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35 बच्चों का भविष्य दांव पर : बंद कमरे में प्रशासन और प्रबंधन की बैठक, बाहर बच्चे कोसते रहे

स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल विष्णु नगर व विश्वभारती स्कूल के टाइअप के खेल ने 35 बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया। रोल नंबर नहीं मिलने से उनकी 10वीं की गणित की परीक्षा छूट गई। अब 13 मार्च को फिर परीक्षा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 10:02 AM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 10:02 AM (IST)
35 बच्चों का भविष्य दांव पर :  बंद कमरे में प्रशासन और प्रबंधन की बैठक, बाहर बच्चे कोसते रहे
35 बच्चों का भविष्य दांव पर : बंद कमरे में प्रशासन और प्रबंधन की बैठक, बाहर बच्चे कोसते रहे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल विष्णु नगर व विश्वभारती स्कूल के टाइअप के खेल ने 35 बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया। रोल नंबर नहीं मिलने से उनकी 10वीं की गणित की परीक्षा छूट गई। अब 13 मार्च को फिर परीक्षा है। इसमें भी बैठने की कोई उम्मीद नहीं है। शुक्रवार देर रात तक जाम लगाने के बाद शनिवार को पीड़ित छात्रों ने परिजनों के साथ शहर में रोष मार्च निकाला। लघु सचिवालय में पहुंचे, तो यहां पर सिटीएम सोनू राम, तहसीलदार जोगिद्र शर्मा, बीईओ जय सिंह जुल्का और स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल के प्रबंधक प्रवीण सरदाना के बीच बातचीत हुई। इस दौरान प्रवीण सरदाना ने हाथ जोड़कर कहा कि उनका काम मीडिया ने बिगाड़ दिया। इस मामले को मीडिया तक न पहुंचने दें। फिलहाल बच्चों की परीक्षा की बात है। उनकी जो भी गलती है। इसके लिए शिक्षा विभाग जो भी सजा देगा, उन्हें मंजूर है। बाद में सिटीएम व तहसीलदार ने मीडिया को बाहर निकाल दिया।

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शनिवार को सभी छात्र पहले स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल के सामने एकत्र हुए। यहां से नारेबाजी करते हुए आइटीआइ से होते हुए लघु सचिवालय में पहुंचे। क्योंकि रात को जाम इस शर्त पर खुला था कि प्रशासन प्रबंधन के साथ बातचीत कर मामले को सुलझाएंगे। छात्रों ने हाथों में वी वांट जस्टिस, हमें रोल नंबर दो, भविष्य के साथ खिलवाड़ न करो जैसे स्लोगन लिखी पट्टियां ले रखी थी। छात्रों के साथ स्वराज इंडिया, एबीवीपी व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। आपस में ही भिड़ गए छात्रों के समर्थन में आए नेता

जिस समय तहसीलदार ने पांच अभिभावकों को अंदर बातचीत के लिए बुलवाया, तो बाहर छात्रों के पक्ष में आए स्वराज इंडिया, एबीवीपी व अन्य कार्यकर्ताओं में अंदर जाने की होड़ मच गई। इस दौरान उनके बीच तीखी नोंकझोंक हुई। दोनों ने एक दूसरे पर राजनीति चमकाने के आरोप लगाए। बाद में तहसीलदार जोगिद्र शर्मा ने उन्हें फटकार लगाई। इसके बाद ही दोनों पक्ष शांत हुए। बाद में संजीव वालिया व दिनेश डूमरा अंदर प्रशासन के साथ मीटिग के लिए गए। बच्चों को रोकने के लिए पुलिसबल रहा तैनात

मात्र 35 बच्चे और उनमें से कुछ के अभिभावक अपनी मांग को लेकर लघु सचिवालय में पहुंचे थे। उन्हें अंदर आने से रोकने के लिए पहले ही 20 पुलिसकर्मी लाठी के साथ तैनात किए गए थे। डीसी की पार्किंग में ही इन छात्रों को रोक दिया गया। काफी देर तक बाहर नारेबाजी होती रही, तो बाद में सभी छात्रों व उनके अभिभावकों को तहसील कार्यालय में अंदर बुलवाया गया। इसके बाद गेट बंद कर दिया गया। न तो अभिभावकों व छात्रों को बाहर जाने दिया गया और न ही फिर किसी को अंदर आने दिया गया। प्रबंधन का दावा, 12 को रोल नंबर देंगे छात्रों को :

पहले तहसीलदार जोगिद्र शर्मा आए। उन्होंने इस मामले में प्रबंधन व बीईओ से जानकारी ली। बाद में सीटीएम आए और अंदर बैठक हुई। इस दौरान प्रबंधन की ओर इन छात्रों के मामले को हाईकोर्ट में रखने की बात कही गई। प्रशासन के सामने प्रवीण सरदाना ने कहा कि हाईकोर्ट में यह केस लगा हुआ है। इसमें शुक्रवार को फैसला होना था, लेकिन मीडिया में आई खबर कोर्ट तक पहुंच गई और वहां से अब 11 मार्च की डेट दी गई है। प्रवीण सरदाना ने प्रशासन के सामने दावा किया कि वह 12 की सुबह सभी बच्चों घर जाकर रोल नंबर देंगे। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन ने हाईकोर्ट में जो दस्तावेज दिए हैं, उनमें स्प्रिंगडेल्स पब्लिक स्कूल पार्टी ही नहीं है। इस मामले में पार्टी विश्व भारती पब्लिक स्कूल है। इसके बावजूद भी प्रशासन ने विश्व भारती स्कूल की ओर से किसी को नहीं बुलाया। पूरा साल बर्बाद हो गया : चाहत

हमारा पूरा साल बर्बाद हो गया। हमने पूरी तैयारी कर रखी थी। जिन बच्चों ने पेपर दिया, उनका प्रश्न पत्र देखा। मेरी तैयारी के हिसाब से आसान था। अब कहां जाए, किससे कहे। भविष्य से खिलवाड़ : हर्ष

मुझे तो टेंशन हो रही है। स्कूल प्रबंधन ने उनके भविष्य से खिलवाड़ किया है। उन्हें तो अब ऐसा लग रहा है कि दोबारा नौंवी में दाखिला लेना पड़ेगा, क्योंकि स्कूल की शायद मान्यता तक नहीं है। पूरी फीस दी थी : तरणजीत

हमने अपने बच्चों की पूरी फीस दी। हमें नहीं पता था कि उनके साथ स्कूल इस तरह से करेगा। स्कूल की बिल्डिग बड़ी है। फीस भी भारी भरकम ली जा रही है। अब स्कूल के बारे में पता लगा। प्रबंधन के साथ बैठक हुई। इसमें प्रबंधन ने जानकारी दी कि ये केस कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने कुछ दस्तावेज मांगे हैं, उनको तैयार करवाया जा रहा है। हमारा प्रयास यह है कि बच्चों का भविष्य खराब न हो और उनकी परीक्षा हो जाए। जो पेपर छूट गया है, उसमें रिअपीयर न आए। इस बारे में भी कोर्ट में पक्ष रखा जाएगा। जहां तक स्कूल की मान्यता की बात है। इस बारे में हमारे पास कोई दस्तावेज नहीं आए हैं। इसकी हम पूरी जांच कराएंगे।

सोनू राम, सीटीएम यमुनानगर।


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