22 हजार ने नहीं लगवाई कोरोनारोधी वैक्सीन, बूस्टर डोज से भी पीछे हट रहे लोग
एक तरफ कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक वैक्सीनेशन पर जोर दे रहा है। जिले में पात्रता की श्रेणी में आने वाले 98 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो चुका है लेकिन अभी भी करीब 22 हजार लोग ऐसे हैं। जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बूस्टर डोज लेने के लिए भी लोग आगे नहीं आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एक तरफ कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक वैक्सीनेशन पर जोर दे रहा है। जिले में पात्रता की श्रेणी में आने वाले 98 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन अभी भी करीब 22 हजार लोग ऐसे हैं। जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बूस्टर डोज लेने के लिए भी लोग आगे नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि अभी तक महज 3512 ने ही बूस्टर डोज ली है। वहीं जिले की बात करें, तो नौ लाख 44 हजार 753 पात्र वैक्सीनेशन के लिए पंजीकृत हैं। इनमें से नौ लाख 22 हजार 992 ने पहली डोज, सात लाख एक हजार 397 ने दोनों डोज ली हुई है। 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 59 हजार पंजीकृत हैं। इनमें से 36 हजार 946 को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। जनवरी माह में कोरोना की तीसरी लहर ने रफ्तार पकड़ ली है। रोजाना 200 से 250 तक मरीज मिल रहे हैं। राहत की बात यह है कि वैक्सीनेशन की वजह से मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं मिल रहे हैं। उन्हें अस्पताल में दाखिल होना नहीं पड़ रहा है। अधिकतर मरीजों को सात दिन के लिए होम आइसोलेट किया जा रहा है। यह है वैक्सीनेशन की स्थिति : विभाग - रजिस्टर्ड - पहली डोज - दूसरी डोज - बूस्टर डोज स्वास्थ्य -9027 - 8950 - 8568 -1057 फ्रंटलाइन वर्कर - 5218 -5218 - 5016 - 110 18 से 44 वर्ष -607341 -578706 -406430 - 0 45 से 59 वर्ष -202447 - 193829 -162348 -0 60 प्लस - 134965 - 133259 -111035 - 2345 मोबाइल वैक्सीनेशन केंद्र भी किए गए शुरू : प्लाईवुड फैक्ट्रियों में काफी ऐसी लेबर हैं। जिन्होंने डोज नहीं लगवाई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्लाईवुड एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसके तहत दो मोबाइल वैक्सीनेशन केंद्र शुरू किए गए हैं। इसके लिए रोडवेज की ओर से दो बसों को हायर किया गया है। इन बसों में वैक्सीनेशन स्टाफ संबंधित क्षेत्रों में जाएगा। जहां भी फैक्ट्री या उसके आसपास 50 से अधिक लोग होंगे। उनका वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अब दो और बसों को वैक्सीनेशन के लिए मोबाइल केंद्र बनाया गया है। सर्टिफिकेट अपलोड नहीं होने से परेशानी :
एक जनवरी से वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही अब दोनों डोज ले चुके लोग सर्टिफिकेट निकलवा रहे हैं। कुछ लोगों के सामने दिक्कत आ रही है। वह दोनों डोज ले चुके हैं, लेकिन उनका सर्टिफिकेट पोर्टल पर नहीं दिख रहा है। रोजाना ऐसे आठ से दस लोग सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंच रहे हैं। उनसे विभाग की ओर से आवेदन लिया जा रहा है। इसके बाद पोर्टल से जांच कर सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। यह दिक्कत उन लोगों के सामने आ रही है कि जिनका गलती से दूसरी डोज लगवाते समय मोबाइल नंबर बदल गया है।