दंपती के खातों से साइबर ठगों ने उड़ाए 3.21 लाख रुपये
साइबर ठगों ने सेक्टर-15 में रहने वाले दंपती को झांसा देकर 3.21 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने कई बार में उनके खाते से रुपये निकाले। पुलिस ने शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : साइबर ठगों ने सेक्टर-15 में रहने वाले दंपती को झांसा देकर 3.21 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने कई बार में उनके खाते से रुपये निकाले। पुलिस ने शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले को साइबर टीम को जांच के लिए भेज दिया गया है।
अंकुश तनेजा ने सेक्टर-27 थाना पुलिस को बताया कि वह सेक्टर-15 का रहने वाला है। उसका और उसकी पत्नी का पंजाब नेशनल बैंक में खाता है। उनके और उनकी पत्नी के खाते से साइबर ठगों ने रुपये निकाल लिए। कई बार में उसके खाते से 32 हजार रुपये और उसकी पत्नी सलोनी के खाते से 2,89,500 रुपये ठगी करने वालों ने निकाल लिए। दोनों के खातों से 3,21, 550 रुपये निकाल लिए गए। साइबर ठगों के रुपये निकालने के तत्काल बाद उन्होंने अपने बैंक खाते सीज करा दिए थे, जिससे ज्यादा रुपयों का नुकसान से बच गया। पुलिस ने अंकुश तनेजा की शिकायत पर साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी और पूरे मामले को साइबर सेल को भेज दिया गया है। बातों में उलझाकर खाते से निकाले 15,999 रुपये
जासं, गोहाना : साइबर ठगों ने गांव कासंडी के ग्रामीण अशोक कुमार को अपना शिकार बनाया। एक व्यक्ति ने उसके मोबाइल पर काल की और परिवार का हालचाल लेने लगा। अशोक कुमार कोई जानकार समझ कर उसकी बातों में आ गया और मोबाइल पर आई जानकारी उससे साझा कर दी। इस पर उससे खाते से 15,999 रुपये निकाल लिए गए। अशोक कुमार की शिकायत पर सदर थाना में मामला दर्ज किया गया।
अशोक कुमार ने बताया कि 20 जनवरी को उसके मोबाइल पर एक नंबर से काल आई। उसने काल रिसीव की तो उस व्यक्ति ने कहा कि वह मनोज शर्मा बोल रहा है और परिवार का हालचाल जानने लगा। अशोक कुमार उसे अपना जानकार समझकर बातचीत करने लगा। इसके बाद काल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उसके खाते में रुपये नहीं आ रहे हैं और वह किसी दूसरे व्यक्ति को बोल कर उसके खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर करवाएगा। उस व्यक्ति ने बातों में उलझा कर अशोक से उसके मोबाइल से आए कुछ अंकों की जानकारी जुटाई। इसके बाद गुगल पे के माध्यम से उसके खाते से रुपये निकाल लिए। अशोक कुमार को जब ठगी का पता चला तो उसने उस नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की जिससे उससे बातचीत की गई थी। अशोक कुमार का दोबारा संपर्क नहीं हुआ।