अक्षय तृतीय पर सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक परिणय सूत्र में बंधे जोड़े
हींग लगे न फिटकरी रंग भी चौखा होए. . . अक्षय तृतीय पर होने लगा है।
संवाद सहयोगी, जगाधरी
हींग लगे न फिटकरी रंग भी चौखा होए. . . अक्षय तृतीय पर होने वाले शादियों पर यह कहावत सटीक हो रही है। पहले शादियों में जहां पैलेस, बैंड-बाजा, घोड़ी, हलवाई, कार्ड प्रिटिग इत्यादि की बुकिग पर जहां लाखों खर्च हो जाते, लेकिन अब घर में ही रस्मों की अदायगी से कम खर्च में युवा परिणय सूत्र में बंध रहे हैं। बिलासपुर सैनी मोहल्ला के पंडित योगेश शास्त्री के मुताबिक हर साल अक्षय तृतीय पर महामुहूर्त होने की वजह से यमुनानगर में शादियों की भरमार रहती थी। एक पंडित तीन से चार शादियां करवाता था। लेकिन इस बार कोरोना महामारी व प्रशासन के सख्त नियमों की वजह से गिनी चुनी शादियां ही हुई है।
बिलासपुर निवासी राजेश गर्ग ने बताया कि अक्षय तृतीय पर उन्होंने बेटे शुभम की शादी सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक ही की। बारात में दुल्हे सहित पांच लोग तरावड़ी गए। जहां पर हिदू रीति रिवाजों के साथ शुभम व सुरभि परिणय सूत्र में बंधे। विवाह समारोह में वधु पक्ष की ओर से भी पांच लोग ही शामिल हुए। पंडित सहित 11 लोगों की मौजूदगी में विवाह की रस्म अदायगी हुई। राजेश गर्ग के मुताबिक सभी ने घर पर ही तैयार भोजन किया। कोरोना की वजह से कोई हलवाई इत्यादि की बुकिग नहीं की गई। हालांकि उन्होंने बेटे की शादी धूमधाम से करने के लिए जगाधरी रोड स्थित एक पैलेस बुक किया हुआ था। लेकिन कोरोना के बढ़ते मरीजों व सरकार की सख्ती की वजह से बुकिग को रद्द करना पड़ा।
सारी बुकिग करनी पड़ी रद्द
मैरिज पैलेस संचालक जयकुमार व विपिन कुमार का कहना है अक्षय तृतीय पर करीब छह महीने पहले दिन रात के लिए पैलेस बुक हुआ था। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से सारी बुकिग रद्द करनी पड़ी। यही हाल बैंड-बाजा, घोड़ी, फूलों से सजावट करने वालों का रहा। फूल विक्रेता संजय व अजय कुमार का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है। पहले अक्षय तृतीय पर जहां उन्हें दिनरात काम करना पड़ता था, अब एक भी बुकिग नहीं मिली। कार सजाने वाले कुशलपाल के मुताबिक इस लॉकडाउन में उन्होंने एक भी कार नहीं सजाई। परिणय सूत्र में बंधा एक जोड़ा
संवाद सहयोगी, बिलासपुर :
श्री आदिबद्री गोशाला समिति की ओर से आयोजित 21वां सामूहिक विवाह महोत्सव के 16वें दिन एक जोडा परिणय सूत्र में बंधा। महंत विनय स्वरूप ने बताया कि पहला राष्ट्रीय स्तर का विवाह महोत्सव है। इसमें 27 अप्रैल से 17 मई तक लगातार बीस दिन तक 21 कन्याओं का विवाह किया जाएगा। कार्यक्रम में लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए प्रतिदिन एक जोड़े का विवाह हिदू रीति रिवाजों के साथ संपन्न किया जाता है। जिसमें वर व वधू पक्ष से सीमित संख्या में मेहमानों को बुलाया जाता है। शादी समाराह में अभी तक 17 जोड़े विवाह के बंधन में बंध चुके हैं। इसमें हिमाचल,उतराखंड, हरियाणा, उतर प्रदेश सहित आस पास के क्षेत्र के गांवों के युवाओं ने शादी रचाई। युवाओं को समय की मांग का देखते हुए इस तरह के महोत्सव में अपनी सहभागिता दिखानी चाहिए।