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मतदान में कुछ दिन नहीं पहुंचा कोई नेता प्रचार करने, उनके प्रतिनिधि कर रहे प्रतिनिधित्व

गुरुओं की धरती कपालमोचन की सीमा से सटा मिल्क खास गांव भी पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगा हुआ है। हो भी क्यों न इस गांव का प्रदेश की राजनीति से शुरू से जुड़ाव रहा है क्योंकि प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना इसी गांव के रहने वाले हैं। हालांकि अब गांव में उनका आना कभी-कभार ही होता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 06:50 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:50 AM (IST)
मतदान में कुछ दिन नहीं पहुंचा कोई नेता प्रचार करने, उनके प्रतिनिधि कर रहे प्रतिनिधित्व
मतदान में कुछ दिन नहीं पहुंचा कोई नेता प्रचार करने, उनके प्रतिनिधि कर रहे प्रतिनिधित्व

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गुरुओं की धरती कपालमोचन की सीमा से सटा मिल्क खास गांव भी पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगा हुआ है। हो भी क्यों न इस गांव का प्रदेश की राजनीति से शुरू से जुड़ाव रहा है, क्योंकि प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना इसी गांव के रहने वाले हैं। हालांकि अब गांव में उनका आना कभी-कभार ही होता है। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए ज्यादातर लोग चुनाव की बातों में मशगूल हैं। चुनावी माहौल का जायजा लेते हुए दैनिक जागरण संवाददाता कपालमोचन पहुंचा। यहां से मछरौली जाने वाली सड़क पर गांव की सरहद पर विशालकाय गेट बना है, जो चौधरी शंकर लाल की स्मृति में बनाया गया है। गेट के पास ही ग्राम पंचायत द्वारा बनवाया गया गौरव पट लगा है। जिस पर लगे पत्थर पर अंकित था कि मिल्क खास गांव 212 हेक्टेयर में फैला है। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव की आबादी 1497 हैं।

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थोड़ा आगे बढ़ते हुए हम कुंए के पास पहुंचे। जिसे अब लोहे की जाली से बंद कर दिया गया। कुएं के पास ही एक व्यक्ति अपने पशुओं के लिए मशीन से चारा काट रहा था। इसके ठीक सामने एक बैठक पर नजर पड़ी, जिसमें नौ लोग बैठे थे। पूछने पर पता चला ये बैठक सुरेंद्र और बलिद्र की है। यहां बैठे लोगों ने डॉ. धर्मपाल, विनोद कुमार, रोहित, जयकुमार, सुरेश, अमित, हिशम सिंह के तौर पर अपना परिचय कराया।

बात आगे बढ़ी लोगों ने बताया वे चुनाव पर ही बात कर रहे थे। प्रत्याशियों की हार जीत पर दांव लग रहा था। चर्चा इस बार पर हो रही थी कि मतदान में कुछ दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी का प्रत्याशी गांव में प्रचार करने नहीं पहुंचा है। हां, प्रत्याशियों के खासमखास अपने पक्ष में वोट डालने को जरूर कहते हैं। डॉ. धर्मपाल और सुरेंद्र ने बताया कि गांव में सभी बिरादरी के लोग रहते हैं। इसके बावजूद चुनाव में वोट डालने को लेकर आज तक यहां का माहौल कभी खराब नहीं हुआ। किसी पर अपनी पसंद के प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव नहीं डाला जाता है।

गांव के 35 युवक फौजी

गांव से दर्जनों लोग सरकारी नौकरी करते हैं। इनके अलावा 35 युवक सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि गांव में सभी तरह के विकास कार्य हुए हैं। फूलचंद मुलाना के पैतृक घर में राजकीय डिस्पेंसरी चल रही है। गांव में जरूरत है तो बस एक सरकारी ट्यूबवेल की। गांव में एक ट्यूबवेल तो लगा है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। पुराना होने के कारण वह ठप हो सकता है। इसलिए अभी से नया ट्यूबवेल लगवाने की सरकार से मांग की जा रही है। गांव के उत्तर दिशा में शिव मंदिर भी है। जो करीब तीन सौ साल पुराना है। शिवरात्रि पर यहां मेले का आयोजन होता है। लोगों का कहना है कि पहले और अब के चुनाव में काफी कुछ बदल गया है। अब सोच समझ कर रही वोट डालनी चाहिए।


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