कमेटियां बनाने तक सिमट रही कार्रवाई, सड़कों पर सुरक्षा के नहीं इंतजाम
रोड सेफ्टी की मीटिग के बाद सड़कों की खामियों को दूर करने
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : रोड सेफ्टी की मीटिग के बाद सड़कों की खामियों को दूर करने के लिए कमेटी पर कमेटी बनाई जा रही है। फिर भी धरातल पर कोई काम होता नहीं दिख रहा। सितंबर माह में जब एडीसी के पास आरटीए सचिव का चार्ज था तो उन्होंने पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को सड़कों की खामियां दूर करने के आदेश दिए थे। परंतु अधिकारी उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इस बार सड़कों की खामियां तलाशने के लिए एक ओर कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी देखेगी कि सड़कों पर पर क्या कमी हैं जिनकी वजह से हादसे हो रहे हैं। कमेटी अपनी रिपोर्ट संबंधित विभाग को देगी ताकि वह जल्द से जल्द वहां काम कर पाए जिससे हादसों में कमी लाई जा सके। कई विभागों के अधिकारी होंगे कमेटी में
सड़कों में किस तरह की कमियां है ये देखने के लिए जो कमेटी बनी है उसमें ओम सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुशील आर्य, पीडब्ल्यूडी, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पीडब्ल्यूडी व मार्केटिग बोर्ड के अधिकारी हैं। क्योंकि सभी सड़कें इन विभागों की ही हैं। जब सड़क पर कोई हादसा होता है तो इन विभागों के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं। इसके अलावा कमेटी मे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को भी लिया गया है। यह कमेटी सबसे पहले उन जगहों पर जाएगी जहां पर पिछले कुछ महीनों में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। मौके पर यदि सड़क टूटी मिली, संकेत या चेतावनी बोर्ड खराब मिले, सड़क पर बरम नहीं है समेत अन्य तरह की खामियों को जांचेगी। जिस विभाग से संबंधित जो कमी होगी उसे ठीक करने के लिए लिखा जाएगा। कोहरे में हो रहे हादसे लेकिन सड़कें सुरक्षित नहीं
एक सप्ताह में कोहरे से कई हादसे हो चुके हैं। जिनमें दो युवकों समेत कई की जान जा चुकी है। इसके अलावा कई वाहन भी आपस में भिड़ गए थे। शहर की सड़कें हो या फिर स्टेट एवं नेशनल हाईवे। कहीं, भी चलना खतरे से खाली नहीं है। पिछले दिनों सचिवालय में हुई रोड सेफ्टी की मीटिग में एसपी कमलदीप गोयल ने कहा था कि यमुनानगर से रादौर जा रहे नेशनल हाईवे की जितनी बुरी हालत है उतनी उन्होंने कहीं नहीं देखी। सड़क टूटी पड़ी है। इसके बावजूद सड़क पर कुछ काम नहीं हुआ। दैनिक जागरण टीम ने शुक्रवार को सड़कों का जायजा लिया तो काफी अवैध कट हैं, लाइट के लिए प्वाइंट दिया गया है लेकिन वहां पोल नहीं है। वहीं सड़कों किनारे क्रेन व अन्य वाहन खड़े मिले जिनके कारण सड़कों पर जाम लगता है। वहीं महाराणा प्रताप चौक से विश्वकर्मा चौक तक सड़क पर कहीं भी सफेद पट्टी नहीं है। इन प्वाइंट पर अभी तक काम नहीं हुआ
सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य सुशील आर्य ने बताया कि इस साल में 270 से ज्यादा सड़क हादसे हो चुके हैं। जिनमें 205 से ज्यादा लोग घायल हुए जबकि 114 लोगों की जान गई। जगाधरी-बिलासपुर मार्ग पर जेल से पहले जो चौराहा है उसकी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने रिपोर्ट दी है कि मौके पर कैटआइ लगा दी गई हैं। जबकि रात को वाहन की रोशनी पड़ने पर भी इनमें से एक भी नहीं चमकती। यहां एक भी ब्लिकर तक नहीं है। रात को चौक पर अंधेरा रहता है। गुलाब नगर, विश्वकर्मा चौक, चुन्ना भट्ठी चौक, मेला सिंह चौक पर जो ट्रैफिक लाइट हैं वह सब खराब पड़ी हैं। ज्यादातर सड़कों के बीच में सफेद पट्टी तक नहीं है। जबकि कोहरे में सफेद पट्टी ही वाहन चालकों को आगे बढ़ने में मदद करती है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे : भारत भूषण
आरटीए सचिव भारत भूषण कौशिक का कहना है सड़क सुरक्षा को लेकर किसी भी विभाग की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक कमेटी बनाई है जो सड़कों की खामियों का पता कर उस विभाग को रिपोर्ट देंगी जिनसे वह संबंधित है। कुछ कमियां ऐसी होती हैं जिन्हें अपने स्तर पर ठीक किया जा सकता है। सभी को अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे के ऊपर डालने से बचना होगा।