Move to Jagran APP

14 करोड़ खर्च, सत्ता में रहे सरदार, कॉलोनियों में फिर भी विकास की दरकार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सत्ता पक्ष से पार्षद होने के बावजूद वार्ड नंबर-4 में विकास की चमक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 12:23 AM (IST)
14 करोड़ खर्च, सत्ता में रहे सरदार, कॉलोनियों में फिर भी विकास की दरकार
14 करोड़ खर्च, सत्ता में रहे सरदार, कॉलोनियों में फिर भी विकास की दरकार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

prime article banner

सत्ता पक्ष से पार्षद होने के बावजूद वार्ड नंबर-4 में विकास की चमक नहीं है। 14 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही जा रही है, लेकिन कई कॉलोनियों में हालात अभी भी खराब हैं। नाले व सड़कें टूटी पड़ी हैं। पांच वर्ष के कार्यकाल में सफाई व पानी की निकासी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई। पांच वर्ष तक नगर निगम अधिकारियों व पार्षद के बीच विकास को लेकर कशमकश रही। डीसी से लेकर सीएम तक विकास कार्यों में अनदेखी शिकायत हुई। उधर, कॉलोनी के लोगों का कहना है कि उनकी पहुंच तो पार्षद तक है और सफाई, पानी की निकासी व टूटी सड़कों जैसी समस्याओं के लिए तो उन्हीं को कसूरवार ठहराया जाएगा।

वार्ड का परिचय

वार्ड से बीजेपी समर्थित प्रमोद सेठी पार्षद रहे। करीब 23 हजार की आबादी है और 14 हजार वोट हैं। वार्ड में बर्तन बनाने की सैकड़ों इकाइयां हैं। यहां के बर्तन की खनक विदेशों तक है। अब इस वार्ड का कुछ एरिया वार्ड नंबर-5 में जोड़ दिया गया है। निवर्तमान पार्षद का कहना है कि वे इस बार वार्ड नंबर-5 से ही चुनाव लड़ेंगे। निवर्तमान पार्षद सेठी ने समय-समय पर वार्ड से संबंधित समस्याएं हाउस की बैठक और अधिकारियों के समक्ष रखी। वार्ड में औद्योगिक इकाइयां होने के कारण प्रदूषण और सफाई की समस्या सबसे बड़ी है। रिहायशी क्षेत्रों में ही इकाइयां चल रही हैं।

वार्ड में ये कॉलोनियां शामिल

वार्ड नंबर-4 में सरस्वती कॉलोनी, लक्ष्मी नारायण कॉलोनी, वाल्मीकि कॉलोनी, हरीजन बस्ती, मनोहर कॉलोनी, सरवर मोहल्ला, राजपुतान मोहल्ला, सरगोधा कॉलोनी, भगत पुरा, पटरी मोहल्ला, विश्वकर्मा कॉलोनी, विजय नगर कॉलोनी, विशाल नगर, बनी मोहल्ला शामिल है। अब इस वार्ड में बूड़िया सहित कई गांव भी जोड़ दिए हैं।

अधर में निकासी की योजना

जगाधरी की विभिन्न कॉलोनियों में पानी की निकासी की समस्या सबसे बड़ी है। शहर के बीचोबीच से नाला गुजर रहा है। कई जगह-जगह यह कवर है जिसके कारण सफाई नहीं होती। यह नाला यमुनानगर की विभिन्न कॉलोनियों से होता हुआ कैंप के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिर रहा है। जगाधरी की निकासी को परवालों में बने एसटीपी की ओर डाइवर्ट करने की योजना भी अधर में है। यदि यह योजना सिरे चढ़ जाती तो काफी राहत मिल सकती थी। दूसरा, नालों की नियमित रूप से सफाई भी नहीं हो पाती। बारिश के दिनों में हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं। रामकुंडी पार्क का काम भी पूरा नहीं हुआ है।

फोटो : 2

अश्वनी कुमार का कहना है कि जोहड़ीपुरा कॉलोनी में समस्याओं का अंबार है। सीवरेज लाइन अटी पड़ी है। सफाई समय पर नहीं होती। पार्षद को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्याएं ज्यों कि त्यों हैं। यदि पार्षद ही जनता की अनदेखी करेंगे तो भला किससे उम्मीद की जा सकती है। क्षेत्र में बिना बारिश के ही बुरा हाल रहता है। कम कम गलियों व नालियों की स्थिति को ठीक होनी चाहिए। सफाई न होने से मच्छर भिनभिनाते हैं।

फोटो : 3

मनोहर कॉलोनी निवासी लख¨वद्र ¨सह का कहना है कि जगाधरी में विकास कार्य उम्मीद के मुताबिक नहीं हुए हैं। सफाई जैसी मूलभूत सुविधा लोगों को नहीं मिल पाई। लोग इस उम्मीद में अपने जन प्रतिनिधि को वोट देते हैं कि उनकी समस्याएं दूर होंगी, लेकिन आज भी गलियां कच्ची पड़ी हैं। नालियां गंदगी से लबालब हैं। सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। लोग व्यवस्था को कोस रहे हैं।

फोटो : 4

रमेश कुमार का कहना है कि कई कॉलोनियों को देखकर नहीं लगता कि ये नगर निगम की कॉलोनियां है। हालात गांवों से बदतर हैं। नाले टूटे पड़े हैं। बारिश होने पर गंदा पानी लोगों के घरों में घुसता है। बीमारियां फैलती हैं। सफाई कर्मचारी कभी-कभार ही दिखाई देते हैं। कई-कई दिन तक गलियों से कचरा नहीं उठाया जाता है। खाली पड़े प्लॉटों में गंदगी के ढेर लगे है। सफाई करवाने की जहमत नहीं उठाई जाती। लोगों की उम्मीद पार्षद से ही होती है।

फोटो : 5

अनिल कुमार का कहना है कि विकास की दौड़ में वार्ड पिछड़ रहा है। कई कॉलोनियों में तो पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। घरों में दूषित पानी सप्लाई होता है। इसके अलावा सड़कें टूटी पड़ी हैं। बारिश के दिनों में गुजरना मुश्किल हो जाता है। बारिश होने पर कई कॉलोनियां तालाब का रूप ले लेती हैं। कई-कई दिन तक स्थिति सामान्य नहीं होती। चुनाव के दिनों में बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन बाद में सुध नहीं ली जाती।

फोटो : 6

विकास पर 14 करोड़ खर्च

निवर्तमान पार्षद प्रमोद सेठी का कहना है कि हमने विकास कार्योँ में कसर नहीं छोड़ी। वार्ड में विकास कार्यों पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 50 लाख रुपये के कार्यों का एस्टीमेट दिया हुआ है, लेकिन अधिकारियों ने इन कार्यों के टेंडर नहीं लगाए। हाउस की बैठकें भी कम हुई है जिसके कारण विकास के लिए पैसे मंजूर नहीं हो पाए। बावजूद इसके वार्ड में जगाधरी का सबसे बड़ा पार्क रामकुंडी पार्क बनवाया। इस पर करीब 90 लाख रुपये खर्च आ चुके हैं। इसके अलावा छह ट्यूबवेल लगवाए, तीन अन्य पार्क बनवाए, करीब दो करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज लाइन बिछवाई। गलियों व नालियों की मरम्मत भी करवाई गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.