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शॉर्ट सर्किट से फैक्ट्री समेत आठ एकड़ फसल राख

जागरण संवाददाता यमुनानगर वही हुआ जिसका डर था। बिजली के झूलते तारों की वजह से आग ने तांडव मचाया। सोमवार रात को तेज हवा से शॉर्ट सर्किट हुआ। इससे अलग-अलग तीन जगह आग लग गई। खारवन रोड पर प्लाइवुड की फैक्ट्री को आग ने चपेट में ले लिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:42 AM (IST)
शॉर्ट सर्किट से फैक्ट्री समेत आठ एकड़ फसल राख
शॉर्ट सर्किट से फैक्ट्री समेत आठ एकड़ फसल राख

जागरण संवाददाता, यमुनानगर:

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वही हुआ, जिसका डर था। बिजली के झूलते तारों की वजह से आग ने तांडव मचाया। सोमवार रात को तेज हवा से शॉर्ट सर्किट हुआ। इससे अलग-अलग तीन जगह आग लग गई। खारवन रोड पर प्लाइवुड की फैक्ट्री को आग ने चपेट में ले लिया। करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया है। इस आग की चपेट में किसानों की गेहूं की फसल भी आ गई। इससे पांच एकड़ गेहू जलकर राख हो गया। खारवन रोड पर रात के समय जब आग लगी तो बचाव में किसानों ने गेहूं काटनी शुरू कर दी। किसी तरह से उन्होंने अपनी फसल बचाई। रादौर में दो जगह आग लगी। आरोप है कि फायर बिग्रेड को सूचना दी गई, लेकिन गाड़ी नहीं पहुंची। ध्यान रहे कि गत वर्ष दो सौ एकड़ गेहूं की तैयार फसल बिजली के ढीले तारों की चपेट में चढ़ गई। उसके बाद भी कोई सबक नहीं किया गया। खुद गेहूं काटने के बावजू जल गई तीन एकड़ फसल

रात में चली तेज हवा से कई जगहों पर आग लगी। करीब एक बजे खारवन रोड पर पहले गेंहू की फसल में आग लगी। भूखड़ी निवासी सेवा राम व ऋषिपाल की गेंहू की फसल में आग लग गई। गांव के लोगों को आग लगने का पता लगा, तो वह खेतों में पहुंच गए। किसी तरह से गेहूं को काटा और ट्रैक्टर चलाया। इसके बाद ही आग बुझ सकी। हालांकि इस दौरान करीब तीन एकड़ गेहूं की फसल जल गई। उड़ती चिंगारी ने फूंक दी फैक्ट्री

यहां पर लगी आग की चिगारी गुप्ता प्लाइवुड में खुले में पड़े पत्तों में जा लगी। देखते ही देखते यहां पर आग भड़क गई और फैक्ट्री में पड़ी लकड़ियों व बोर्ड को चपेट में ले लिया। फायर बिग्रेड को सूचना दी गई। फायर बिग्रेड की गाड़ियां पहुंच और आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगी, लेकिन हवा चलने की वजह से आग भड़कती चली गई। रात भर फायर बिग्रेड की गाड़ियां आग बुझाने में लगी रही। सुबह 11 बजे तक ही आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका। तब तक माल पूरी तरह से खाक हो गया। दमकल अधिकारियों के अनुसार 11 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। बाहर से कोई चिगारी उड़ते हुए फैक्ट्री में पहुंची। ..इंतजार करते रे गए किसान

रादौर के गांव खेड़ापुर में भी बिजली की झूलते तारों में शॉर्ट सर्किट हुआ और फसल में आग लग गई। गांव के ही जरनैल सिंह, प्रदीप कुमार और देशराज के खेतों से ये तार गुजर रहे हैं। रात को हवा चली तो तार भिड़ गए। इस वजह से ही खेतों में आग लगी। आग से जरनैल सिंह के दो एकड़, प्रदीप कुमार के दो एकड़ और देशराज की एक एकड़ फसल जलकर राख हो गई। रात को फायर ब्रिगेड को सूचना दी। आरोप है कि फायर बिग्रेड नहीं पहुंची। कई बार बिजली निगम को दे चुके शिकायत

जरनैल सिंह व प्रदीप कुमार का कहना है कि खेतों से गुजर रहे तार टाइट करवाने के लिए कई बार बिजली निगम को शिकायत दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यदि गांव से ट्रैक्टर नहीं मंगवाते तो यह आग अधिक भड़क जाती। वहीं, दमकल अधिकारी प्रमोद कुमार का कहना है कि खेड़ापुर में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां गई थी, लेकिन रास्ते में ही आग बुझने की सूचना मिल गई। इस पर गाड़ियां वापस मंगा ली गई। बिजली निगम लापरवाह

दरअसल, खेतों में आग लगने का मुख्य कारण बिजली के झूलते तार और ट्रांसफार्मर हैं। जिले में 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। अधिकतर खेतों के बीच बिजली के तार गुजर रहे हैं। कई जगह पर हालात ये हैं कि नीचे खड़े व्यक्ति का हाथ इन लाइनों तक पहुंच जाता है। गर्मी में यहां पर शॉर्ट सर्किट होने की वजह से गेहूं की फसलों में आग लगती है। बिजली निगम इस ओर से लापरवाह है। पर्याप्त नहीं फायर बिग्रेड की गाड़ियां भी पर्याप्त नहीं

जिले की बात करें तो 441 ग्राम पंचायतें और 655 गांव हैं। कुल एरिया 1756 स्केयर किलोमीटर है, लेकिन आग से बचाव के लिए गाड़ियों की व्यवस्था केवल जिला मुख्यालय पर है। बिलासपुर और छछरौली को केवल एक-एक गाड़ी मिली हुई। सबसे अधिक अप्रैल माह में फसल में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। जिले में दो फायर स्टेशन यमुनानगर के इंडस्ट्रीयल एरिया, जगाधरी के गुलाब नगर और एक उपफायर स्टेशन शादीपुर में खजूरी रोड पर हैं। दमकल की 14 गाड़ियां यमुनानगर, दो जगाधरी और एक गाड़ी खजूरी में खड़ी होती है। इसके अलावा एक गाड़ी बिलासपुर और एक छछरौली में है। छछरौली और खिजराबाद एरिया में जंगल भी हैं। गर्मियों के सीजन में यहां भी आग लगने की घटनाएं अकसर होती हैं। ये एहतियात बरतें

सावधानी बरत कर भी आग की आशंका को कम किया जा सकता है। किसानों को चाहिए कि वे कटाई के बाद गेहूं के ढेर बिजली के तारों से दूर रखें। खेत में कांच का शीशा हो तो उसे बाहर निकाल दें, क्योंकि सूर्य की किरण पड़ने पर कांच से भी आग लग सकती है। खेत में हर समय पानी से भरे ड्रम रखें। आग को खुले में न गिराए। हवा चलने पर यह चिगारी दूर तक पहुंच सकती है।


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