Move to Jagran APP

ई-एफडी और ओडी के सहारे साफ कर रहे लोगों के बैंक खाते

साइबर ठगों ने आजकल नए तरीके से ठगी शुरू की हैं। वह ई-एफडी (इलेक्ट्रानिक फिक्स डिपाजिट) और ओडी (ओवर ड्राफ्ट) के सहारे लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। नए तरीके से जिले के 18 लोगों के खाते साफ हो चुके हैं जबकि दिल्ली हरियाणा व उत्तर प्रदेश में ऐसे पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 05:13 PM (IST)
ई-एफडी और ओडी के सहारे साफ कर रहे लोगों के बैंक खाते
ई-एफडी और ओडी के सहारे साफ कर रहे लोगों के बैंक खाते

डीपी आर्य, सोनीपत

loksabha election banner

साइबर ठगों ने आजकल नए तरीके से ठगी शुरू की हैं। वह ई-एफडी (इलेक्ट्रानिक फिक्स डिपाजिट) और ओडी (ओवर ड्राफ्ट) के सहारे लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। नए तरीके से जिले के 18 लोगों के खाते साफ हो चुके हैं, जबकि दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में ऐसे पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। साइबर ठग खाताधारक की जानकारी जुटाकर बैंककर्मी की स्टाइल में बात करते हैं। वह झांसे में लेकर रुपया वापस करने के नाम पर दोबारा ठगी कर लेते हैं। साइबर सेल ने ठगों की तलाश शुरू कर दी है। ऐसे करते हैं ठगी ठग खाताधारक का पूरा पता, जन्मतिथि व पिता का नाम-कारोबार आदि की सटीक जानकारी बताते हैं। वह समझाते हैं कि गलती से आपके खाते से एफडी या आरडी हो गई है। आपका बैलेंस कट गया है, चेक कर लें। चेक करने पर पता चलता है कि वास्तव में खाते से बताई गई धनराशि कटी है। उसके बाद दोबारा काल करके कहते हैं कि अगर एफडी या आरडी नहीं कराना चाहते हैं तो उक्त धनराशि आपके खाते में वापस कर दी जाएगी। इसके लिए वेरिफिकेशन कोड आएगा, उसकी जानकारी उपलब्ध करा दें। इसके बाद दोबारा रुपये साफ कर लेते हैं। ऐसे जुटाते हैं जानकारी साइबर सेल की जांच में सामने आया है कि छतरी लगाकर सिम बेचने वाले, पेट्रोल पंप पर विदेशी टूर पैकेज कंपनी प्लान के फार्म भरवाने वाले, विभिन्न होटल-माल्स, दुकानों पर जानकारी भरने वाले, कोविड के चलते जानकारी लेने वालों से पर्सनल डिटेल चोरी होने की आशंका है। सबसे ज्यादा सावधान पीएनबी और एसबीआइ के खाताधारकों को रहना होगा। इनके उपभोक्ताओं की जानकारी किसी साफ्टवेयर से लीक हो रही है। सबसे ज्यादा ठगी इन्हीं के उपभोक्ताओं से हो रही है। सटीक जानकारी पाकर उपभोक्ता वह काल करने वाले को बैंककर्मी समझ जाते हैं।

जांच में सामने आया है कि साइबर ठग उपभोक्ता के खाते से ई-एफडी या एफडी से ओडी करके रकम काट लेते हैं। यह धनराशि कटी हुई दिखती है। ग्राहक रुपये वापस पाने के भ्रम में उनको ओटीपी बता देते हैं। वह ओटीपी को ही वेरिफिकेशन कोड कहते हैं, जिससे किसी को शक न हो। वह तत्काल ई-एफडी, ओडी को कैंसिल करके धनराशि को अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। कुछ भी नहीं करना है

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार आनलाइन एफडी या एफडी लोन को ही ई-एफडी या ओडी कहते हैं। इसको कराने के 24 घंटे में ग्राहक को अपने कागजात बैंक में जाकर स्वयं जमा कराने होते हैं। ऐसा नहीं होने पर धनराशि खाते में वापस आ जाती है। उपभोक्ता वेरिफिकेशन कोड नहीं बताएं और रुपये कटने पर बदहवास होने की बजाय बिल्कुल शांत रहें तो कोई रुपया नहीं कटेगा। वह धनराशि वापस करने के नाम पर जो रुपये खाते में डालते हैं, वह भी उपभोक्ता को मिलेंगे। दरअसल रुपये ई-एफडी, ओडी होने पर कटते नहीं हैं, सिर्फ कटे दिखते हैं। उपभोक्ता के रुपये तो कोड बताने के बाद कटते हैं।

-----------------

साइबर अपराध के रोजाना चार-पांच मामले आ रहे हैं। ठगों ने नया ट्रेंड शुरू किया है। उपभोक्ता कुछ भी जानकारी मोबाइल पर साझा नहीं करेगा, तो एक भी रुपया कोई नहीं काट सकता। रुपये कटने का मैसेज आने पर सीधे अपने बैंक जाएं। मोबाइल पर किसी से भी बातचीत न करें। आपका खाता दूसरे राज्यों-शहरों में हैं तो अपने बैंक की सीबीएस शाखा में संपर्क करें। ठगी से बचने का यही तरीका है।

- जोगेंद्र सिंह, प्रभारी साइबर सेल, हरियाणा पुलिस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.