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तीन दशक बाद खुला कॉलेज, अब भी सुविधाओं का अभाव

कृपया नेट पर देरी से जारी करें - मुरथल अड्डा स्थित राजकीय कन्या कॉलेज में नहीं बुनियादी सुविधाएं, 1

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 05:48 PM (IST)
तीन दशक बाद खुला कॉलेज, अब भी सुविधाओं का अभाव
तीन दशक बाद खुला कॉलेज, अब भी सुविधाओं का अभाव

अमित कौशिक, सोनीपत

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पिछले तीन दशकों की मांग के बाद इस शैक्षणिक सत्र से शहर को पहले राजकीय महिला कॉलेज की सौगात तो मिल गई, मगर यहां मूलभूत संसाधनों व सुविधाओं का अभाव छात्राओं का भविष्य बनाने में अभी नाकाफी है। मुरथल अड्डा स्थित राजकीय कन्या विद्यालय में अस्थायी रूप से स्थापित इस कॉलेज को अभी तक कोई भी जरूरी संसाधन नसीब नहीं हो सके हैं।

कॉलेज में कुल 185 छात्राएं हैं, जिनके बैठने के लिए केवल तीन कक्षाएं हैं। छात्राओं को पढ़ाने के लिए पर्याप्त प्राध्यापक नहीं हैं। वहीं परिसर में साफ-सफाई से लेकर अन्य कार्यों के लिए नॉन टी¨चग स्टाफ भी नहीं है। वर्तमान समय में जहां पढ़ाई के लिए कंप्यूटर अनिवार्य हो चुके हैं, यहां एक भी कंप्यूटर उपलब्ध नहीं है। यहां कंप्यूटर या भूगोल की लैब का ही अभाव नहीं, बल्कि पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी का भी इंतजाम नहीं है। कन्या कॉलेज में बैचलर ऑफ सोशल वर्क व फैशन डिजाइ¨नग का कोर्स शुरू किया जाना था। मगर संसाधनों के अभाव में यह कोर्स शुरू ही नहीं हो सके। इन प्राध्यापकों की खल रही कमी

कॉलेज में ¨हदी, राजनीतिक विज्ञान व शारीरिक शिक्षा का कोई भी प्राध्यापक नहीं है। इसके अलावा अर्थशास्त्र की प्राध्यापिका मातृत्व अवकाश पर चली गई हैं। वहीं भूगोल पढ़ाने के लिए मुरथल स्थित महिला कॉलेज के प्राध्यापक तीन दिनों के लिए सोनीपत आते हैं। बरामदे में लगती हैं कक्षाएं

कॉलेज की 185 छात्राओं पर कुल तीन कक्ष होने की वजह से मास कम्यूनिकेशन की छात्राएं तो रोजाना बरामदे में बैठकर शिक्षा ग्रहण करती हैं। कॉलेज में विभिन्न गतिविधियों को आयोजित करने के लिए भी कोई सुविधा नहीं है। अगर कोई कार्यक्रम आयोजित करना हो तो ¨प्रसिपल के कक्ष में ही किया जाता है। खेल व अन्य गतिविधियों में शून्य है कॉलेज

खेलों व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विख्यात जिले की छात्राओं को किसी भी खेल या अन्य गतिविधि में शामिल होने का विकल्प ही नहीं है। यहां न तो कोई छात्राओं को प्रशिक्षित करने के लिए है और न ही कोई संसाधन मुहैया कराए गए हैं। कॉलेज में निश्चित रूप से संसाधनों व सुविधाओं की कमी है, जिससे छात्राओं व स्टाफ को जूझना पड़ता है। मगर मैं असुविधा की ओर ध्यान न देकर बेहतर परिणामों पर नजर रख रही हूं। उम्मीद है कि जल्द ही सुविधाएं भी मिल जाएंगी।

- डॉ. सुमन दहिया, ¨प्रसिपल, राजकीय कन्या कॉलेज


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