प्रशासन डेयरी कांप्लेक्स की गलियों के जमा पानी नहीं उतार पाया, धरने देंगे प्रभावित
प्रशासन डेयरी कांप्लेक्स में शिफ्ट होने वाले पशुपालकों की दिक्कत दूर नहीं कर पा रहा है। उनकी दिक्कत घटने के बजाय बढ़ती जा रही है। कांप्लेक्स की सड़कों पर निकासी का पानी जमा है। प्रशासन से खपा पशुपालक अब आंदोलन की तैयारी में है। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने जानबूझ कर उनकी परेशानी बढ़ाई है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रशासन डेयरी कांप्लेक्स में शिफ्ट होने वाले पशुपालकों की दिक्कत दूर नहीं कर पा रहा है। उनकी दिक्कत घटने के बजाय बढ़ती जा रही है। कांप्लेक्स की सड़कों पर निकासी का पानी जमा है। प्रशासन से खपा पशुपालक अब आंदोलन की तैयारी में है। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने जानबूझ कर उनकी परेशानी बढ़ाई है।
पूर्व पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि पशुपालकों के साथ गलत हो रहा है। पशुपालकों के आंदोलन में उनका सहयोग करेंगे। जब तक कांप्लेक्स में पूरी सुविधा नहीं होगी। तब तक जारी रहेगा। इस दौरान किसी भी प्रकार की घटना के जिम्मेदार प्रशासन होगा। प्रशासन का काम जनता की दिक्कत दूर करना होता है, न कि किसी को डांटना।
डंडे के बल से कराई शि¨फ्टग
पशुपालक संजय पाहवा, हरीश चंद्र, मोनू धनोना, सतपाल मेहता, नरेंद्र भल्ला, पुनीत लांबा, कुलदीप, ¨बद्रा , कुलदीप मेहता, बाबूराम ओबरॉय, सुरेंद्र, गुलशन बुद्धिराजा और बेअंत लाल भाटिया का कहना है कि प्रशासन ने डंडे के बल से कांप्लेक्स में डेयरियां शिफ्ट कराई, लेकिन यहां पर मूलभूत सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया। आवाज उठाने पर उनको धमकाया जा रहा है।
पीने का पानी तक नहीं मिल रहा
पशुपालकों का कहना है कि अधिकरियों ने कांप्लेक्स में निकासी की पानी की सुविधा पर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण उनकी दिक्कत ज्यादा बढ़ गई। पहले दूषित पानी खेतों की साइड में जाता था। कुछ लोगों ने इसका विरोध करते हुए बंद करा दिया। अब दूषित पानी कांप्लेक्स की सड़कों पर जमा है। यहां पर बिन बरसात सड़कें जलमग्न है। दूषित पानी नलकूप के अंदर भी चला गया। जिससे पीने के पानी की भी दिक्कत आ रही है।
पं¨पग सेट नहीं ठोस हल चाहिए
प्रभावित लोगों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने यहां पर दो पं¨पग सेट लगाए है। इसका पानी नगर की जमीन पर में स्टोर किया जा रहा है। इसका भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनको दूषित पानी से निजात के लिए ठोस हल चाहिए। इस दिशा में अधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया, लेकिन कोई कदम उठाता दिखाई नहीं दे रहा है।
पास से निकल रही सीवर लाइन
स्थानीय निवासियों रामपाल, रघुबीर आदि का कहना है कि कांप्लेक्स से कुछ ही दूरी पर ट्रीटमेंट प्लाट की लाइन निकल रही है। यदि प्रशासन डेयरी कांप्लेक्स का दूषित पानी लाइन में डाल दे तो डेयरी संचालकों की दिक्कत दूर हो जाएगी।
प्राथमिकता से ले रहे डेयरी संचालकों की दिक्कत
चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन का कहना है कि पशुपालकों की दिक्कत को गंभीरता से लिया जा रहा है। कई दिन से निकासी के लिए पं¨पग सेट लगाए हुए है। जल्द से इस समस्या का ठोस हल निकाल दिया जाएगा।