कचरे के साथ मिट्टी तोलने वाले ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई, सफाई व्यवस्था को करेंगे दुरुस्त : अशोक कुमार
कैल गांव में करीब 18 करोड़ रुपये से बना ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट कई सालों से बंद पड़ा था। अब इसके चलने से उम्मीद जगी है कि कचरे का निस्तारण भविष्य में ठीक प्रकार से होता रहेगा। घरों से कचरा उठाने के लिए निगम अधिकारियों ने भले ही दो एजेंसियों को ठेका दिया हो लेकिन लोगों की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कैल गांव में करीब 18 करोड़ रुपये से बना ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट कई सालों से बंद पड़ा था। अब इसके चलने से उम्मीद जगी है कि कचरे का निस्तारण भविष्य में ठीक प्रकार से होता रहेगा। घरों से कचरा उठाने के लिए निगम अधिकारियों ने भले ही दो एजेंसियों को ठेका दिया हो लेकिन लोगों की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही। उधर मानसून नजदीक है, फिर भी नालों की सफाई अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इन सब मुद्दों पर नगर निगम के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर अशोक कुमार से दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार ने बातचीत की : सवाल : सालों से बंद पड़ा ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट नियमित रूप से कब चलेगा?
जवाब : गांव कैल में स्थित ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट अब चल गया है। यह इस साल में नगर निगम की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसमें कई सालों से कचरा ऐसे ही पड़ा था। जिसे चलाने के लिए लिए महाराष्ट्र की कंपनी को ठेका दिया गया है। जल्द ही प्लांट में कचरे के ढेर दिखाई नहीं देंगे। सवाल : प्लांट में कितना कचरा निस्तारण किया जाना है?
जवाब : ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट में एक लाख 10 हजार टन कचरा पड़ा है। इसमें से 30 हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण कर खाद बनाई जा चुकी है। निगम कचरा प्रबंधन के लिए 735 रुपये एमटी की दर से कंपनी को भुगतान करेगा। यह खाद किसानों अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसके लिए किसानों को प्लांट में कंपनी के प्रतिनिधियों से संपर्क करना होगा। सवाल : सरकार की घोषणा के बाद शहर में कितने किरायेदारों को मालिकाना हक मिलेगा?
जवाब : सरकार की यह घोषणा किरायेदारों के लिए बहुत अच्छी है। अभी ऐसे 1545 किरायेदारों का चयन किया गया जिनके पास निगम की दुकानें 20-30 सालों से किराये पर थी। मीरा बाई बाजार में भी 150 से अधिक दुकानदारों को इसका फायदा मिलेगा। इसके लिए दुकानदारों को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। सवाल : डोर-टू-डोर कचरा न उठने की शिकायतें लगातार लोग कर रहे हैं?
जवाब : घरों से कचरा उठाने के लिए निगम ने दो एजेंसियों को ठेका दिया है। एक से 11 व 12 से 22 वार्डों को दो जोन में बांट कर घरों से कचरा उठवाया जा रहा है, जिसे औरंगाबाद स्थित प्लांट में डाला जा रहा है। वहां पर 18 हजार एमटी कचरा एकत्रित हो चुका है जिसमें से 10 हजार एमटी प्रोसेस कर लिया गया है। सवाल : पार्षदों की शिकायत है कि कचरा उठाने वाली कंपनियां वजन बढ़ाने के लिए मिट्टी भी तोल रही हैं?
जवाब : जब जमीन से जेसीबी से कचरा उठाया जाता है तो थोड़ी बहुत मिट्टी साथ उठना स्वभाविक है। लेकिन ज्यादा मात्रा में मिट्टी उठाई जा रही है इसकी जांच की जाएगी। कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सवाल : कचरा उठाने वाले वाहनों की ट्रैकिग की क्या योजना है?
जवाब : अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि उनकी गली में कचरा उठाने वाले वाहन नहीं आ रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए निगम सभी गलियों में ट्रैकिग डिवाइस लगाएगा। जैसे ही कचरा उठाने वाली गाड़ी वहां से गुजरेगी तो डिवाइस उसे स्कैन कर लेगा। इसका मैसेज सीधे सर्वर रूम में चला जाएगा। यदि स्कैन नहीं हुआ तो समझा जाएगा कि गाड़ी गली में नहीं आई है। सवाल : मानसून नजदीक है लेकिन नालों की सफाई अधूरी है।
जवाब : नालों की जितनी सफाई इस बार हुई है उतनी पहले कभी नहीं हुई। मैं खुद मौके पर जाकर नालों का निरीक्षण कर रहा हूं। नालों की सफाई के लिए अलग से कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रखी है। अधिक बरसात होने पर नाले ओवरफ्लो होने का खतरा रहता है। मैं शहरवासियों से अपील करता हूं कि वह नालों में कोई ऐसा सामान न डाले जिससे वह अवरूद्ध हो। क्योंकि इससे नुकसान लोगों को ही होगा।