चाचा से दांव सीख सुमित ने ब्राजील में बजवाया राष्ट्रगान, लहराया तिरंगा
हरीश भौरिया खरखौदा ब्राजील में हुए बधिर ओलिपिक में कुश्ती के फ्री स्टाइल के 97 किलो क
हरीश भौरिया, खरखौदा :
ब्राजील में हुए बधिर ओलिपिक में कुश्ती के फ्री स्टाइल के 97 किलो के मुकाबले में ईरान के एमपी गमरी को हराकर स्वर्ण पदक जीतने वाले गांव नासिरपुर बांगर के सुमित दहिया का परिवार इस उपलब्धि पर फूला नहीं समा रहा है। पूरे गांव में जश्न का माहौल है और पूरा गांव गोल्डन ब्वाय सुमित दहिया का स्वागत करने को बेताब है। वहीं नासिरपुर स्थित सुमित के घर में परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा है। सुमित के चाचा नरेंद्र ही उनके पहले गुरु हैं। भतीजे को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने में चाचा संजय की अहम भूमिका है। सुमित दहिया के चाचा संजय ने बताया कि सुमित के स्वागत के लिए तैयारियों को लेकर ग्रामीणों के साथ चर्चा की जा रही है, जल्द ही गांव में भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री से मिलकर समय लिया जाएगा और कार्यक्रम को तय किया जाएगा। संजय ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि सुमित को जन्म से ही सुनाई नहीं देता और वह बोल भी नहीं सकता है तो परिवार सदस्यों ने उसका अलग से खयाल रखना शुरू किया और आज उनके भतीजे ने पूरे देश का नाम रोशन किया है। चाचा ने सिखाए दांव-पेच
सुमित दहिया के चाचा नरेंद्र सुमित के पहले गुरु हैं, जिन्होंने उन्हें बचपन में पहलवानी के दांव सिखाए। जब उन्हें लगा कि सुमित को अब और निखार देने के लिए बड़े कोच की जरूरत है तो उसे कई साल तक पंजाब की आरएस मलिक अकादमी में सुभाष मलिक से ट्रेनिग दिलवाई और अब एक वर्ष से सुमित दहिया नरेला की विरेंद्र स्पोर्ट्स अकादमी में कोच विरेंद्र से ट्रेनिग ले रहे हैं। चाचा साया बनकर रहते हैं साथ
सुमित दहिया के चाचा संजय का कहना है कि उन्होंने शादी नहीं की, सुमित को अकादमी में छोड़ने के दौरान उसे किसी चीज की कमी महसूस ना हो, इसके लिए वह उसके साथ ही रहे। अब नरेला में भी उसके ट्रेनिग लेने के दौरान वह रोजाना उसका दूध व डाइट का सामान घर से लेकर जाते रहे हैं और घंटों उसके पास बिताते रहे हैं। छोटी बहन भी है मूक-बधिर
ओलिपिक पदक विजेता सुमित दहिया व उनकी छोटी बहन सोनिया दोनों मूक-बधिर हैं। सबसे छोटी बहन मोनिया है। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। सुमित के पिता महाबीर सिंह किसान हैं और मां राजकला गृहिणी हैं। सुमित के सोने का तमगा जीतने के बाद स्वजन ने मिलाई बांटकर जश्न मनाया। सुमित की मां ने दादी सावित्री को मिठाई खिलाकर खुशी जताई।