ज्यादा कमाई का लालच देकर छात्रा से ठगे एक लाख रुपये
मिशन रोड की रहने वाली छात्रा को आनलाइन मार्केटिग कर रुपये कमाने का झांसा देकर एक लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : मिशन रोड की रहने वाली छात्रा को आनलाइन मार्केटिग कर रुपये कमाने का झांसा देकर एक लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पीड़िता को जब ठगी का पता लगा तो उसने मामले की शिकायत सिटी थाना पुलिस को दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ठगी करने वाले के मोबाइल नंबर के आधार पर उसका पता लगाने का प्रयास कर रही है।
मिशन रोड की रहने वाली शिरेनभान ने सिटी थाना पुलिस को बताया कि वह छात्रा है। वह आनलाइन मार्केटिग करना चाहती थी। इसके लिए उसने गूगल पर एक नंबर सर्च किया था। जब उसने उस नंबर पर वाट्सएप मैसेज किया तो उसने बताया कि वह आपके पास एक लिक भेज रहा है, जिसे डाउनलोड कर आनलाइन मार्केटिग की जा सकती है और ज्यादा रुपये कमाए जा सकते हैं। शिरेनभान ने पुलिस को बताया कि वह उस साइबर ठग के झांसे में आ गई। उसने आरोपित के कहने पर अपने और अपनी मां के खाते से कुल एक लाख 288 रुपये ट्रांसफर कर दिए। दोनों की आइडी भी दे दी। जब उसने आरोपित को मैसेज करके बताया कि उनके रुपये वापस नहीं आए तो उसने मैसेज भेजा कि नेटवर्क की दिक्कत है। जब रुपये वापस नहीं आए तो उसने पता लगा कि उसके साथ ठगी की गई है। उसने मामले से पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर ठगी पर नहीं लग रही रोक :
जिले में साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। महीने में ठगी की औसतन 20-25 घटनाएं घटित हो रही हैं। ज्यादातर मामलों में साइबर ठग ज्यादा कमाई का झांसा देकर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। पुलिस की जांच रिपोर्ट दर्ज करने तक सीमित होकर रह जाती हैं। साइबर ठगी के शिकार लोग थाना और साइबर सेल के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो जाते हैं। नहीं मिलती ठगी गई धनराशि :
पुलिस का साइबर ठगी के मामलों का निस्तारण करने का तरीका अजीब है। किसी एक व्यक्ति के पकड़ में आने पर पुलिस साइबर ठगी के दर्जनों मामलों को उससे स्वीकार करा देते हैं। घटना के स्वीकार करने के साथ ही पुलिस दर्जनों मामलों का समाधान दिखा देती है। ज्यादातर मामलों में पीड़ितों को अपनी धनराशि वापस नहीं मिलती है। पुलिस करोड़ों की ठगी के मामलों में सौ-दो सौ रुपये बरामद दिखाकर मामलों का समाधान कर देती है। साइबर ठगी के ज्यादातर मामलों में पीड़ित की ही गलती निकलती है। बिना लापरवाही के साइबर ठगी होना संभव नहीं है। किसी लालच में आने की बजाय सावधान रहने की जरूर है। जरा सी लापरवाही होते ही साइबर ठग मेहनत की कमाई को साफ कर देते हैं।
- जोगेंद्र सिंह, प्रभारी, साइबर सेल