लोगों को जबावदेही व जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रहे पुलिस अफसर
पुलिस अधिकारी गांवों में नुक्कड़ सभा करके और चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, सोनीपत : पुलिस अधिकारी गांवों में नुक्कड़ सभा करके और चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। एक ओर जहां उनकी परेशानियों को जानकर दूर किया जा रहा है, दूसरी ओर लोगों से स्थानीय पुलिस के व्यवहार की जानकारी भी जुटाई जा रही है। सर्दी में गांवों में सुरक्षा की जानकारी देने के साथ ही आनलाइन ठगी से बचने और आपराधिक गतिविधियों की सूचना पुलिस को देने को प्रेरित किया जा रहा है। एसपी के आदेश पर इस जनसंपर्क अभियान में सभी एएसपी और डीएसपी को लगाया गया है।
पुलिस और पब्लिक के बीच सामंजस्य का अभाव है। ग्रामीण पुलिस के संपर्क में आने से बचने लगे हैं। किसी घटना के होने के बाद ही लोग पुलिस तक पहुंचते हैं। कई बार गांवों में कई दिनों तक आपराधिक मामलों की सुगबुगाहट चलती रहती है, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी नहीं हो पाती है। पिछले दिनों गांव गुहणा में प्रेमी युगल की हत्या कर शवों को रजवाहे में बहा दिया, लेकिन मोहाना थाना पुलिस को इसकी सूचना कई दिन तक नहीं चली। ग्रामीणों और पुलिस में सामंजस्य का अभाव होने से अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। लोगों के पुलिस से दूरी बनाने का सबसे मुख्य कारण स्थानीय पुलिस का उत्पीड़न माना जा रहा है। रोजाना दर्जनों ऐसे मामले अधिकारियों के सामने आ रहे हैं, जब वह थाने में पहुंचने की बजाय पुलिस अधिकारियों के पास जाकर अपनी गुहार लगाते हैं।
इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीण जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत पुलिस अधिकारी गांवों में जाकर नुक्कड़ सभाओं और चौपालों का आयोजन कर रहे हैं। इनमें ग्रामीणों के साथ दो घंटे की अनौपचारिक बातचीत की जाती है। पुलिस अधिकारी ग्रामीणों को सर्दी के मौसम में बढ़ते अपराध के प्रति सावधान रहने, अपराध की सूचना तत्काल पुलिस को देने, गांवों में सुरक्षा समितियों का गठन करने, गांवों में रात में पहरा लगवाने की व्यवस्था करने के बारे में समझा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को आनलाइन ठगी से बचने के तरीकों से अवगत कराया जा रहा है। सुरक्षित वाहन संचालन के प्रति भी लोगों को जागरूक पुलिस अधिकारी ग्रामीणों से जानकारी कर रहे हैं कि स्थानीय पुलिस से किसी तरह की परेशानी तो नहीं है। उधर कई ग्रामीण पुलिस अधिकारियों को अपनी गुप्त शिकायत दे रहे हैं। इनमें ज्यादातर स्थानीय पुलिस की मनमानी के शिकार लोगों की है।
हम हर सप्ताह दो-तीन गांवों का भ्रमण कर रहे हैं। ग्रामीणों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इससे जहां कानून व्यवस्था कायम होगी, वहीं ग्रामीण जिम्मेदारी से सुरक्षा कर पाएंगे। परेशान लोगों को अब मुख्यालय तक आना पड़ता है। ऐसे में हम ही गांवों में पहुंचकर उनसे मिल ले रहे हैं। ग्रामीण भी सादा कपड़ों में पुलिस ही हैं। अब पुलिस और ग्रामीण मिलकर काम करेंगे।
- आइपीएस उपासना सिंह, एएसपी, सोनीपत
Edited By Jagran