही क्वार्टरों से रेस्क्यू किए गए अन्य लोगों से भी बात की। 800 टन कबाड़ था गोदाम में :

जिस गोदाम में आग लगी। वह करीब 300 गज में फैला है। वहां पर करीब 800 टन प्लास्टिक, टायर, रबर व अन्य ज्वलनशील पदार्थ था। जिस वजह से ही आग तेजी से भड़की। दमकल विभाग की आठ गाड़ियों ने करीब दो लाख लीटर पानी का छिड़काव किया। इसके बावजूद कबाड़ में शाम तक आग सुलगती रही। इस दौरान रबर जलने की बदबू उठती रही। परिवार भी रबर से निकलने वाले जहरीले धुंए की चपेट में ही आया। जिस कारण चार जानें चली गई। हालांकि कुछ तीन चार और लोगों को भी धुंआ चढ़ा था, लेकिन उन्हें समय रहते रेस्क्यू कर लिया गया। अब वह ठीक हैं। एसपी ने गोदाम मालिक को लगाई फटकार :

एसपी कमलदीप गोयल ने मौके पर गोदाम मालिक नवीन कुमार को बुलाया। उसे कड़ी फटकार लगाई। यहां तक कहा कि गोदाम के ऊपर किराये पर कमरे देने की परमिशन किसने दी। जिस पर मालिक नवीन कोई जवाब नहीं दे पाया। उसने यही कहा कि यह गोदाम पहले उनके पिता संभालते थे। तभी से यह लेबर यहां रह रही है। पिता की मौत के बाद वह कार्य देख रहे हैं। लेबर काफी समय से रह रही है। इसलिए उन्हें यहां से नहीं निकाल सका। गोदाम मालिक नवीन का कहना है कि आग शार्ट सर्किट से लगी है। उन्होंने कोई क्वार्टर नहीं बना रखे हैं। घटना का उन्हें भी बेहद दुख है।


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