DEO को मीटिंग में किया खड़ा, कहा- मंत्री ने शिक्षा व्यवस्था पर पूछा तो क्या जवाब दूंगा
अतिरिक्त प्रधान सचिव ने यमुनानगर के डीईओ को पुअर रिजल्ट की तस्वीर दिखाई। उनसे सवाल पूछा कि मंत्री उनसे पूछेंगे तो वे उनको परीक्षा परिणाम के बारे में क्या रिपोर्ट देंगे?
जेएनएन, कुरुक्षेत्र। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के गृह जिले यमुनानगर की 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम तीन साल में सुधर नहीं पाया है। यह रिजल्ट 33 और 36 फीसद के बीच ही रहा है। कुरुक्षेत्र में प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक में अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. महाबीर सिंह ने यमुनानगर के जिला शिक्षा अधिकारी को सबके सामने पुअर रिजल्ट की तस्वीर दिखाई। उनसे सवाल पूछा कि शिक्षा मंत्री उनसे पूछेंगे तो वे उनको उनके गृह जिले के परीक्षा परिणाम के बारे में क्या रिपोर्ट देंगे?
बैठक में प्रदेश के 25 फीसद से कम रिजल्ट वाले स्कूलों के प्रमुख और शिक्षा अधिकारी शामिल हुए थे। करीब तीन घंटे चली बैठक में परीक्षा परिणाम सबके सामने रखा गया और इसमें सुधार पर विचार किया गया। बैठक में सेकेंडरी शिक्षा हरियाणा की महानिदेशिक अवनीत पी. कुमार, मौलिक शिक्षा हरियाणा के निदेशक प्रदीप कुमार व राज्य परियोजना हरियाणा के निदेशक रजनीश गर्ग भी पहुंचे थे।
एसीएस ने परीक्षा परिणाम बेहतर लाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों की ड्यूटी तय की। उन्होंने प्रदेशभर के डीईओ, डीईईओ, डीपीसी व प्राचार्यों से सीधा संवाद किया। इसमें एक महीने बाद 2020 की परीक्षा में बेहतर रिजल्ट लाने के बारे में विस्तार से चर्चा की।
रिपोर्ट में यमुनानगर सबसे पीछे
अधिकारियों ने रिपोर्ट में बताया कि यमुनानगर पिछले तीन साल से 10वीं के परिणामों सबसे पीछे रहा है। वर्ष 2017 में 33 फीसद, वर्ष 2018 व 2019 में 36-36 फीसद रहा है। वहीं 12वीं के परिणामों में भी यमुनानगर सबसे पीछे रहा है।
2020 के लिए निदेशालय ने बढ़ाया टारगेट
बोर्ड परीक्षा-2020 के लिए शिक्षा निदेशालय ने जिलावार वर्ष 2019 के परिणाम अनुसार पास प्रतिशत का टारगेट बढ़ा दिया है। जैसे वर्ष 2019 में अंबाला का पास प्रतिशत 47 था तो 2020 में पास प्रतिशत 65 कर दिया गया है। वहीं यमुनानगर का पास प्रतिशत 36 था तो 2020 में पास प्रतिशत बढ़कर 55 फीसद किया गया है।
हल प्रश्नपत्र से करवाएं तैयारी
एसीएस डॉ. महावीर सिंह ने कहा कि बोर्ड की वेबसाइट पर पिछले कई वर्षों के हल प्रश्नपत्र डाले गए हैं। इनसे विद्यार्थियों को तैयारी करवाएं। उससे मिलता-जुलता 30 फीसद का हिस्सा बोर्ड के प्रश्नपत्र में शामिल किया जाएगा। एक विषय के चार हल प्रश्नपत्र डाले गए है। जिसमें कम से कम 70 से 80 फीसदी सिलेबस कवर किया गया है।
कमजोर विद्यार्थियों को चयनित कर करवाएं तैयारी
डॉ. महावीर सिंह ने कहा कि सभी डीईओ अपने क्षेत्र के अध्यापकों से स्कूल के कमजोर विद्यार्थियों की रिपोर्ट मंगवाएं। ऐसे विद्यार्थियों को अधिक समय देकर पढ़ाया जाए और उनका हौसला बढ़ाएं।
वर्ष 2020 के लिए जिलावार टारगेट फीसद में
जिला | 10वीं | 12वीं |
अंबाला | 65 | 85 |
भिवानी | 70 | 85 |
चरखीदादरी | 85 | 85 |
फरीदाबाद | 60 | 75 |
फतेहाबाद | 70 | 90 |
गुरुग्राम | 80 | 80 |
हिसार | 75 | 90 |
झज्जर | 85 | 85 |
जींद | 75 | 85 |
कैथल | 70 | 85 |
करनाल | 65 | 85 |
कुरुक्षेत्र | 70 | 85 |
महेंद्रगढ़ | 85 | 90 |
नूह मेवात | 75 | 85 |
पलवल | 55 | 65 |
पंचकुला | 80 | 85 |
पानीपत | 75 | 90 |
रेवाड़ी | 80 | 90 |
रोहतक | 75 | 90 |
सिरसा | 70 | 85 |
सोनीपत | 75 | 80 |
यमुनानगर | 55 | 75 |
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें