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डेंगू का डंक खात्मे की ओर, मरीज मिलने बंद

अक्टूबर और नवंबर में दहशत का पर्याय बना डेंगू अब खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। जहां अक्टूबर के अंत में और नवंबर की शुरुआत में जिले में रोजाना डेंगू के 70-

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 05:19 PM (IST)
डेंगू का डंक खात्मे की ओर, मरीज मिलने बंद
डेंगू का डंक खात्मे की ओर, मरीज मिलने बंद

जागरण संवाददाता, सोनीपत: अक्टूबर और नवंबर में दहशत का पर्याय बना डेंगू अब खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। जहां अक्टूबर के अंत में और नवंबर की शुरुआत में जिले में रोजाना डेंगू के 70-80 मरीज रोजाना आ रहे थे, उधर अब मरीज मिलने बंद हो गए हैं। दो दिन से जिले में डेंगू को कोई मरीज नहीं मिला है। अब तक डेंगू के 999 मरीज मिल चुके हैं। अब ठंड बढ़ने से डेंगू का मच्छर मर गया है, इस कारण डेंगू का प्रकोप खत्म हो रहा है। अक्टूबर के मध्य में जिले में डेंगू के मरीज सामने आने शुरू हो गए थे। इसके बाद डेंगू ने ऐसा आतंक मचाया कि सरकारी और अस्पताल निजी अस्पताल मरीजों से भर गए थे। नवंबर के शुरू में जिले में रोजाना 70-80 मरीज रोजाना आ रहे थे। सैकड़ों लोगों की रोजाना डेंगू की जांच की जाती थी। नागरिक अस्पताल में मरीजों की जांच के लिए लाइन लगती थी। जब मरीज अधिक आने लगे तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और अस्पताल की दूसरी मंजिल पर डेंगू वार्ड बनाया गया। इसके अलावा गंभीर मरीजों के लिए आइसीयू बनाया गया। अस्पताल में मच्छरों का इतना आतंक था कि वार्ड और आइसीयू में मरीजों के बेडों पर मच्छरदानी लगाई जाती थी। जिले में अब तक एक हजार के करीब मरीज मिल चुके हैं। अब पारा गिरने से तापमान करीब पांच डिग्री के आसपास है। इस कड़ाके की ठंड में डेंगू का मच्छर जिदा नहीं रह पाता, और ठंड से उसकी मौत हो जाती है। अब दो दिन से डेंगू के मरीज नहीं मिल रहे। प्लेटलेट्स के लिए खानपुर की दौड़

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डेंगू के मरीज के प्लेटलेट्स बड़ी तेजी से गिरती हैं। जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा नहीं थी। इसके लिए मरीजों को खानपुर कलां स्थित बीपीएस मेडिकल कालेज के अस्पताल भेजा जाता था। वहां पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन इसके लिए मरीजों को 30-35 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब डेंगू का मच्छर अधिक ठंड से समाप्त हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन लोगों को डेंगू के प्रति सतर्क रहना चाहिए। अपने आसपास टायरों, बोतलों, कूलरों और फ्रिज के पीछे की ट्रे में पानी जमा नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है।

- डा. अनविता कौशिक, डेंगू की जिला नोडल अधिकारी 10 दिन में मरीजों की स्थिति

तारीख मरीज

08------------05

09------------10

10------------08

13------------10

14------------01

15------------02

16------------03

17------------00

18------------00

कुल-----------999

---------------------- 15 दिन से जिला कोरोना मुक्त जिले में 15 दिन से कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है। इसके साथ ही जिले में जितने सक्रिय केस थे, वे भी ठीक हो चुके हैं। तीन दिसंबर को जिले में एक कोरोना संक्रमित मिला था। तब दो सक्रिय केस थे। तब से नया संक्रमित नहीं मिला है। जिले में कोरोना के पाजिटिव मामलों का कुल आंकड़ा 47476 हो चुका है। अब तक जिले में कोरोना से 254 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में 47222 कोरोना मरीजों को ठीक होने के उपरांत डिस्चार्ज किया गया है।


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